In whose hands is the remote for nuclear bombs in Pakistan Know the answer
पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो ऐतिहासिक रूप से अपने परमाणु हथियारों के लिए जाना जाता है. पाकिस्तान ने 1998 में अपने परमाणु परीक्षण के साथ ही दुनिया को यह संदेश दिया था कि वह भी परमाणु शक्ति संपन्न देशों में शामिल है. पाकिस्तान के परमाणु बमों का कंट्रोल एक बेहद संवेदनशील और गोपनीय मामला है और यह सवाल अक्सर उठता है कि इन हथियारों का रिमोट कंट्रोल असल में किसके हाथों में होता है. चलिए जानते हैं.
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पाकिस्तान में किसके हाथ में होता है परमाणु बम का रिमोर्ट?
पाकिस्तान में परमाणु हथियारों के संचालन और नियंत्रण का मामला बेहद संवेदनशील है. इसका नियंत्रण देश के सर्वोच्च नेतृत्व यानी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री और एक अत्यधिक गोपनीय संस्थान न्यूक्लियर कमांड और कंट्रोल सिस्टम (NCCS) के पास होता है.
पाकिस्तान में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का अंतिम निर्णय राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मिलकर लेते हैं. हालांकि, सेना की भूमिका भी बहुत खास होती है. सेना परमाणु हथियारों को सुरक्षित रखने और उन्हें लॉन्च करने के लिए जिम्मेदार होती है.
पाकिस्तान कैसे किया पहला परमाणु परीक्षण?
पाकिस्तान ने 1970 के दशक में अपने परमाणु कार्यक्रम की शुरुआत की थी. खासतौर पर पाकिस्तान ने परमाणु हथियार इसलिए बनाए ताकि वो भारत के परमाणु हथियारों के समान हो जाए, क्योंकि भारत ने 1974 में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था. इसके बाद पाकिस्तान ने क्यूबा और चीन से तकनीकी सहायता ली और अपने परमाणु हथियारों के विकास की दिशा में तेजी से काम किया.
1998 में पाकिस्तान ने अटल बिहारी वाजपेयी की भारतीय सरकार द्वारा किए गए पाकिस्तान परीक्षणों के बाद किस्सा (Chagai-I) में परमाणु परीक्षण कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया. पाकिस्तान का परमाणु भंडार तब से अब तक लगातार बढ़ता रहा है.
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कौन करता है पाकिस्तान में परमाणु हथियारों की सुरक्षा?
पाकिस्तान का नेशनल कमांड अथॉरिटी (NCA) परमाणु हथियारों की सुरक्षा और उनके इस्तेमाल का मुख्य जिम्मेदार संगठन है. NCA के तहत पाकिस्तान ने कई सुरक्षा उपाय अपनाए हैं, ताकि परमाणु हथियारों तक किसी का अनधिकृत पहुंच न हो सके. ये सुरक्षा उपाय इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कानूनी और बड़े आदेश से हो.
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