“If we can’t do it, get it from Nandini…”, Tirupati Ghee controversy reached Patna, post war started on social media between Sudha and Mahavir Temple. Acharya Kishore Kunal told the whole truth


पटना:- तिरुपति बालाजी मंदिर से शुरू हुआ घी विवाद अब पटना पहुंच चुका है. सालों से कर्नाटक मिल्क फेडरेशन द्वारा बनाए जाने वाले नंदिनी घी से महावीर मंदिर का प्रसाद नैवेद्यम तैयार किया जाता है. महावीर मंदिर में अभी औसतन सवा लाख किलो प्रति माह नैवेद्यम की खपत हो रही है. इसके लिए हर महीने लगभग 15 हजार किलो शुद्ध घी कर्नाटक से मंगाया जा रहा है. सोशल मीडिया पर सवाल उठाया गया कि आखिर महावीर मंदिर सुधा के बजाय कर्नाटक से घी की खरीद क्यों करती है. इसपर महावीर मंदिर की तरफ से जवाब आया कि सुधा, गाय का शुद्ध घी नहीं बनाती है और इतनी ज्यादा मात्रा में सप्लाई करने में सक्षम भी नहीं है.

बिहार स्टेट मिल्क फेडरेशन ने किया पोस्ट
इसके बाद बिहार स्टेट मिल्क फेडरेशन ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सुधा महावीर मंदिर को घी सप्लाई करने को तैयार है. यह महावीर मंदिर ट्रस्ट पर निर्भर करता है कि उसके द्वारा अपने राज्य के किसानों द्वारा उत्पन्न गाय के शुद्ध घी का इस्तेमाल किया जाए या कहीं और का किया जाए. इसपर महावीर मंदिर न्यास के सचिव किशोर कुणाल ने Local 18 को खुलकर सारी बात बताई. उन्होंने कहा कि सबसे पहले हम सुधा के पास ही घी की खरीद करने के लिए गए थे, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि हम गाय के दूध से घी नहीं बनाते हैं. अगर आपको शुद्ध गाय का घी चाहिए, तो कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से खरीद लीजिए.

सुधा ने ही सुझाया था नंदिनी का नाम
महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि नैवेद्यम के शुरुआती सालों में दूध उत्पादकों से दूध की छाली मंगाकर उससे घी बनाया जाता और महावीर कैंसर संस्थान में मौजूद लैब में उसकी जांच कर नैवेद्यम बनाने में प्रयोग किया जाता था. लेकिन नैवेद्यम की बढ़ती मांग के हिसाब से घी की आपूर्ति कम पड़ती गयी. तब से सीधे घी की खरीद के लिए हमने बिहार स्टेट मिल्क फेडरेशन (सुधा) से बात की. तत्कालीन अधिकारियों ने यह कहते हुए मना कर दिया कि हम सिर्फ गाय के दूध से घी नहीं बनाते हैं. अगर आपको गाय के दूध से बना शुद्ध घी चाहिए, तो कर्नाटक मिल्क फेडरेशन लिमिटेड से बात करिए. उस समय हम नंदिनी घी के बारे में जानते नहीं थे, सुधा के अधिकारियों के कहने पर हमने नंदिनी से घी मांगना शुरू किया.

कई बार कर चुके हैं घी उपलब्ध कराने का अनुरोध
किशोर कुणाल ने Local 18 को बताया कि 2015 से फरवरी 2023 तक कई बार सुधा डेयरी के अधिकारियों से नैवेद्यम के लिए शुद्ध गाय का घी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया, लेकिन हर बार उन्होंने इतनी बड़ी मात्रा में शुद्ध गाय का घी उपलब्ध कराने में असमर्थता जताई. सुधा अधिकारियों से अंतिम अनुरोध 22 फरवरी 2023 को ईमेल से किया गया था. उन्होंने जवाब देने की भी शिष्टता नहीं दिखाई. फिर नैवेद्यम प्रतिनिधियों ने सुधा अधिकारियों से मुलाकात की और उनसे 15,000 से 20,000 किलोग्राम प्रतिमाह घी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया. लेकिन उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे इतनी मात्रा में शुद्ध गाय का घी उपलब्ध कराने की स्थिति में नहीं हैं. यही कारण है कि महावीर मंदिर ट्रस्ट ने नैवेद्यम तैयार करने में सुधा घी का उपयोग नहीं किया.

नंदिनी घी को क्यों चुना गया
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन लिमिटेड कोई अन्य दूध नहीं लेता. यहां केवल गाय के दूध से बने दही, घी आदि की बिक्री की जाती है. इसलिए यहां कोई अन्य दूध के मिलावट की गुंजाइश नहीं बनती. जबकि बिहार के सुधा डेयरी समेत अन्य डेयरी में गाय और भैंस सभी प्रकार का दूध लिया जाता है. सुधा डेयरी मिक्स दूध का ही घी बनाती है. यहां केवल गाय के दूध से बना घी उपलब्ध नहीं है, जबकि मिक्स दूध का घी नैवेद्यम के लिए उपयुक्त नहीं है. आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि इतनी दूरी से आने पर भी कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के गाय का घी अभी यहां पहुंचाकर 590 रुपये प्रति किलो दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें:- किंग कोबरा का बाप है ये खतरनाक सांप, काटने के 10 मिनट बाद ही हो जाती है मौत, ऐसे करें पहचान

सुधा को दिया ऑर्डर
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि अब सुधा डेयरी ने शुद्ध गाय का घी देने की पेशकश की है, उनका स्वागत है. उनसे तत्काल 100 किलो गाय का घी देने का अनुरोध किया गया है. इससे नैवेद्यम बनाकर भक्तों की राय मांगी जायेगी. उसके बाद थोक में ऑर्डर देने का निर्णय लिया जाएगा. अगर सुधा महावीर मंदिर को प्रति माह 15 से 20 हजार किलो शुद्ध गाय से बना घी देने को तैयार है, तो हम उनके साथ दीर्घकालीन समझौता करेंगे. लेकिन हमारा अनुरोध होगा कि नंदिनी की तरह वे भी हर खेप के साथ घी की शुद्धता का प्रमाण-पत्र भेजें और नंदिनी की दर पर या उससे कम दर पर गाय का घी उपलब्ध करायें. बंगलोर से पटना भेजकर नन्दिनी वाले 590 रुपए प्रति किलो शुद्ध गाय का घी दे रहे हैं. समान गुणवत्ता होने पर आवश्यक घी की आपूर्ति के लिए दीर्घकालिक समझौता होगा. तब हम खुशी-खुशी उनसे घी लेंगे. आरम्भ से ही मन्दिर में दूध और अन्य सुधा उत्पाद काफी मात्रा में उपयोग में लाए जाते रहे हैं.

Tags: Bihar News, Local18, PATNA NEWS, Tirupati balaji



Source link

x