Jagannath Rath Yatra 2023: 3 शुभ योग में जगन्नाथ रथ यात्रा आज, 16 पहिए के रथ पर सवार होंगे भगवान, कार्यक्रम का पूरा शेड्यूल
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हाइलाइट्स
इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा रात में 10 बजकर 04 मिनट पर शुरू होगी.
त्रिपुष्कर योग सुबह 05:24 बजे से दोपहर 01:07 बजे तक है.
रवि योग रात 10:37 बजे से कल सुबह 05:24 बजे तक है.
आज 20 जून मंगलवार को पुरी की प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा का प्रारंभ होने वाला है. आज भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ यात्रा पर निकलेंगे. भगवान जगन्नाथ अपने रथ नंदीघोष, बलभद्र जी तालध्वज और सुभद्रा जी दर्पदलन पर सवार होकर अपने मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाएंगे. इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा रात में 10 बजकर 04 मिनट पर शुरू होगी. जगन्नाथ रथ यात्रा के दिन 3 शुभ योग बने हैं. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेष मिश्र से जानते हैं जगन्नाथ रथ यात्रा पर बनने वाले 3 शुभ योग और तिथि के बारे में. जगन्नाथ रथ यात्रा का पूरा शेड्यूल भी नीचे देख सकते हैं.
जगन्नाथ रथ यात्रा 2023 का प्रारंभ समय
पंचांग के अनुसार, जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन आषाढ़ शुक्ल द्वितीया तिथि को होता है, ऐसे में इस साल आषाढ़ शुक्ल द्वितीया तिथि 19 जून को सुबह 11:25 बजे से लेकर आज 20 जून को दोपहर 01:07 बजे तक है. उदयातिथि के आधार पर पूरे दिन आषाढ़ शुक्ल द्वितीया तिथि है.
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आज जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरूआत आज रात 10:04 बजे होगी. उसे बाद जगन्नाथ रथ यात्रा गुंडिचा मंदिर 21 जून को पहुंचेगी. इसका समापन 21 जून को शाम 07:09 बजे होगा.
3 शुभ योग में जगन्नाथ रथ यात्रा 2023
जगन्नाथ रथ यात्रा के दिन सुबह में ध्रुव योग बना है, तो पूरी रात तक है. त्रिपुष्कर योग सुबह 05:24 बजे से दोपहर 01:07 बजे तक है. रवि योग रात 10:37 बजे से कल सुबह 05:24 बजे तक है. पुनर्वसु नक्षत्र आज रात 10:37 बजे तक है, उसके बाद से पुष्य नक्षत्र होगा.
जगन्नाथ रथ यात्रा 2023 का पूरा शेड्यूल और रस्में
जगन्नाथ रथ यात्रा का प्रारंभ: आज, 20 जून, रात 10:04 बजे से कल 21 जून शाम 07:09 बजे तक.
बहुदा यात्रा: 28 जून, बुधवार, गुंडिचा मंदिर से पुरी मंदिर की ओर होगी जगन्नाथ रथ यात्रा.
‘सुना बेशा’ रस्म: 29 जून, गुरुवार, भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा जी को स्वर्ण आभूषण पहनाया जाएगा.
‘अधर पना’ रस्म: 30 जून, शुक्रवार, भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा जी को अधर पना पिलाते हैं, जो पानी, पनीर, शक्कर, मक्खन, काली मिर्च, केला, जायफल, अन्य मसालों आदि से बना होता है.
‘नीलाद्री बिजे’ रस्म: 1 जुलाई, शनिवार, इस दिन भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और सुभद्रा जी को पुरी मंदिर के गर्भ गृह में सिंहासन पर विराजमान कराते हैं.
जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होते हैं, उनके पाप मिटते हैं और उनको 100 यज्ञ कराने के बराबर पुण्य मिलता है. कहा जाता है कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण का हृदय है. इस जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं.
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Tags: Dharma Aastha, Jagannath Rath Yatra
FIRST PUBLISHED : June 20, 2023, 08:44 IST