Jaipur Bomb Blasts: Supreme Court To Hear Bail Of Minor Accused After A Week – जयपुर बम धमाका: नाबालिग आरोपी की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट एक हफ्ते बाद करेगा सुनवाई 


जयपुर बम धमाका: नाबालिग आरोपी की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट एक हफ्ते बाद करेगा सुनवाई 

Supreme Court: हमले के दौरान आरोपी के नाबालिग होने के कारण उसका नाम गोपनीय रखा गया.

नई दिल्ली:

साल 2008 जयपुर बम धमाके मामले में नाबालिग आरोपी की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट एक हफ्ते बाद सुनवाई करेगा. जबकि राज्य को उच्च न्यायालय से रिक्त पद (ट्रायल कोर्ट जज) भरने के लिए अनुरोध करने का निर्देश दिया गया है. कहा गया है कि हाल ही में स्थानांतरित किए गए न्यायाधीश के पद को भरना आवश्यक है. यह मामला एक ऐसे बम से संबंधित है जो फटा नहीं था और इससे जुड़े अन्य मामलों में 71 लोगों की मौत और 181 लोगों की गंभीर चोटें लगी थीं. आरोपी के घटना के समय नाबालिग होने के दावे के कारण उसका नाम ‘एक्स’ रखा गया था. पिछली सुनवाई के दौरान उसे जमानत नहीं दी गई थी. 

यह भी पढ़ें

इस मामले की पैरवी अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने की, जिन्हें सरकार ने जनवरी 2024 में इन मामलों के लिए विशेष वकील के रूप में नियुक्त किया था. जो अब AAG के रूप में सेवा दे रहे हैं. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री भजन लाल के नेतृत्व वाली वर्तमान प्रशासन में आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति है, और सरकार ऐसे खतरों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है. इस गंभीर मामले की गंभीरता को देखते हुए, भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी राजस्थान सरकार का प्रतिनिधित्व करने के लिए लगाया गया. 

सरकार का मुख्य तर्क यह है कि आरोपी बमों को लगाने वाला मुख्य व्यक्ति था, वह भारतीय मुजाहिदीन नामक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन का सक्रिय सदस्य है, जिसने जयपुर सीरियल विस्फोटों की जिम्मेदारी ली थी और वो अहमदाबाद धमाकों  में भी शामिल था. आरोप बहुत ही गंभीर हैं, जहां बम वास्तव में फटे थे, वहां आरोपी को पहले मृत्युदंड दिया गया था. 

राजस्थान की वर्तमान सरकार ने आरोप लगाया कि, पिछली राज्य सरकार द्वारा रक्षा में गंभीरता की कमी के कारण, उच्च न्यायालय ने सभी आरोपियों को, ‘एक्स’ सहित, बरी कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस बरी करने के खिलाफ अपील स्वीकार की है और उच्च न्यायालय से रिकॉर्ड्स मंगवाकर राज्य को बरी के खिलाफ स्थगन पर सुनवाई करने के लिए कहा.

सरकार ने तर्क दिया कि आरोपी को छोड़ना न केवल समाज के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करेगा, जिससे आतंकवादी गतिविधियों में उसकी वापसी संभव हो सकती है, जो उसकी गिरफ्तारी के बाद रुकी हुई थी, बल्कि यह राष्ट्रीय हितों को भी समझौता करेगा और समाज में गलत संदेश भेजेगा. अब इस मामले को अगले सप्ताह के लिए लिस्ट किया गया है. 

ये भी पढ़ें- “भारतीय बाजार में अपार संभावनाएं”: अरबपति वॉरेन बफेट ने भविष्य में निवेश की ओर किया इशारा

Video :NEET UG का प्रश्न पत्र लीक! परीक्षा देते डमी छात्र समेत 6 गिरफ्तार



Source link

x