Interesting Facts About Currency Know How Dollar Pound And Indian Rupee Get Their Sign
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Currency Sign: यह तो आप जानते ही हैं कि हर देश अपनी अलग मुद्रा होती है. जैसे भारत की मुद्रा भारतीय रुपया है. जिसका साइन हिन्दी का ‘र’ अक्षर जैसा लगता है. ‘रुपये’ से ‘र’ साइन का बनना तो समझ आता है, लेकिन ‘डॉलर’ तो अंग्रेजी अक्षर ‘D’ से लिखा जाता है, फिर उसका साइन ‘S’ अक्षर जैसा क्यों बनाया जाता है? यही कहानी ‘पाउंड’ की भी है. इसे दर्शाने के लिए ‘L’ अक्षर से बना साइन इस्तेमाल होता है. आइए जानते हैं आखिर इसके पीछे क्या वजह है.
रुपये के साइन की कहानी
यहां पर अमेरिकी डॉलर और ब्रिटिश पाउंड की बात हो रही है. अमेरिकी डॉलर का साइन $ और पाउंड का £ होता है. बात अगर अपने देश की मुद्रा के लिए इस्तेमाल होने वाले ‘₹’ की करें तो इसे अंग्रेजी के अक्षर ‘R’ और देवनागरी के व्यंजन ‘र’ को मिलाकर तैयार किया गया है. भारतीय मुद्रा का यह सिंबल उदय कुमार ने डिजाइन किया था. इस चिन्ह को वित्त मंत्रालय ने एक खुली प्रतियोगिता आयोजित करने के बाद फाइनल किया था. प्रतियोगिता में हजारों डिजाइनों को पेश किया गया, लेकिन उनमें से उदय कुमार का डिजाइन चुना गया है.
डॉलर को कैसे मिला $ साइन?
हिस्ट्री वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, साउथ अमेरिका में स्पैनिश एक्सप्लोरर्स को बड़ी मात्रा में में चांदी मिली. स्पैनिश लोगों ने इस चांदी का इस्तेमाल सिक्के बनाने में किया. जिसे peso de ocho कहते थे और शॉर्ट में ‘pesos’ कहते थे. इसके लिए एक निशान भी चुना गया. पूरा शब्द लिखने की बजाय ps निशान चुना गया, लेकिन इसमें S, P के ऊपर था. धीरे-धीरे P की सिर्फ डंडी रह गई और गोला गायब हो गया. इस तरह S के ऊपर सिर्फ एक डंडी रह गई, जो $ की तरह दिखता था. यानी वर्तमान अमेरिका के बनने से पहले ही यह साइन अस्तित्व में आ चुका था.
पाउंड का साइन £ कैसे बना?
अब बात करते हैं कि पाउंड को ‘£’ का सिंबल कैसे मिला. दरअसल, लैटिन भाषा में 1 पाउंड पैसों को Libra कहा जाता था. इसी लिब्रा के L से पाउंड स्टर्लिंग का सिंबल £ बन गया. लगे हाथ आपको बता दें कि
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