I Havent Done Anything Wrong So Why Should I Accept It Brij Bhushan Singh Denies Sexual Harassment Allegations In Court – मैंने कोई गलती नहीं की, तो स्वीकार क्यों करूं : कोर्ट में बृजभूषण सिंह का यौन उत्पीड़न के आरोपों से इनकार


egai82ps brij bhushan I Havent Done Anything Wrong So Why Should I Accept It Brij Bhushan Singh Denies Sexual Harassment Allegations In Court - मैंने कोई गलती नहीं की, तो स्वीकार क्यों करूं : कोर्ट में बृजभूषण सिंह का यौन उत्पीड़न के आरोपों से इनकार

नई दिल्ली:

दिल्ली की एक अदालत ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के मामले में आज बीजेपी सांसद और कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय किए. राजनेता पर यौन उत्पीड़न, एक महिला के खिलाफ बल का प्रयोग और आपराधिक धमकी से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धाराएं लगाई गई हैं.

बीजेपी सांसद को आज दोपहर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में लाया गया. जब मामला सामने आया, तो उन्होंने खुद पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों से इनकार किया और कहा कि वो मुकदमे का सामना करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, “जब मैंने कोई गलती ही नहीं की, तो मैं इसे स्वीकार क्यों करूंगा?”

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इसके बाद कोर्ट ने आरोप तय किया और बृजभूषण सिंह को संबंधित दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने को कहा.

उत्तर प्रदेश से छह बार के सांसद बृजभूषण सिंह को इस बार यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर सार्वजनिक आलोचना के कारण भाजपा ने टिकट देने से इनकार कर दिया गया. इसके बजाय, पार्टी ने उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से मैदान में उतारा.

मेरे बेटे को टिकट मिला – टिकट कटने के सवाल पर बृजभूषण

बृजभूषण सिंह ने बाद में मीडिया से कहा, “आरोप तय हो गए हैं, अब दिल्ली पुलिस को उन्हें साबित करना है. मेरे पास अपनी बेगुनाही का सबूत है. ये झूठे मामले हैं. एक कानूनी प्रक्रिया है, हमें उसका पालन करना होगा.” ये पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है.”

भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है. ओलंपियन बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने पिछले साल जनवरी में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सड़क पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

विरोध के बाद, दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ दो एफआईआर दर्ज कीं, जिनमें से एक यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा (POCSO) अधिनियम के तहत थी. शिकायतकर्ता द्वारा अपना बयान वापस लेने के बाद दिल्ली पुलिस ने POCSO मामले में कैंसिलेशन रिपोर्ट दायर की. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कैंसिलेशन रिपोर्ट पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब जो एफआईआर अदालत में आई है, वो छह महिला पहलवानों द्वारा उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित है.



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