Imamganj Upchunav 2024 : इमामगंज विधानसभा के इन गांवों की सबसे बड़ी समस्या पुल और नेटवर्क का न होना, आजतक मिला सिर्फ वादा…


गया : बिहार के गया जिला में आज भी कई ऐसे गांव है जो विकास से कोसो दूर हैं. जिले के डुमरिया और इमामगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बरहा, छकरबंधा, लूटीताड, पिछुलिया, महुरांव, चौरीटांड, खड़ाउं समेत एक दर्जन से भी अधिक ऐसे गांव है जो पहाड़ों में बसे हुए हैं और यहां आज भी बिजली, सड़क, पानी, मोबाइल नेटवर्क की सबसे बड़ी समस्या है. चूंकि अभी इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हो रहा है और यहां पर 13 नवंबर को मतदान होगा. ऐसे में लोकल 18 की टीम इस जगह पर पहुंचकर लोगों से उनके मिजाज को टटोलने कि कोशिश की.

चारों ओर से पहाड़ के बीच में बसे एक दर्जन से अधिक गांव के लोगों को चुनाव से पहले जनप्रतिनिधि कई तरह के दावा करते हैं लेकिन यह दवा अभी भी अधूरा है. इस इलाके में खड़ाउं और लूटीताड जैसे ऐसे भी गांव हैं जहां सड़क संपर्क मार्ग नहीं है. लोग पैदल ही पहाड़ के रास्ते स्थानीय बाजार मैगरा या इमामगंज पहुंचते हैं. वहीं महुरांव गांव के पास नदी पर पुल भी यहां के लोंगो के लिए बडी समस्या है. नदी पर पुल नहीं होने से 7-8 गांव के लोंगो को काफी परेशानी होती है और प्रखंड मुख्यालय डुमरिया तक पहुंचने के लिए इन्हें 30 किमी की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है.

चूंकि छकरबंधा पंचायत पहाड़ों में बसी हुई है इसलिए यहां मोबाइल नेटवर्क भी सबसे बडी समस्या है. मोबाइल नेटवर्क नहीं होने के कारण लोग एक दूसरे से संपर्क भी नहीं कर पाते हैं. पहाड़ में बसे कई गांव में नेटवर्क नहीं होने के कारण लोग पहाड़, पेड या घर के छत पर चढकर फोन लगाते है. लोकल 18 से बात करते हुए छकरबंधा पंचायत के ग्रामीणों ने बताया कहने को तो हम आजाद हैं लेकिन डिजिटल युग में भी हमारे क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क नहीं है. 10 साल जीतन राम मांझी यहां से विधायक रहें लेकिन उन्होंने कोई काम नहीं किया है. महुरांव इस्लामपुर गांव को जोड़ने वाली नदी पर पुल भी सबसे बडी समस्या है. जीतन राम मांझी विधायक थे तो उन्होंने यहां पर पुल बनाने का वादा किया था लेकिन कोई काम नहीं हुआ.

ग्रामीणों ने बताया दो दिन पहले बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन यहां पहुंचे थे और उन्होंने यहां 5 जी मोबाइल टावर लगवाने का आश्वासन दिया है. लेकिन सबसे बडी समस्या पुल का है. नदी पर पुल बन जाता है तो हजारों लोगों को लाभ मिलेगा और प्रखंड मुख्यालय डुमरिया पहुंचना भी आसान हो जाएगा. ग्रामीणों ने बताया पहाड़ में छकरबंधा पंचायत का 19 टोला बसा हुआ है और लगभग 20 हजार की आबादी है. अगर कोई बीमार पड जाता है तो डुमरिया या गया जाने के लिए सोचना पडता है. यहां कई ऐसे गांव हैं जहां गर्मी के दिनों में पानी की भारी किल्लत हो जाती है और पानी के लिए लोग त्राहिमाम करते हैं.

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