Imamganj Upchunav 2024: इमामगंज में जीतन राम मांझी की प्रतिष्ठा दांव पर, इस उप चुनाव बदल जाएगा इतिहास


गया- बिहार के चार विधानसभा सीट इमामगंज, बेलागंज, तरारी और रामगढ़ में उपचुनाव के लिए आज वोट डाले जाएंगे. इमामगंज और बेलागंज गया जिले के अंतर्गत आती है. बात करें इमामगंज विधानसभा सीट की तो यह सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए सुरक्षित सीट है और पिछले 24 साल से यहां से एनडीए के उम्मीदवार को ही जीत मिलते रही है. हालांकि इस उप चुनाव में जिस भी दल के उम्मीदवारों की जीत होगी उनका नाम इमामगंज के इतिहास में दर्ज हो जाएगा.

दरअसल इमामगंज विधानसभा सीट पर कभी भी राजद का कोई विधायक नहीं बना हैं. इसके अलावा कोई महिला उम्मीदवार भी आज तक यहां से चुनाव नहीं जीत सकी है. लेकिन इस उप चुनाव में इमामगंज विधानसभा सीट का इतिहास बदलने वाला है. ऐसा पहली बार होगा कि अगर एनडीए के प्रत्याशी को जीत मिलती है तो इमामगंज को पहला महिला विधायक मिलेगा.

वहीं महागठबंधन के प्रत्याशी को जीत मिलती है तो राजद से पहला विधायक मिलेगा जबकि जनसुराज पार्टी पहली बार चुनावी मैदान में है और इनके उम्मीदवार की जीत होती है तो यह भी पहली बार विधायक होंगे. हालांकि इस बार का उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है इस मुकाबले में जातीय समीकरण अहम भूमिका निभा रही है.

इमामगंज विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय पत्रकार मनोज कुमार मिश्रा बताते हैं कि महागठबंधन का माय समीकरण मुसलमान और यादव एकजुट होकर वोट करेंगे तो पहली बार राजद से विधायक बन सकता है. इमामगंज में कोयरी समाज का वोट भी काफी निर्णायक माना जाता है और जिस भी उम्मीदवार को वह वोट करते हैं उनकी जीत पक्की हो जाती है.

वैसे कोयरी समाज का वोट एनडीए का वोट बैंक माना जाता है. वहीं इस चुनाव में पहली बार भाग्य आजमा रही जनसुराज भी पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में है और मुकाबला को त्रिकोणीय बना दिया है.

उन्होंने बताया इमामगंज की बात की जाए तो यहां से पूर्व विधायक जीतन राम मांझी हो या उदय नारायण चौधरी दोनो के कार्यकाल में काफी विकास हुआ है. जीतन राम मांझी के कार्यकाल के दौरान कई सड़क, पुल पुलिया और राज बांध का निर्माण किया गया. यह बांध काफी महत्वपूर्ण था इसके लिए यहां के लोंगों के द्वारा सालों से मांग की जा रही थी जिसे जीतन राम मांझी के बेटे और बिहार सरकार के कैबिनेट मंत्री संतोष कुमार सुमन के द्वारा पूरा किया गया. वहीं उदय नारायण चौधरी ने आईटीआई और डुमरिया में पावर ग्रिड के स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

बता दें कि इमामगंज विधान सभा क्षेत्र से पहली बार 1957 से 1962 वर्ष तक निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अंबिका प्रसाद सिंह एवं दूसरी बार स्वतंत्रता पार्टी से 1962 से 1967 वर्ष तक अंबिका प्रसाद सिंह ने प्रतिनिधित्व किया. उसके बाद 1967 से 1969 वर्ष तक इंडियन नेशनल कांग्रेस से देवधारी राम इमामगंज के विधायक बने. उसके बाद 1969 से 1972 वर्ष तक संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से ईश्वर दास विधायक बने. 1972 से 1977 वर्ष तक इंडियन नेशनल कांग्रेस के टिकट पर अवधेश्वर राम विधायक चुने गए.

1977 से 1980 वर्ष तक जनता पार्टी से पुनः ईश्वर दास निर्वाचित हुए.1980 से 1985 तक कांग्रेस से श्रीचंद्र सिंह चुने गये.1985 से 1990 तक पुनः श्रीचंद्र सिंह ने प्रतिनिधित्व किया. 1990 से 1995 तक जनता दल से उदय नारायण चौधरी चुनाव जीते. 1995 से 2000 वर्ष तक समता पार्टी से रामस्वरूप पासवान निर्वाचित हुए. 2000 से 2015 वर्ष तक लगातार तीन बार उदय नारायण चौधरी इमामगंज विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. 2015 से जून 2024 तक जीतन मांझी प्रतिनिधित्व किए हैं.

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