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बिलासपुर: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत देश भर में महिलाएं अपनी मेहनत और संकल्प से आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश कर रही हैं. बिल्हा ब्लॉक के छोटे से गांव धौराभाठा की सुजाता घृतलहरे इस मिशन से जुड़कर अपने जीवन में एक उल्लेखनीय बदलाव लेकर आई हैं. कभी सीमित आय और संसाधनों के बीच संघर्ष करने वाली सुजाता ने आज एक ‘लखपति दीदी’ का दर्जा हासिल कर लिय. उन्होंने न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाया, बल्कि अपने गांव और समाज में भी एक नई पहचान स्थापित की है.

सुजाता की सफलता का सफर तब शुरू हुआ, जब उन्होंने बिहान योजना के तहत मर्यादा स्वयं सहायता समूह से जुड़ने का फैसला किया. पहले उनका परिवार केवल खेती पर निर्भर था, जिससे सालाना आमदनी बहुत कम होती थी. बच्चों की पढ़ाई और घर की अन्य ज़रूरतें पूरी करना मुश्किल था. लेकिन स्वयं  सहायता समूह से जुड़ने के बाद, उन्होंने विभिन्न व्यवसायिक गतिविधियों में हाथ आजमाया. सिलाई, बैग निर्माण, साबुन और डिटर्जेंट पाउडर बनाने जैसे कामों में कुशलता हासिल कर सुजाता ने अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूती दी.

यह सफर सिर्फ सुजाता के लिए नहीं, बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत है, जो कठिनाइयों से घबराए बिना आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का संकल्प ले रही हैं. सुजाता ने साबित कर दिया कि यदि सही मार्गदर्शन और अवसर मिले, तो महिलाएं अपने जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती हैं और समाज में अपने परिवार और समुदाय के लिए एक प्रेरक भूमिका निभा सकती हैं.

स्वयं सहायता समूह से आत्मनिर्भरता की ओर
सुजाता ने मर्यादा स्वयं सहायता समूह के माध्यम से सिलाई, बैग निर्माण, साबुन निर्माण, सब्जी उत्पादन और डिटर्जेंट पाउडर निर्माण जैसी कई गतिविधियां शुरू कीं. इन कार्यों ने उन्हें न केवल आर्थिक रूप से सशक्त किया बल्कि सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर भी उनका आत्मविश्वास बढ़ाया.

आर्थिक प्रगति और स्वावलंबन
कृषि कार्य से सालाना 55 हजार रुपये की आय होने के बावजूद, सुजाता के परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता था. स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद, बैंक से 3 लाख रुपये का ऋण लेकर  अलग-अलग व्यवसाय शुरू किया. अब वह विभिन्न कार्यों के माध्यम से सालाना 2 लाख 11 हजार रुपये कमा रही है.

समाज में उदाहरण बनीं सुजाता
सुजाता का कहना है कि केन्द्र और राज्य सरकार की यह योजना उनके जैसे महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई है. वह अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ अपने आस-पास के लोगों के लिए भी एक प्रेरणास्रोत बनी हैं.

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