Indian Who Allegedly Drove His Car Off Cliff Suffered From Major Depressive Disorder Says Doctors – मानसिक रोगी… : भारतीय अमेरिकी परिवार को कार समेत चट्टान से नीचे गिराने पर बोले डॉक्टर


'मानसिक रोगी...' : भारतीय अमेरिकी परिवार को कार समेत चट्टान से नीचे गिराने पर बोले डॉक्टर

वॉशिंगटन:

अमेरिका के कैलिफोर्निया में भारतीय-अमेरिकी मूल के एक शख्स ने अपनी टेस्ला कार को पहाड़ियों की चोटी से नीचे गिरा दिया था. इस दौरान कार में उसकी पत्नी और बच्चे भी मौजूद थे. पासाडेना में प्रोविडेंस होली क्रॉस मेडिकल सेंटर के एक रेडियोलॉजिस्ट वर्षीय धर्मेश अरविंद पटेल (41) को इस हफ्ते अपने परिवार  की हत्या की कोशिश और बाल शोषण के शक में गिरफ्तार किया गया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रेडियोलॉजिस्ट कथित तौर पर अवसाद से ग्रस्त थे. उनकी मेंटल हेल्थ ठीक नहीं थी. घटना के समय वह मानसिक रूप से टूटने का अनुभव कर रहे थे.

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अभियोजकों के अनुसार, कैलिफोर्निया के पासाडेना के धर्मेश पटेल पर पिछले साल जनवरी में हत्या की कोशिश के 3 आरोप लगाए गए थे. बीते हफ्ते वो अपने परिवार के साथ टेस्ला कार से जा रहे थे. अहाफ मून बे के पास उन्होंने डेविल्स स्लाइड पर अपनी कार को चट्टान से नीचे गिरा दिया था. हालांकि, इस घटना में आरोपी पटेल, उनकी पत्नी, 7 साल की लड़की, 4 साल के लड़के की जान बच गई.

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रेडवुड सिटी में बुधवार को एक सुनवाई के दौरान दो डॉक्टरों ने इस मामले में गवाही दी. डॉक्टरों ने बताया कि पटेल को मतिभ्रम (Hallucinations) हो रहा था. उन्हें आहटें महसूस होती थीं. उन्हें लगता था कि उनके बच्चों की यौन तस्करी की गई है.

‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार की सुनवाई पटेल के अनुरोध का जवाब थी. उन्होंने इस मामले में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी बदलाव की मांग की थी. अगर जज पटेल की अपील तो स्वीकार कर लेते हैं, तो उन्हें 2 साल की सजा के बजाय मेंटल असाइलम में रखा जाएगा.

साइकोलॉजिस्ट मार्क पैटरसन ने सुनवाई में गवाही दी. उन्होंने कहा, “मैं उन्हें ऐसे व्यक्ति के रूप में देखता हूं, जो बहुत प्रेरित है. वो अपने इलाज में रिस्पॉन्स कर रहे थे. पैटरसन को पटेल के लिए सटीक इलाज 18 तरह की टेस्टिंग के बाद आया. 

दूसकी ओर, अभियोजकों ने इस मामले को गलत दिशा में ले जाने का आरोप लगाया है. उन्होंने तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष के डॉक्टर ने पाया कि पटेल किसी मानसिक विशेषता वाली बीमारी या अवसाद से ग्रस्त नहीं हैं, बल्कि वह एक अलग बीमारी से पीड़ित हैं. इसे मनोवैज्ञानिक भाषा में स्किज़ोफेक्टिव के रूप में जाना जाता है. बचाव पक्ष की प्रस्तावित ट्रिटमेंट प्लान इस केस में प्रभावी नहीं होगा.

अभियोजकों का मानना ​​है कि मामला अदालत में ही रहना चाहिए. वहीं, रिपोर्ट में कहा गया है कि पटेल के वकील जोशुआ बेंटले ने अभियोजन पक्ष की दलीलों का अदालत में कोई जवाब नहीं दिया.

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