जम्मू कश्मीर के ऊधमपुर जिले के दंडयाल गांव में युबक की दबंगों ने की गला रेत कर हत्या…परिवार में आक्रोश

जम्मू कश्मीर के ऊधमपुर जिले के दंडयाल गांव में 2 जुलाई को राहुल भगत नामक दलित युवक की हत्या कर दी गई। राहुल उस समय थाने से घर जा रहा था, अपनी जमीन का कागज लेने के लिए। राहुल की उम्र 25 साल थी। राहुल तीन बहनों में अकेला भाई था। उसके अलावा घर में बूढ़े मां-बाप हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने पुलिस स्टेश फोन किया। लेकिन 2 घंटे तक कोई नहीं आया तो फिर हम राहुल को ऑटो में लेकर अस्पताल गए। उसके शरीर के किसी हिस्से को साबूत नही छोड़ा गया था। शरीर के हर भाग पर ज़ख्म के निशान थे। गले पूरा काट दिया था। हरकेश गुड्डा, मदन सिंह और उसके 2 बेटे शामिल हैं।
मरहूम राहुल की बहन का कहना है – “जमीन माफिया हमें रोज धमकियां देते थे और डराने के लिए हमारे घर तक चढ़कर आते थे। हमने पुलिस स्टेशन में भी बताया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। क्योंकि एसएचओ समेत सारा पुलिस स्टेशन भू-माफिया के साथ मिला हुआ है। इनके साथ पटवारी साइमा भी मिली हुई है। पटवारी का मामा भी इसमें शामिल है। मदन का पूरा परिवार इसमें शामिल है। हमारे साथ इंसाफ है यही हमारी मांग है। जिन्होंने हारे भाई को मारा है उन्हें फांसी हो। हमें इस पुलिस स्टेशन पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं है क्योंकि पूरा पुलिस स्टेशन मिला हुआ है। हमारी मांग है कि जांच बाहर की पुलिस करे।”
मरहूम के छोटे चाचा रवि कुमार कहते हैं- “हमें न्याय चाहिए। जांच ठीक से नहीं हो रही है। इसमें एसएचओ विजय चौधरी भी भू माफियाओं के साथ इस घटना में पूरी तरह से शामिल हैं। 2 जुलाई को जिस दिन ये वारदात हुई उस दिन एसएचओ ने हमारे पूरे परिवार को पुलिस स्टेशन में में बिठाई हुई थी और राहुल को अकेले जमीन का कागज लेने के लिए दोपहर 11-12 बजे के बीच घर भेज दिया। हत्यारे रास्ते में उसके लौटने का इंतज़ार कर रहे थे। जैसे उन्हें मालूम था कि राहुल भगत थाने से अकेले ही लौटेगा।”
ऊधमपुर पुलिस का पक्ष
ऊधमपुर पुलिस ने 2 जुलाई को प्रेस कान्फ्रेंस कर बयान जारी करते हुए कहा – “हमें दोपहर 1 बजे के करीब सूचना मिली की एक डेडबॉडी पड़ी हुई है। वो डेडबॉडी राहुल भगत पुत्र सुभाष चंद्र भगत गांव डांडयाल तहसील जिला ऊधमपुर की है। उसे तेज धार वाले हथियार से मारा गया था जिसके चलते शव खून से लथपथ था। इस सूचना पर हमने एफआईआर नंबर 294, 220, आईपीसी धारा 302 के तहत मामला दर्ज करके मामले की जांच की जिम्मेदारी डीएसपी रोहित चटगांव को दिया। और पीड़ित परिवार द्वारा मामले में संदेह जताए गए चार संदिग्धों राकेश गोड्डा, रविंदर सिंह पुत्र मदन सिंह दंडयाल, सुनील कुमार पुत्र प्रेम नाथ रामनगर, मदन सिंह पुत्र फजरु को पुलिस शक के दायरे में रखा गया है ।
वहीं 3 जुलाई को एक प्रेस कान्फ्रेंस करके डीआईजी सुजीत कुमार ने राहुल भगत हत्याकांड का खुलासा करते हुए कहा – एफआईआर नंबर 294 के तहत जो हमने जांच किया है उसमें शामिल अपनी टीम और एडीशनल एसएसपी राजिंदर सिंह कटोच, ऊधमपुर व रोहित चडगल डीवाईएसपी ऊधमपुर की अगुवाई में पुलिस टीम ने राहुल भगत हत्याकांड का 24 घंटे के अंदर खुलासा कर दिया है। पुलिस ने पूछताछ के लिए 4 लोगो को हिरासत में लिया था। पूछताछ में मनीष सिंह पुत्र मदन सिंह ने स्वीकार किया कि उसने अपने सहयोगी मोहम्मद असलम पुत्र नवाबदीन के साथ मिलकर जमीन विवाद के चलते धारदार हथियार से राहुल भगत की हत्या की थी। अभियुक्त मनीष सिंह की निशानदेही पर हत्या का हथियार बरामद कर लिया गया है। जबकि दूसरा अभियुक्त मोहम्मद असलम अही फरार है पुलिस उसके पीछे लगी हुई है।
राहुल भगत को इंसाफ दिलाने के लिए आंदोलन
जिस दिन राहुल भगत की हत्या हुई उस दिन आक्रोशित लोगो ने ऊधमपुर के राष्ट्रीय राजमार्ग को ब्लॉक करके पुलिस प्रशासन पर त्वरित कार्रवाई का दबाव बनाया।
इसके अगले दिन पीड़ित और आक्रोशित दलित समुदाय के लोगो ने गवर्नर हाउस के सामने धरना प्रदर्शन देकर राहुल भगत के लिए इंसाफ की मांग की।
नतीजा ये हुआ कि ऊधमपुर पुलिस ने घटना के 24 घंटे के अंदर ही एक आरोपी को पकड़कर हत्या का खुलासा कर दिया।
लेकिन पीड़ित परिजनों का कहना है कि पुलिस राहुल की हत्या के षडयंत्र में शामिल एससपी, पटवारी और भू माफियाओं को बचा रही है। इसी क्रम में कल 6 जुलाई की शाम को भी हजारों की संख्या में स्थानीय लोगो ने एकजुट होकर राहुल भगत को इंसाफ दिलाने के लिए दंडयाल गांव से सालेन तालाब तक कैंडिल मार्च निकालकर न्याय की मांग दोहराई और सीबीआई जांच की मांग की। इस दौरान ‘तानाशाही नहीं चलेगी’, ‘वी वांट जस्टिस’, ‘राहुल हम शर्मिंदा हैं तेरे कातिल ज़िंदा हैं’ जैसे नारे भी लगाए गए।

