IPS प्रभाकर चौधरी: 13 साल में 21 ट्रांसफर, एक साल से ज्यादा कहीं भी नहीं टिक पाए, अब बरेली से भी हटाए गए

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IPS PRABHAKAR IPS प्रभाकर चौधरी: 13 साल में 21 ट्रांसफर, एक साल से ज्यादा कहीं भी नहीं टिक पाए, अब बरेली से भी हटाए गए

हाइलाइट्स

IPS प्रभाकर चौधरी का एक बार फिर ट्रांसफर कर उन्हें 32वीं वाहिनी PAC लखनऊ भेजा गया है
बरेली में कांवड़ियों पर लाठीचार्ज मामले में आईपीएस प्रभाकर चौधरी को हटाया गया है

लखनऊ. 2010 बैच के आईपीएस अफसर प्रभाकर चौधरी जब अपनी पहली तैनाती बतौर एसपी के तौर पर कानौर नगर पहुंचे थे तो चर्चा में आ गए थे. कंधे पर बैग लेकर जब वे अपने दफ्तर में पहुंचे तो उन्हें कोई पहचान ही नहीं पाया था और उन्हें अंदर जाने से रोक दिया गया था. इसी के बाद से प्रभाकर चौधरी अपनी ईमानदार छवि और सादगी को लेकर पाहि बार चर्चा में आए. हालांकि वे अपने तबादले को लेकर भी चर्चाओं में रहे हैं. उन्होंने अब तक के अपने करियर में सबसे ज्यादा वक्त मेरठ के एसएसपी के तौर पर बिताया। वे मेरठ में एक साल तक रहे. इसके अलावा वे कहीं भी ज्यादा नहीं टिक पाए. 13 साल में 21 बार उनका तबादला हुआ है. अब बरेली में कांवड़ियों पर लाठीचार्ज मामले में भी उन पर गाज गिरी और उन्हें हटाकर 32वीं वाहिनी PAC भेज दिया गया है.

मूल रूप से यूपी के अंबेडकरनगर जिले के रहने वाले हैं. बीएससी (पीसीएम), एलएलबी की शिक्षा हासिल कर प्रभाकर ने अपने पहले ही प्रयास में सिविल सर्विसेज की परीक्षा में कामयाबी हासिल की. प्रभाकर चौधरी का सबसे पहला अहम दायित्व 2014 में कानपुर नगर में एसपी ईस्ट के रूप में रहा, जहां वो चर्चित ज्योति हत्याकांड की मॉनिटरिंग कर रहे थे, जबकि वो घटना कानपुर वेस्ट की थी. लेकिन एसएसपी ने प्रभाकर पर भरोसा जताया. कानपुर से जिला कप्तान के तौर पर प्रभाकर चौधरी का तबादला ललितपुर हुआ, लेकिन ललितपुर में एक राजनीतिक व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज कराने के चलते प्रभाकर यहां कुछ महीने ही चल पाए.

ललितपुर से प्रभाकर का ट्रांसफर देवरिया हो गया. देवरिया में एक दरोगा पर मुकदमा लिखा दिया. लिहाज़ा यहां भी प्रभाकर कुछ महीने ही टिक पाए. इसके बाद प्रभाकर चौधरी बिजनौर, बलिया, कानपुर देहात, मथुरा, सीतापुर, बुलंदशहर, वाराणसी, मुरादाबाद, मेरठ और आगरा में पुलिस कप्तान रहे. मार्च 2018 में प्रभाकर चौधरी को एसएसपी मथुरा बनाया गया, लेकिन मथुरा में तीन महीने ही रह पाए. बताया जाता है कि मथुरा में बीजेपी नेताओं से प्रभाकर की खटपट हो गई और उन्हें वहां से हटाकर सीतापुर का कप्तान बना दिया गया. अक्टूबर 2018 में सीतापुर जिले की मॉनिटरिंग सेल की मीटिंग में वकीलों से प्रभाकर चौधरी का विवाद हो गया. प्रभाकर को घेर कर वकीलों ने बदसलूकी की. ये सब पुलिस क्लब के आसपास अतिक्रमण हटाने को लेकर हुआ था. हालांकि इस मामले में प्रभाकर ने सख़्त कार्रवाई करते हुए कई वकीलों को जेल भेजा था. लेकिन इसी विवाद के चलते प्रभाकर को सीतापुर से भी हटा दिया गया.
दिसंबर 2018 में बुलंदशहर में एसओ स्याना सुबोध सिंह की मौत के बाद प्रभाकर चौधरी को बुलंदशहर कप्तान बनाकर भेजा गया. बरेली को मिलाकर प्रभाकर चौधरी कुल 13 जिलों में पुलिस कप्तान रहे, लेकिन मेरठ के एसएसपी के पद पर ही उन्होंने अपना एक साल पूरा किया था. अन्य जिलों में प्रभाकर चौधरी सिर्फ छह से आठ महीने का ही कार्यकाल पूरा कर पाए.

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