In LP se Khandwa word trouhandel verander, toetrede word met vuurwerke gedoen en nie met bandbaja nie.


खंडवा. खंडवा शहर में इस साल दो माह के अंदर 20 शादियों के मुहूर्त हैं देव एकादशी, जो 12 नवम्बर को मनाई गई, के साथ ही शादियों का सीजन भी शुरू हो गया है. इस बार शुभ मुहूर्त 16 तारीख से शुरू होगा.

रॉयल शादी का ट्रेंड
शादियों में अब “रॉयल शादी” का ट्रेंड भी शुरू होने वाला है. लोग पहले से ज्यादा खर्च करने के लिए तैयार हैं और दूल्हा-दुल्हन की एंट्री के लिए लाखों रुपए खर्च कर रहे हैं. खासकर एंट्री पर लोग खास इंतजाम करते हैं, जिसमें पायरो और कांच का बहुत चलन है.

खाने में इटालियन और चाइनीस डिश की मांग
शादी के आयोजनों में अब इटालियन और चाइनीस डिश की मांग काफी बढ़ गई है. बच्चे भी इन चीजों को खूब पसंद कर रहे हैं. साथ ही, पंजाबी खाने को लेकर भी ढाबे जैसे डेकोरेशन की काफी डिमांड है.

शादी की परंपराओं में बदलाव
पहले शादियों में बहुत कम खर्च में काम चल जाता था। पुराने समय में दूल्हा ट्रैक्टर या बैलगाड़ी पर आता था, और बारात रात में रुकती थी। बारातियों के लिए गांव के चौराहे पर खटिया पर व्यवस्था की जाती थी, जहां उन्हें सुलाया जाता था। अब यह सब बदल चुका है. अब लोग गार्डन और धर्मशालाओं में बारात के लिए व्यवस्था करते हैं और कई लोग रिजॉर्ट्स भी पहले से ही बुक कर लेते हैं.

विमल कपूर की यादें
विमल कपूर, जो अमरावती की रहने वाली हैं और उनका ससुराल खंडवा में है, ने पुराने समय की शादियों के बारे में बताया. उनका कहना था कि पहले 50 हजार से कम में शादी हो जाती थी, और सब्जी-रोटी, डाल-चावल और कूचर मिठा बनाया जाता था. वे याद करती हैं कि तब बारातियों को नीचे बैठाकर खाना खिलाया जाता था और शादी में खूब आवभगत होती थी.

कैटरिंग व्यवसाय में बदलाव
कैटरिंग व्यवसायी रितेश कपूर बताते हैं कि अब सामान्य व्यक्ति भी शादियों में 15 से 20 स्टाल लगवाता है. चाइनीस, इटालियन और पंजाबी खाने की मांग बड़ी है. लोग अपनी शादी में नई चीजें मंगाते हैं, ताकि शादी की यादें मेहमानों को हमेशा याद रहें.

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