IPS अधिकारी का आरोप-‘पुलिस भर्ती में गड़बड़ियां उजागर करने पर हत्या की कोशिश, क्या है ये मामला?
Agency:Local18
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Kalpana Naik News: तमिलनाडु की आईपीएस अधिकारी कल्पना नायक ने पुलिस भर्ती में अनियमितताओं का खुलासा किया, फिर उनके ऑफिस में आग लगी, जिसे उन्होंने साजिश बताया और निष्पक्ष जांच की मांग की.
हाइलाइट्स
- कल्पना नायक ने पुलिस भर्ती में अनियमितताओं का खुलासा किया.
- नायक के ऑफिस में आग लगने की घटना को साजिश बताया.
- नायक ने निष्पक्ष जांच की मांग की.
चेन्नई: अब जरा सोचिए, आप एक जिम्मेदार अफसर हैं, जो ईमानदारी से अपने कर्तव्य का पालन कर रहा है. आपने पुलिस भर्ती में अनियमितताओं (Irregularities) को उजागर किया, गड़बड़ियों को सामने लाया, और फिर एक दिन अचानक आपको खबर मिलती है—”आपके ऑफिस में आग लग गई है. जीं, हां ऐसा कुछ मामला तमिलनाडु से सामने आया है.
दरअसल, तमिलनाडु की वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी (Senior IPS Officer) कल्पना नायक ने कुछ ऐसा ही आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि पुलिस भर्ती में घपले का पर्दाफाश करने के बाद उनके ऑफिस में लगी आग किसी दुर्घटना का नतीजा नहीं, बल्कि उन्हें चुप कराने की कोशिश थी.
तमिलनाडु के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (Additional Director General of Police) ने आरोप लगाया कि पुलिस भर्ती में गंभीर अनियमितताओं की सच्चाई सामने लाने के बाद किसी ने उनकी हत्या करने की कोशिश की. कल्पना नायक ने तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक और पुलिस बल के प्रमुख शंकर जीवाल को एक शिकायत लिखी और 29 जुलाई, 2024 को चेन्नई में उनके ऑफिस के कमरे में लगी आग की “निष्पक्ष” जांच की मांग की है.
आखिर क्या है मामला?
मिली जानकारी के अनुसार, 29 जुलाई 2024 की सुबह. आईपीएस कल्पना नायक हमेशा की तरह अपने ऑफिस तमिलनाडु वर्दीधारी सेवा भर्ती बोर्ड (TNUSRB)—पहुंचने ही वाली थीं कि अचानक एक वरिष्ठ अधिकारी का फोन आया. उन्होंने कहा, “आज मत आइए, आपके कमरे में आग लग गई है!”
इतना सुनते ही कल्पना नायक के कान खड़े हो गए. लेकिन जब तक वह कुछ समझ पातीं, वह पहले ही ऑफिस पहुंच चुकी थीं. अंदर गईं तो देखा—उनकी कुर्सी जल चुकी थी.
घटना के 15 दिन बाद भी अधिकारियों ने कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, तो नायक ने 15 अगस्त, 2024 को जिवाल के पास शिकायत दर्ज कराई और घटना की गहन जांच की अपील की, साथ ही साजिश और तोड़फोड़ का आरोप लगाया. नायक ने अपनी शिकायत में कहा कि मैंने अपने कक्ष में पहुंची और अपनी जली हुई कुर्सी को देखकर सदमे और निराशा में आ गई. यह साफ था कि अगर मैं थोड़ी पहले कार्यालय पहुंच जाती, तो मेरी जान चली जाती. मेरे द्वारा मौजूदा चयन/भर्ती (Selection/Recruitment) में ही नहीं, बल्कि पिछले वर्षों में भी खामियों की ओर इशारा करने के बाद की घटनाओं की सीरिज ने मेरे जीवन को खतरे में डाल दिया है.”
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दरअसल, कल्पना नायक ने पुलिस भर्ती में बड़ी धांधली का खुलासा किया था. उन्होंने बताया कि सब-इंस्पेक्टर, कांस्टेबल, जेल वार्डर और फायरमैन की भर्ती में सामुदायिक आरक्षण को लेकर बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी. उनकी इस रिपोर्ट के बाद मद्रास हाई कोर्ट ने भी इस मुद्दे पर संज्ञान लिया और भर्ती प्रक्रिया में सुधार का निर्देश दिया था.
आग लगी या लगाई गई?
इस घटना को लेकर आधिकारिक तौर पर कहा गया कि आग एयर-कंडीशनिंग सिस्टम में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी, लेकिन नायक को इस पर यकीन नहीं हुआ. उन्होंने तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक शंकर जिवाल को पत्र लिखकर जांच की मांग की.
इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिस दिन आग लगी, उसी दिन उन्हें संशोधित चयन सूची (Revised Select List) पर अंतिम मुहर लगानी थी, लेकिन अगले ही दिन बिना उनकी मंजूरी के TNUSRB वेबसाइट पर नई सूची जारी कर दी गई. कल्पना नायक ने मांग की है कि इस पूरी घटना की निष्पक्ष और गहन जांच हो, ताकि यह साफ हो सके कि सच में यह एक दुर्घटना थी या उन्हें चुप कराने की कोशिश.
February 03, 2025, 13:30 IST