In South Korea after death people turn the dead body into pearls know why


दुनियाभर में अपनों को खोने के गम में लोग क्या नहीं कर जाते. कुछ लोग अपनों की यादों को सहेजकर रखना चाहते हैं तो कुछ जगहों पर परंपराएं ही ऐसी हैं कि वहां अपनों को मौत के बाद भी सहेजकर रखा जा सकता है. ऐसी ही एक परंपरा है मृत शरीर को मोती में बदल देने की परंपरा. दरअसल ये परंपरा दक्षिण कोरिया में निभाई जाती है, जहां अपनों की मौत के बाद उनके शव को मोतियों में बदलकर उन्हें सहेजकर रखा जाता है.

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यहां शव को इस तरह मोतियों में बदल दिया जाता है

दुनियाभर में अलगअलग धर्मों के लोग रहते हैं और वो अलगअलग परंपराओं का पालन करते हैं, चाहे वो किसी बच्चे के पैदा होने के समय हो, शादी के समय हो या फिर मौत के बाद. इसी तरह मरने के बाद एक जगह ऐसी परंपरा निभाई जाती है जिसे सुनकर आप चौंक जाएंगे. दरअसल हम दक्षिण कोरिया की बात कर रहे हैं.

दक्षिण कोरिया में अंतिम संस्कार की कुछ ऐसी परंपराएं हैं जो सबसे हटकर है. यहां पर जब किसी की मौत हो जाती है तो मृतक के परिजन उसके शव को जलाने के बाद, उसकी राख को अलगअलग रंगों के मोतियों जैसे फिरोजी, गुलाबी या फिर काले रंग में संरक्षित कर लेते हैं. इसके बाद उन मोतियों को कांच के बरतन में रखकर घर की खास जगह पर रख दिया जाता है. दरअसल इस तरह दक्षिण कोरिया के लोगों को लगता है कि मौत के बाद भी उनके प्रियजन उनके आसपास ही हैं.

कंपनियां करती है ये काम

लॉस एंजल्स टाइम्स की मानें तो दक्षिण कोरिया की एक डेथ बीड कंपनी बोनहयांग भी शवों की राख को मोतियों में संरक्षित करने का काम कर रही है. कंपनी के संस्थापक और सीईओ बा जेयूल की माने तो उन्होंने पिछले एक दशक में एक हजार से ज्यादा ग्राहकों को अपनी सेवाएं दी हैं. इसी तरह कुछ और कंपनियां भी दक्षिण कोरिया में शवों की राख को मोतियों में बदलने का काम करती हैं. खास बात ये है कि इन मोतियों के हार नहीं बनाए जाते, बस उन्हें घर के किसी कोने में संरक्षित करके रख लिया जाता है.                                              

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