India-New Zealand Discuss Cooperation In Medicine, Digital Trade, Payment Systems – भारत-न्यूजीलैंड के बीच औषधि, डिजिटल व्यापार, भुगतान प्रणालियों में सहयोग पर चर्चा


भारत-न्यूजीलैंड के बीच औषधि, डिजिटल व्यापार, भुगतान प्रणालियों में सहयोग पर चर्चा

भारत और न्यूजीलैंड ने द्विपक्षीय व्यापार के लिए चर्चा की है.

नई दिल्ली:

भारत और न्यूजीलैंड द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए औषधि, डिजिटल व्यापार और सीमापार भुगतान प्रणाली जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं. वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल की हाल में संपन्न न्यूजीलैंड यात्रा के दौरान इन सहयोगों के माध्यम से व्यापार को बढ़ावा देने के मुद्दों पर चर्चा की गई. बर्थवाल 26-27 अप्रैल को न्यूजीलैंड के दौरे पर गए थे.

वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि दोनों अर्थव्यवस्थाओं में द्विपक्षीय व्यापार को और बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं. मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘यात्रा के दौरान हुई बैठकों में बाजार पहुंच के मुद्दों और आर्थिक सहयोग वाली परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करने के साथ नई पहलों के लिए अवसरों का तलाशा गया.”

दोनों पक्षों ने मजबूत द्विपक्षीय आर्थिक वार्ता ढांचे की स्थापना तथा प्रमुख व्यापार एवं आर्थिक मुद्दों पर सतत सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, भंडारण तथा परिवहन, वानिकी और औषधि जैसे क्षेत्रों में कार्य समूहों के गठन पर चर्चा की.

विचार-विमर्श में किवी फल के साथ दुग्ध क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई. अंगूर, भिंडी और आम जैसे उत्पादों पर स्वच्छता और पादप स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे भी चर्चा में शामिल थे. जैविक उत्पादों में पारस्परिक मान्यता व्यवस्था (एमआरए) और वाहनों के लिए तुलनीय घरेलू मानकों की पारस्परिक मान्यता सहित सरलीकृत समरूपता पर भी चर्चा हुई.

मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने रचनात्मक वार्ता और सहयोग के जरिये इन मुद्दों को सुलझाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई.” इसके अलावा औषधि एवं चिकित्सकीय उपकरणों के क्षेत्र में सहयोग पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें विनियामक प्रक्रियाओं में तेजी लाने और विनिर्माण सुविधाओं के गुणवत्ता मूल्यांकन को अपनाना भी शामिल है.

मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत से दवाओं की अधिक आपूर्ति तथा चिकित्सकीय उपकरण क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा हुई. दोनों पक्षों ने डिजिटल व्यापार, राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान, सीमा पार भुगतान प्रणाली आदि में सहयोग के अवसरों पर चर्चा की.”



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