Jamui News : अंग्रेजी दवा से नहीं कराना चाहते हैं इलाज, अब जमुई में भी आयुर्वेदिक तरीके से होगा मुफ्त इलाज


जमुई. आपने अक्सर लोगों को यह कहते सुना होगा कि अंग्रेजी दवाइयां खाने के बाद उन्हें एलर्जी होती है तथा उन्हें कई प्रकार की परेशानी होती है. अगर आप भी इन लोगों में से एक हैं जिन्हें अंग्रेजी दवाइयां सूट नहीं करती, या वह अंग्रेजी दवाई नहीं खाना चाहते, तब आपके लिए अच्छी खबर है. क्योंकि अब आप आयुर्वेदिक तरीके से इलाज कर सकते हैं और वह भी बिल्कुल मुफ्त. इतना ही नहीं आपको होम्योपैथी के साथ-साथ यूनानी चिकित्सा पद्धति से भी इलाज की सुविधा मिलेगी और कुछ बीमारियों का शर्तिया इलाज भी किया जाएगा.

जमुई जिले में आयुर्वेदिक अस्पताल खोला गया है, जिसका संचालन पूर्व में अंग्रेजों के जमाने में किया जाता था. लेकिन बदलते समय में जैसे-जैसे एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति का प्रसार हुआ यह अस्पताल बंद हो गया था. लेकिन अब इसे एक बार फिर से खोल दिया गया है और यहां लोगों का इलाज शुरू कर दिया गया है.

जिला देशी चिकित्सा पदाधिकारी खुर्सीया तलक ने बताया कि यह अस्पताल पहले से बंद पड़ा हुआ था, लेकिन विभाग के निर्देश के तहत इसे फिर से खोल दिया गया है. बरहट प्रखंड के खादीग्राम स्थित इस पुराने बंद पड़े आयुर्वेद अस्पताल को पुनः चालू कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि यह अस्पताल अब क्षेत्रीय लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा.

उन्होंने बताया कि अस्पताल के पुनरुद्धार की प्रक्रिया में विभाग ने एक नए डॉक्टर की नियुक्ति की है, साथ ही कंपाउंडर, फार्मासिस्ट और पियून की नियुक्ति भी जल्द की जाएगी. विशेष रूप से, अस्पताल में एक महिला डॉक्टर, निधि कुमारी की नियुक्ति की गई है. महिला मरीजों के लिए महिला डॉक्टर की उपस्थिति महत्वपूर्ण साबित होगी, क्योंकि इससे वे अपनी समस्याओं को अधिक सहजता से बता सकेंगी और सटीक इलाज प्राप्त कर सकेंगी.

इन बीमारियों का किया जाएगा शर्तिया इलाज
चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि फिलहाल अस्पताल पुराने भवन में ही संचालित किया जा रहा है लेकिन अस्पताल को जल्द ही अपना स्थायी भवन मिलने की उम्मीद है. जिसके बाद यहां गठिया, साइटिका, जोड़ों के दर्द जैसे गंभीर बीमारियों का शर्तिया इलाज किया जाएगा.

गौरतलब है कि यह अस्पताल अंग्रेजी शासन के दौरान जाना जाता था, तब एक महिला डॉक्टर ग्रामीणों का इलाज करती थीं. अंग्रेजों के जाने के बाद यह अस्पताल आयुर्वेद अस्पताल के रूप में संचालित होने लगा, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण यहां चिकित्सा कर्मी नहीं थे. अब एक बार फिर से यह अस्पताल स्थानीय लोगों को आयुर्वेदिक चिकित्सा की सुविधा प्रदान करेगा.

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