आज की फैक्ट फाइंडिंग में साथी , राहुल भगत जी के परिवार से मिले हैं , कुछ और अहम जानकारियां हासिल हुई हैं , परिवार मौजूदा SIT के गठन को लेकर संतुष्ट नही है क्योंकि SIT टीम के मेंबर उधमपुर से ही हैं और यह जांच favouratism का शिकार हो सकती है क्योंकि पुलिस और रेवेनुए डिपार्टमेंट का रोल क्लाउड्स में है । परिवार सीबीआई जांच की मांग कर रहा है । यह जमीन अब कमेरिशल लैंड है क्योंकि यह शहर में आ गयी है और इसकी मार्केट वैल्यू 5 लाख मरला के से ज्यादा ही है । कल राहुल का दसवाँ है और उसके बाद उनके परिवार के बयान होने हैं और जांच आगे बढ़ेगी ।
जिस तरह से राहुल भगक्त जी को मारा गया है उससे एक खोफ की स्तिथि बन गयी है और इसको कास्ट अट्टरोसिटी के एंगल से भी देखा जा सकता है कि जिस तरह राहुल के पार्थिव शरीर पर तेज़ धार हथियारों के निशान हैं वो दलित समाज की बढ़ती assertiveness को कुचलने के लिए इस्तेमाल किया गया है ।

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