India Would Not Have Been Partitioned If Netaji Subhas Bose Was There: NSA Ajit Doval – सुभाष चंद्र बोस में अंग्रेजों को चुनौती देने का था साहस, वह होते तो देश का विभाजन नहीं होता : NSA अजीत डोभाल
उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा आयोजित पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मृति व्याख्यान में एनएसए ने यह बात कही.
अपने संबोधन के दौरान, डोभाल ने बोस के जीवन के विभिन्न पहलुओं की पड़ताल की और कहा कि उनमें महात्मा गांधी को चुनौती देने का साहस भी था, लेकिन इसके साथ ही, डोभाल ने कहा कि बोस के मन में गांधी के लिए बहुत सम्मान था.
डोभाल ने कहा, “यह विचार उनके दिमाग में आया कि ‘मैं अंग्रेजों से लड़ूंगा, मैं आजादी की भीख नहीं मांगूंगा. यह मेरा अधिकार है और मुझे इसे प्राप्त करना होगा.”
उन्होंने कहा, “अगर सुभाष बोस होते तो भारत का विभाजन नहीं होता. जिन्ना ने कहा कि मैं केवल एक नेता को स्वीकार कर सकता हूं और वह सुभाष बोस हैं.”
डोभाल ने कहा कि भारत के लिए बोस का योगदान अनुकरणीय है.
उन्होंने कहा, “भारतीय इतिहास में, बहुत कम समानताएं हैं या वैश्विक इतिहास में जहां लोगों में धारा के खिलाफ बहने का साहस था – और यह आसान धारा नहीं थी. यह शक्तिशाली ब्रिटिश साम्राज्य की धारा थी.”
डोभाल ने कहा, “नेताजी ने कहा कि मैं पूर्ण स्वतंत्रता और आजादी से कम पर समझौता नहीं करूंगा.”
एनएसए ने बताया कि नेताजी ने कहा “मैं इस देश को न केवल राजनीतिक अधीनता से मुक्त करना चाहता हूं” बल्कि उनका मानना था कि लोगों की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक मानसिकता को बदलना होगा, और “उन्हें आकाश में स्वतंत्र पक्षियों की तरह महसूस करना चाहिए”.
डोभाल ने कहा, “बोस के पास ऐसा साहस था जो किसी अन्य के पास नहीं था. परिणामों की परवाह किए बिना, उनके पास प्रचलित शक्तियों को चुनौती देने का साहस था. उन्होंने अद्वितीय बहादुरी और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया.”
ये भी पढ़ें :
* इजराइल के विदेश मंत्री को समय से पहले खत्म करना पड़ा भारत दौरा, हुए 3 अहम समझौते
* अजीत डोभाल की सऊदी, UAE और अमेरिका के NSA के साथ मीटिंग क्यों चर्चा में है? जानिए वजह
* “आतंकवाद अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा” : SCO देशों के सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में बोले अजीत डोभाल
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)