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India’s Most Dangerous Prison: दुनिया के हर देश में जेल होती है. भारत में भी बहुत सारी जेल हैं. जेल में कैदियों को बंद किया जाता है. ताकि वह समाज से दूर रह सके. और समाज को कोई खतरा न पहुंच सके. इसके अलावा जो लोग अपराध करते हैं. उन्हें सजा के तौर पर जेल में भेजा जाता है. भारत में बात की जाए तो कल 1319 जेल है. साल 2021 के एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक इनमें  4,25,60,9 कैदियों को रखा जा सकता है.

इन जेलों में बाती की जाए तो 145 सेंट्रल जेल हैं. इसके अलावा 415 ज़िला जेल हैं. तो वहीं 565 उप-जेल हैं. 88 ओपन जेल, 44 स्पेशल जेल, 29 महिला जेल, और 19 बाल सुधार गृह हैं. भारत में सबसे ज्यादा जेल राजस्थान और तमिलनाडु में हैं. क्या आपको पता है भारत की सबसे खतरनाक जेल कहां हैं. क्यों नहीं जाना चाहते यहां खूंखार कैदी. चलिए आपको बताते हैं. 

अंडमान निकोबार में हैं सबसे खतरनाक जेल

भारत में सबसे खतरनाक जेल अंडमान निकोबार में हैं. इस जेल का नाम है सेल्यूलर जेल. जिसे काला पानी की जेल कहा जाता है. यह जेल देश की सबसे खतरनाक जेल मानी जाती है. अंडमान निकोबार के पोर्ट ब्लेयर में यह जेल है. आजादी से पहले इस जेल में देश के बहुत से स्वतंत्रता सेनानियों को कैदी बनाकर रखा गया था.

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उन पर बहुत से अत्याचार किए थे. इस जेल में एक बार जाने वाला कैदी कभी वापस नहीं आ पाता था और यही वजह थी कि इस जेल को काला पानी की सजा कहा जाता था. इस जेल को अंग्रेजों ने साल 1896 में बनवाना शुरू किया था. 10 साल बाद साल 1906 में यह जेल बनकर तैयार हुई थी. 

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क्यों कहा जाता है काला पानी की जेल?

अंडमान और निकोबार में बनी सेल्यूलर जेल को काला पानी की जेल कहा जाता था. दरअसल इसका नाम काला पानी इसलिए रखा गया था. क्योंकि यह बीच समुद्र में बनी थी. इस जेल के चार और समुद्र था. अगर कोई यहां से भागने की कोशिश भी करता. तो उसमें भी वह कामयाब नहीं हो पता था. आजादी से पहले अंग्रेजों ने इस जेल में भारत के बड़े स्वतंत्रता सेनानियों को कैद करके रखा. ताकि वह आजादी के आंदोलन में भाग ना ले सकें.  बता दें विनायक दामोदर सावरकर को भी साल 1909 में काला पानी की सजा दी गई थी. 

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