If Our Constitution Is Not Valid Then Why Not Disqualify?: Uddhav Thackeray Will Go To The Supreme Court Against The Speakers Decision – जब हमारा संविधान मान्य नहीं तो अपात्र क्यों नहीं किया? : उद्धव ठाकरे फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
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उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि, ”जिस तरह ये नार्वेकर को बिठाया था, उससे साफ था कि उनकी मिलीभगत है. कल ही मैंने शंका व्यक्त की थी कि यह लोकतंत्र की हत्या की चाल है. उन्होंने खुद कई पार्टियां बदली हैं. आगे के लिए उन्होंने अपना रास्ता साफ किया है.”
उन्होंने कहा कि, ”सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देश का भी उल्लंघन किया गया है. मुख्य बात कि किसी को अपात्र नहीं ठहराया. जब हमारा संविधान मान्य नहीं तो अपात्र क्यों नहीं किया? हम देखेंगे कि यह सर्वोच्च न्यायालय की अवामानना का मामला बनता है या नहीं? किसी भी केस में सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों और निर्देश को माना जाता था, लेकिन आज के फैसले से अब उस पर भी सवाल उठ गया है.”
ठाकरे ने कहा कि, ”हम सर्वोच्च न्यायालय में जाएंगे. चुनाव के पहले दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए. शिंदे की शिवसेना हो ही नहीं सकती क्योंकि उनका नाता शिवसेना से टूट चुका है. सर्वोच्च न्यायालय ने जो निर्देश दिया था उसके बाहर जाकर फैसला दिया है.”
उन्होंने कहा कि UBT नहीं, ”मेरा नाम उद्धव बाला साहेब ठाकरे है. कल जो मैंने कहा था वह आरोप नहीं, सत्य है. हमारा कुछ नही बिगड़ा है. जनता ही उठ खड़ी हुई है उनके खिलाफ.”
उद्धव ठाकरे ने कहा कि, ”मुझे लगता है जो जिम्मेदारी दी गई थी वो उनके समझ में नहीं आई थी. सुप्रीम कोर्ट ने फ्रेम वर्क दिया था, लेकिन उन्होंने वह छोड़कर कुछ अलग ही किया. खुद को सुप्रीम कोर्ट से ऊपर समझते हैं. क्या ट्रिब्यूनल सुप्रीम कोर्ट से भी ऊपर है? ये देखना होगा.”
ठाकरे ने कहा कि, ”इनका प्रयास सिर्फ समय निकालना है. दलबदल कानून को और मजबूत बनाना था लेकिन उन्होंने तो अपने लिए रास्ता बनाया है. हम जनता के लिए जनता के साथ रहेंगे । पहले भी लड़ रहे थे आगे भी लड़ेंगे. हमें उम्मीद है कि सर्वोच्च न्यायालय से न्याय मिलेगा.”
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शिवसेना के दो गुटों में टूटने और ठाकरे गुट के 16 विधायकों व शिंदे गुट के 14 विधायकों पर कार्रवाई को लेकर याचिकाओं पर अपने फैसले में आज कहा कि उद्धव ठाकरे का एकनाथ शिंदे को पार्टी से निकालना गलत था. स्पीकर ने शिंदे गुट के पक्ष में फैसला दिया. उद्धव गुट की मांग खारिज कर दी. उन्होंने कहा कि, एकनाथ शिंदे गुट को 55 में से 37 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. विधानसभा में शिंदे गुट ही असली शिवसेना पार्टी है.
उद्धव ठाकरे गुट का दावा था कि पक्ष (पार्टी) प्रमुख का फैसला अंतिम होता है. इसे स्पीकर ने खारिज कर दिया. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि, एकनाथ शिंदे का समूह ही असली शिवसेना है. स्पीकर ने कहा कि, एकनाथ शिंदे खेमे के विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि ठाकरे गुट के विधायक भी योग्य हैं. शिन्दे गुट ने, ठाकरे गुट के 14 विधायकों को अयोग्य करार करने की मांग को थी, जिसे स्पीकर ने खारिज कर दिया है.
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि 21 जून, 2022 को जब प्रतिद्वंद्वी गुटों का उदय हुआ तो शिवसेना का एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला गुट ही ‘असली राजनीतिक दल’ (असली शिवसेना) था.
शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी गुट द्वारा एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर अपना फैसला पढ़ते हुए नार्वेकर ने यह भी कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के सुनील प्रभु 21 जून, 2022 से सचेतक नहीं रहे.
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