indian military will conduct these tanks and ships to the arsenal know the specialities of it


Indian Military Arsenal:  भारतीय सेना और दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना है. भारतीय सेना में कुला 51 लाख से भी ज्यादा एक्टिव जवान मौजूद हैं. भारत हर साल 74 बिलीयन डॉलर यानी 6000 करोड़ से भी ज्यादा डिफेंस बजट पर खर्च करता है. भारतीय सेना के पास दुनिया के तमाम आधुनिक हथियार है.

इसके साथ ही और भी आधुनिक कॉम्बैट उपकरण सेना के जखीरे में है. पिछले साल सितंबर में  रक्षा मंत्रालय ने 1.45 लाख करोड़ के डिफेंस प्रपोजल को मंजूरी दी है. जिससे अब भारतीय सेना के लिए आधुनिक टैंक और लड़ाकू विमान खरीदें जाएंगे. चलिए आपको बताते हैं. कौन से होंगे यह टैंक. कौन से होंगे यह लड़ाकू विमान. क्या होगी उनकी क्षमताएं और खासियत.

एफआरसीवी टैंक देगी मजबूती

भारतीय सेना के लिए अब 1,770 एफआरसीवी फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल खरीदे जाएंगे. यह अत्याधुनिक लड़ाकू टैंक हैं. जो भारत की बख्तरबंद कोर को मॉडर्न वाॅरफेयर से जोड़ेंगे. यह बेहद हाईटेक सुविधाओं से लैस होते हैं. उसके साथ ही आप दूसरे हथियारों के लिए प्लेटफार्म का काम भी करते हैं. बता दें भारतीय सेना फिलहाल  टी-90, टी-72 और अर्जुन टैंकों को इस्तेमाल कर रही है. एफआरसीवी टैंक सेना में  टी-72 टैंक को रिप्लेस करेंगे. तो इसके अलावा आईएनएस विक्रांत के लिए 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों भी जल्द भारत आएंगे

यह भी पढ़ें: किन किसानों को फिर होना पड़ेगा निराश, नहीं आएगी पीएम किसान योजना की अगली किस्त

एयर कंट्रोल फायर डिफेंस रडार

भारतीय फौज के पास अब आधुनिक एयर डिफ़ेंस फ़ायर कंट्रोल रडार (एडीएफ़सीआर) होगा. एडीएफ़सीआर  एक ग्राउंड बेस्ड रडार सिस्टम है. जो खास तौर हवाई खतरों से बचने के लिए तैयार किया गया है. एडीएफ़सीआर एंटी-एयरक्राफ़्ट गन के साथ मिलकर संचालित होता इसमें बहुत से सेंसर और रडार मौजूद होते हैं, जिनके बारे में ज़्यादा जानकारी नीचे दी गई है. जैसे इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर. यह रडार  दिन रात और सभी मौसमों में बखूबी काम करता है. यह एक साथ दो या और उससे ज्यादा गनों को भी कंट्रोल कर सकता है. 

यह भी पढे़ं: टोल टैक्स काटने के लिए कैसे सटीक दूरी माप लेगा सैटेलाइट सिस्टम? जान लीजिए जवाब

डोर्नियर – 228

डोर्नियर 228 एक ट्विन इंजन टर्बोप्रॉप मल्टी ऑपरेशनल समुद्री पेट्रोल एयरक्राफ्ट है.  इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी हाल से बनाती है. यह वजन में काफी हल्का होता है. हवा में यह अलग-अलग स्पीड लेवल पर उड़ान भर सकता है. इस विमान की खासियत है  समुद्री गश्त और निगरानी, समुद्री प्रदूषण आकस्मिकता, खोज और बचाव और चिकित्सा निकासी. 

यह भी पढे़ं: शादी के बाद आधार कार्ड में कैसे बदल सकते हैं अपनी पत्नी का पता, ये है तरीका

 

 



Source link

x