India Discusses Withdrawal Of Army From Maldives Amid Latest Dispute – भारत ने मालदीव से ताजा विवाद के बीच सेना वापस बुलाने पर की चर्चा
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खास बातें
- युगांडा में हुई भारत और मालदीव के विदेश मंत्रियों की मुलाकात
- एस जयशंकर ने इस मुलाकात को लेकर किया ट्वीट
- मालदीव के मंत्री ने भी इस मुलाकात का किया जिक्र
नई दिल्ली:
लक्षद्वीप-मालदीव विवाद के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को अपने समकक्ष मूसा जमीर से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच मौजूदा हालात और संबंधों को लेकर बात हुई. यह बैठक युगांडा की राजधानी कंपाला में हुई है. जयशंकर शुक्रवार से शुरू होने वाले गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए कंपाला में हैं.
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एस जयशंकर ने मालदीव के अपने समकक्ष से मुलाकात को लेकर एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट भी किया. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा कि आज मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से मुलाकात हुई. इस मुलाकात के दौरान भारत-मालदीव के बीच के संबंधों के साथ-साथ नॉन अलाइंड मूवमेंट (NAM) से संबंधित मुद्दों पर भी बात हुई.
Met Maldives FM @MoosaZameer today in Kampala.
A frank conversation on 🇮🇳-🇲🇻 ties. Also discussed NAM related issues. pic.twitter.com/P7ResFlCaK
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 18, 2024
वहीं, एस जयशंकर के साथ हुई इस भेंट को लेकर मालदीव के विदेश मंत्री ने भी एक पोस्ट किया. उन्होंने इस पोस्ट में लिखा कि NAM शिखर सम्मेलन के दौरान एस जयशंकर से मिलना खुशी की बात थी.
मालदीव के मंत्री ने भी किया एक्स पर पोस्ट
इस मुलाकात के दौरान हमने भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी के साथ-साथ मालदीव में चल रही विकास परियोजनाओं को पूरा करने में तेजी लाने और सार्क और एनएएम के भीतर सहयोग पर चल रही उच्च स्तरीय चर्चा पर विचारों का आदान-प्रदान किया. मालदीव के मंत्री ने आगे लिखा कि हम अपने सहयोग को और मजबूत करने और विस्तारित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने इस बैठक की एक तस्वीर भी पोस्ट की है.
पिछले साल से ही बिगड़ने लगे थे संबंध
बता दें कि भारत-मालदीव संबंधों में बीते कुछ समय से तनाव देखने को मिल रहा है. हालांकि, दोनों देशों के बीच के रिश्ते में खटास पिछले साल से उस समय से ही दिखना शुरू हो गया था जब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, जिन्हें व्यापक रूप से चीन समर्थक नेता के रूप में देखा जाता है, ने नवंबर में राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद कहा कि वह भारतीय सैन्य कर्मियों को अपने देश से बाहर निकालने के अपने चुनावी वादे को निभाएंगे.
मालदीव के मंत्रियों ने पीए मोदी पर की थी टिप्पणी
दोनों देशों के बीच के रिश्ते में तनाव इस महीने की शुरुआत में उस समय और बढ़ गया जब सोशल मीडिया पर मालदीव के एक मंत्री और कुछ अन्य नेताओं ने लक्षद्वीप के एक प्राचीन समुद्र तट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो पोस्ट करने के बाद उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की. हालांकि, इस विवाद को बढ़ता देख मोहम्मद मुइज्जू ने तीन मंत्रियों को उनकी सोशल मीडिया पोस्ट के बाद निलंबित कर दिया. बता दें कि मालदीव जाने वाले पर्यटकों में भारत नंबर वन पर है. ऐसे में इस देश की अर्थव्यवस्था के लिए भारतीय पर्यटक बेहद अहम है.
गौरतलब है कि मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है और रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्रों सहित समग्र द्विपक्षीय संबंधों में माले की पिछली सरकार के तहत प्रगति देखी गई.पिछले साल मई में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मालदीव का दौरा किया था, जिसके दौरान उन्होंने इस देश को एक तेज़ गश्ती जहाज और एक लैंडिंग क्राफ्ट सौंपा था.अगस्त में, प्रधानमंत्री मोदी और मालदीव के तत्कालीन राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने भारत द्वारा वित्त पोषित ग्रेटर माले कनेक्टिविटी परियोजना की शुरुआत की, जिसे मालदीव में सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा पहल के रूप में पेश किया गया.