IIT क्रैक कर किसान का बेटा बना प्रोफेसर, 4 बीघा खेती से चलता है घर, पिता ने कर्ज लेकर पढ़ाया


Agency:News18 Uttar Pradesh

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Success story Ghazipur farmer : मदन मोहन मालवीय से प्रेरणा लेकर अपने बच्चों को लोन लेकर पढ़ाया. धान-गेहूं से घर नहीं चला तो सब्जी की खेती से आमदनी बढ़ाई. आज एक बेटा प्रोफेसर और दूसरा NSD कलाकार.

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कर्ज लेकर गाजीपुर के किसान ने बच्चों को बनाया प्रोफेसर और कलाकार, सब्जी की खेती
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“कर्ज लेकर गाजीपुर के किसान ने बच्चों को बनाया प्रोफेसर और कलाकार, सब्जी की खेती

गाजीपुर. कहते हैं कि बच्चे की सफलता की चाबी माता-पिता के हाथ में होती है. वो जैसा गढ़ते हैं, बच्चे वैसा बनते हैं. गाजीपुर के छोटे से गांव कटरिया कराना के किसान रामायण सिंह यादव की कहानी किसी के लिए भी प्रेरणा स्रोत हो सकती है. एक पिता के रूप में उनका जीवन संघर्ष और सपनों की मिसाल है. उनके पास अपनी जमीन नहीं है. दूसरे की 2-4 बीघा जमीन पर खेती करते हुए उन्होंने अपने परिवार को संभाला।

रामायण सिंह कहते हैं कि धान और गेहूं से घर में अनाज और गाय के लिए चारा मिल जाता है, लेकिन इससे घर का खर्चा नहीं चलता. सब्जी की खेती ने हमें आमदनी का नया रास्ता दिखाया. परवल और मोटे अनाज की खेती से मिलने वाली आमदनी ने उन्हें अपने बच्चों की पढ़ाई और परिवार की जरूरतें पूरी करने में मदद की. रामायण सिंह ने अपने बड़े बेटे की पढ़ाई के लिए एक लाख रुपये का कर्ज लिया. वे कहते हैं कि मदन मोहन मालवीय ने कर्ज लेकर एक यूनिवर्सिटी बनाई तो मैंने सोचा कि मैं भी अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए तो कर्ज ले ही सकता हूं.

PSIT में प्रोफेसर

रामायण सिंह के बेटे डॉ. सीताराम यादव ने प्रयागराज में अपना ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन पूरा किया. फिर कानपुर में जेईई एडवांस की तैयारी की, जिसमें काफी पैसे खर्च हुए. BHU से IIT क्रैक करने के बाद सीताराम ने पांच साल तक पीएचडी की. आज वे कानपुर के PSIT कॉलेज में प्रोफेसर हैं और अपने पिता का कर्ज चुकाने में मदद कर रहे हैं.

सपने अधूरे नहीं छोड़े

कुछ पैसों के लिए  इमान बदल लेने वालों के लिए रामायण सिंह यादव की ईमानदारी प्रेरणा स्रोत है. रामायण सिंह लोकल 18 से बताते हैं कि लोगों ने मुझे कर्ज दिया. सभी ने दिल खोलकर मदद की. उनमें से कुछ लोग अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन मैंने उनका कर्ज भी पूरी ईमानदारी से चुकाया. रामायण सिंह यादव का एक और बेटा नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) की तैयारी कर रहा है. रामायण सिंह कहते हैं कि मेरे बच्चों की सफलता मेरी सबसे बड़ी कमाई है. कर्ज धीरे-धीरे चुका दूंगा, लेकिन मैंने अपने सपनों को कभी अधूरा नहीं छोड़ा.

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