Israel stands like a wall between Iran becoming a nuclear power scientists are killed every time


ईरान का परमाणु कार्यक्रम पिछले कुछ सालों में वैश्विक चिंता का विषय बना हुआ है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस बात को लेकर चिंतित है कि ईरान अपनी परमाणु क्षमताओं को बढ़ाकर एक सैन्य शक्ति बन सकता है. इस स्थिति में इजरायल, जो कि ईरान को एक बड़ा खतरा मानता है, ने अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं. हाल ही में इस मुद्दे पर कई घटनाएं सामने आई हैं, जो दोनों के बीच की लड़ाई को और बढ़ा देती हैं.

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ईरान का परमाणु कार्यक्रम

ईरान का परमाणु कार्यक्रम 1950 के दशक में शुरू हुआ था, लेकिन यह तब सुर्खियों में आया जब पश्चिमी देशों ने आरोप लगाया कि ईरान परमाणु हथियारों के विकास की दिशा में बढ़ रहा है. ईरान ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि उनका कार्यक्रम केवल ऊर्जा उत्पादन के लिए है. लेकिन जब से ईरान ने यूरेनियम संवर्धन का स्तर बढ़ाया है, तब से चिंता और बढ़ गई है.

ईरान की ख्वाहिश में इजरायल क्यों बना है दीवार?

इजरायल ने ईरान को एक प्रमुख सुरक्षा खतरा मान लिया है. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बारबार चेतावनी दी है कि अगर ईरान ने परमाणु हथियार विकसित किए, तो यह न केवल इजरायल, बल्कि सभी क्षेत्र के लिए खतरा बन सकता है. इजरायल का मानना है कि ईरान की परमाणु शक्ति उसे आतंकवादी समूहों को समर्थन देने और क्षेत्र में अपने प्रभाव को बढ़ाने में सक्षम बनाएगी.

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कब हुई साइंटिस्टों की हत्या?

ईरानी समाचार रिपोर्टों के मुताबिक, तेहरान के बाहर एक राजमार्ग पर हुए हमले में भौतिक विज्ञानी मोहसेन फ़ख़रीज़ादेह की हत्या कर दी गई थी. इसके लिए इजराइल को दोषी ठहराया गया था, वहीं अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के द्वारा सामने लाए गए कुछ दस्तावेजों से पता चलता है कि फ़ख़रीज़ादेह AMAD कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे थे, जो एक गुप्त परमाणु हथियार बनाने की कोशिश थी जिसे ईरानी अधिकारियों ने 2003 के आखिरी में बंद कर दिया था. वहीं 2018 में ईरान से बाहर निकाले गए इज़राइली एजेंटों के दस्तावेज़ बताते हैं कि 2011 में स्थापित रिवोल्यूशनरी गार्ड रिसर्च यूनिट में फ़ख़रीज़ादेह के तहत कुछ गुप्त हथियार (परमाणु हथियार) कार्य जारी रहे

वहीं एक दशक पहले भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े पांच वैज्ञानिकों की हत्या कर दी गई थी. इसके पीछे भी इजरायली खुफिया एजेंसियों का हाथ बताया गया. इसके अलावा साल 2022 में भी ईरान के दो वैज्ञानिकों की हत्या की खबर सामने आई थी. ऐसे में समयसमय पर ईरान के परमाणु प्रोजेक्ट पर काम करने वाले वैज्ञानिकों की रहस्यमयी मौत की खबर सामने आती रही है.

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साइंटिस्टों की हत्या

ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या की घटनाएं चिंता का विषय बनी हुई हैं. कुछ ईरानी वैज्ञानिकों की संदिग्ध परिस्थितियों में हत्या हुई, जिसके पीछे इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ होने का संदेह जताया जा रहा है. यह घटनाएं ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने की इजरायल की कोशिसों के रूप में देखा जा रहा है.

ईरान ने इन हत्याओं का आरोप इजरायल पर लगाया है और इसेआत्मघातीहमला बताया है. ईरानी अधिकारियों का कहना है कि वे इन हत्याओं का बदला लेंगे और अपने परमाणु कार्यक्रम को और तेजी से आगे बढ़ाएंगे.

अमेरिका ने भी ईरान पर लगाए प्रतिबंध

ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर बढ़ती चिंताओं के बीच, अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने ईरान के खिलाफ सख्त प्रतिबंध लगाए हैं. हाल ही में अमेरिका ने ईरान पर नए आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति और बिगड़ सकती है. इसके बावजूद, ईरान ने अपने कार्यक्रम को जारी रखने का वादा किया है.

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