Indian-origin Man Fired After Video Shows Him Getting Free Food From Food Bank In Canada


भारतीय को कनाडा में 'मुफ्त खाना' लेना पड़ा महंगा, VIDEO सामने आने पर कंपनी ने नौकरी से निकाला

मेहुल ने वीडियो में बताया कि कैसे हर महीने भोजन-किराने के सामान पर सैकड़ों रुपये बचाते हैं.

भारतीय मूल का डेटा वैज्ञानिक कनाडा में फूड बैंकों (Food Banks) से मुफ्त खाना ले रहा था. फूड बैंकों से “मुफ्त भोजन” कैसे मिलता है? इसी से जुड़ा एक वीडियो शेयर करने पर शख्स को नौकरी से निकाल दिया गया. दरअसल मेहुल प्रजापति कनाडा में टीडी बैंक में काम करते हैं. मेहुल ने बताया कि कैसे वह हर महीने भोजन और किराने के सामान में सैकड़ों रुपये बचाते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें एनजीओ, ट्रस्टों और चर्चों द्वारा कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में स्थापित खाद्य बैंकों से किराने का सामान ”मुफ़्त” मिलता है.

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इस वीडियो में मेहुल प्रजापति ने अपना भोजन भी दिखाया. जिसमें फल, सब्जियां, ब्रेड, सॉस, पास्ता और डिब्बाबंद सब्जियां शामिल थीं. मेहुल एक बैंक डेटा वैज्ञानिक की नौकरी करते थे. इस पद पर प्रति वर्ष औसतन सैलरी $98,000 है. मेहुल ने जिस वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड किया है. उसमें दिखाया गया है कि उसे चैरिटी फूड बैंकों से कितना “मुफ्त भोजन” मिलता है. इस वीडियो से यूजर्स के बीच बहस छिड़ गई.

कुछ यूजर्स ने मेहुल की आलोचना की और कहा कि फूड बैंक गरीबों और जरूरतमंदों के लिए है. एक यूजर ने लिखा, ”फूड बैंक अक्सर चलते रहते हैं. मैं अपने स्थानीय फूड बैंक में नियमित रूप से स्वयंसेवा करता था. बैंक खुला होने पर लोग आते हैं और अपनी जरूरत का सामान ले जाते हैं. लोग तब तक आकर लाइन में खड़े नहीं होंगे जब तक उन्हें वास्तव में मदद की ज़रूरत न हो. लेकिन कुछ लोगों को शर्म नहीं आती.”

एक अन्य ने टिप्पणी की, ”कल्पना करें कि जरूरतमंद लोगों के लिए दान से चोरी की जाए.” तीसरे ने कहा, ”क्या यह किसी प्रकार का अपराध नहीं है?? निश्चित रूप से भोजन सहायता प्राप्त करना कानूनी नहीं होना चाहिए, यदि आप साबित कर दें कि आपको अपना पेट भरने के लिए पर्याप्त भुगतान किया जाता है.” चौथे ने कहा, ”उसकी उपयोगी सलाह यह है कि वह हर महीने खुद के लिए कुछ रुपये बचाने के लिए फूड बैंक में जाता है?  

हालांकि नौकरी से निकाले जाने के बाद कुछ लोगों ने मेहुल का समर्थन भी किया. एक यूजर ने लिखा, ”आह, यह दुखद है. उसने गलती की, लेकिन अब जब वह बेरोजगार है तो वह क्या करेगा?” एक अन्य ने कहा, ”सिर्फ इसलिए कि आप जानते हैं कि उसका काम क्या है/उसका लिंक्डइन क्या कहता है, इसका मतलब यह नहीं है कि आप उसकी व्यक्तिगत स्थिति जानते हैं. इसके अलावा, खाने-पीने के लिए भी पर्याप्त भोजन है – जरा देखिए कि हर दिन कितना खाना बर्बाद होता है. रेस्तरां के कचरे का एक अंश इसे दस गुना तक कवर करता है.”





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