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Foreign Minister Visa Protocol: पाकिस्तान में शंघाई  कोऑपरेशन आर्गेनाइजेशन की 25वीं एनुअल समिट हो रही है. जिसमें चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, ईरान और भारत के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं. भारत की ओर से इस मीटिंग में विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल होने गए. भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते ज्यादा अच्छे नहीं है.

और इसी वजह से कई लोगों के मन में सवाल आ रहा है. क्या भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर को पाकिस्तान जाने के लिए वीजा लेना पड़ा है. चलिए आपको बताते हैं क्या है इसका जवाब और क्या होते हैं किसी विदेश मंत्री के दूसरे देश यात्रा करने को वीजा को लेकर नियम. 

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के लिए वीजा लिया?

समान्य तौर पर जब किसी देश का कोई ऑफिशियल आधिकारिक सरकारी यात्रा के लिए दूसरे देश जाता हैं. तो ऐसी स्थिति में सरकार द्वारा उसे डिप्लोमेट पासपोर्ट दिया जाता है. जिसमें बहुत सी छूट शामिल होती हैं. डिप्लोमेट पासपोर्ट यह दर्शाता है कि संबधित आधिकारी सरकार के आधिकारिक काम से उस देश में आया है.

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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी डिप्लोमेट पासपोर्ट पर पाकिस्तान गए हैं. कई देशों में सरकार का ऑफिशियल्स और डिप्लोमेट पासपोर्ट धारकों को कई देशों में वीजा पर छूट दी जाती है. लेकिन भारत के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में डिप्लोमेट वीजा धारक भारत के ऑफिशियल्स को वीजा में छूट नहीं दी जाती. 

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सरकारी काम के लिए वीजा के नियम

भारत के गृह मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर मिली जानकारी के मुताबिक दुनिया के 101 देशों में भारतीय डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होल्डर और ऑफिशियल काम से विदेश यात्रा पर जाने वाले अधिकृत लोगों को वीजा की जरूरत नहीं होती. बता दें कि ज्यादातर देशों में यही नियम लागू होते हैं.

लेकिन जिन देशों के बीच राजनयिक संबंध तनावपूर्ण होते हैं. वहां यह छूट नहीं मिलती है. भारत और पाकिस्तान के बीच फिलहाल संबंध तनावपूर्ण स्थिति में हैं. इसीलिए भारत के डिप्लोमेट्स और ऑफिशियल काम के लिए गए हुए लोगों को भी वीजा लेकर जाना होता है. 

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