जानकी देवी मेमोरियल महाविद्यालय के इतिहास विभाग एसोसिएशन “हेरिटेज” द्वारा भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर “आजादी का अमृत महोत्सव” मनाया गया

Janki Devi Memorial College: दिल्ली विश्वविद्यालय अधीनस्थ जानकी देवी मेमोरियल महाविद्यालय के इतिहास विभाग एसोसिएशन “हेरिटेज” द्वारा भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर “आजादी का अमृत महोत्सव” अंतर्गत 01 अक्टूबर 2021 को गाँधी जयंती मनाया गया। इस सुअवसर पर एक राष्ट्रीय वेबीनार आयोजित किया गया। जिसका विषय “महात्मा गाँधी और राष्ट्र निर्माण” था। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर क्रमश: दिल्ली विश्वविद्यालय में संस्कृत विभागाध्यक्ष और गाँधी भवन के निदेशक प्रो रमेश भारद्वाज एवं राजीव गाँधी स्टडी सर्कल के राष्ट्रीय संयोजक प्रो सतीश कुमार ने गाँधी के सम्पूर्ण व्यक्तित्व और भारत निर्माण में उनकी भूमिका पर अपने अमूल्य शोधपरक ज्ञान से सभी प्राध्यापक सहित छात्राओं को संबोधित किया जिससे वे अधिकाधिक लाभान्वित हुए।

कार्यक्रम का आरम्भ सभी छात्राओं, प्राध्यापकों की उपस्थिति में मुख्य अतिथि प्रो रमेश भारद्वाज और प्रो सतीश कुमार का महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ स्वाति पाल तथा इतिहास विभाग प्रमुख डॉ मनीषा शर्मा के साथ औपचारिक एवं वर्चुअल स्वागत किया गया। इसके पश्चात विभाग प्रमुख डॉ मनीषा शर्मा ने कार्यक्रम की रूपरेखा और उद्देश्य को विस्तार पूर्वक बताया और कहा कि गांधीजी के बारे में जितना कहा जाय उतना ही कम है तथा आगे भी कहा कि गांधीजी की शिक्षा वर्तमान में बहुत प्रासंगिक है। तत्पश्चात महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ पाल ने कहा कि गांधीजी ने सत्य, अहिंसा, और सत्याग्रह का प्रयोग कर उनका प्रचार-प्रसार किया जो राष्ट्र निर्माण में अत्यधिक सहायक सिद्ध हो रही है और उन्होंने आगे भी कहा कि आज राष्ट्र को गांधीजी की शिक्षा की जरूरत है जिसे हर किसी को उनकी शिक्षा अनुकरण की जरूरत हैं।

इसके पश्चात् प्रथम मुख्य अतिथि प्रो भारद्वाज ने गांधीजी और उनके राष्ट्र निर्माण पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत की, ने कहा कि गांधीजी ने ‘मेरे सपनों का भारत’, ‘हिन्द स्वराज, और ‘मंगल प्रभात’ नामक अपने ग्रंथों के माध्यम से नैतिक, चरित्र निर्माण, निर्भयता और बुनियादी शिक्षा तथा रचनात्मक कार्यक्रम पर अधिक जोर दिया था जिससे राष्ट्र का निर्माण हो सके परंतु आजादी के बाद विभिन्न सरकारों ने विदेशी मॉडल को अपनाया, इससे भारत अपने पुरातन गौरव सोने की चिड़िया बनने से वंचित हो गया और आगे भी कहा कि आज हमे गांधीजी की तालिम को अपनाने की जरूरत हैं, से राष्ट्र सर्वोत्तम अवस्था में पहुंच सके। तत्पश्चात द्वितीय मुख्य अतिथि प्रो कुमार ने गाँधी, व्यक्तित्व और उनका भारत में योगदान पर क्रमबद्ध रूप से तथ्यात्मक एवं विशद वर्णन किया। प्रो कुमार ने कहा कि गांधीजी के जीवन में घटी दक्षिण अफ्रीका में वैदेशिक घटना और सम्पूर्ण भारत का भ्रमण ने एक नवीन अभिनव गाँधी को जन्म दिया जिससे गाँधी ने गोरे अंग्रेजों से मुक्ति के लिय सत्य और अहिंसा जैसे टूल का प्रयोग किया और विभिन्न रचनात्मक कार्यक्रमों, राजनैतिक-सामाजिक के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत तथा स्वदेशीपन को बढ़ावा दिया। प्रो कुमार ने आगे भी कहा कि गांधी के समय के विभिन्न आंदोलन और आईकॉनिक लीडर्स की चर्चा की जिन्होंने देश को आजाद कराने तथा राष्ट्र को मजबूत करने में महती भूमिका निभाई, ने कहा आज उनकी शिक्षा को जीवन में उतारने और देश को प्रबल बनाने की जरूरत है।

कार्यक्रम के अंत में हेरिटेज एसोसियशन प्रभारी डॉ तारा शीमर के धन्यवाद भाषण एवं इतिहास विभाग की छात्रा संघ अध्यक्षा सुश्री निशा भारद्वाज के शब्द के साथ गांधीजी के जीवन से जुड़ी चित्र प्रदर्शनी और उनका प्रिय भजन “रघो पति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम” के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। इस तरह छात्राओं तथा प्राध्यापकों ने “महात्मा गांधी और राष्ट्र निर्माण” में उनका योगदान के महत्व को जाना और अपने-अपने ज्ञान को पल्लवित कर लाभ उठाया।

रिपोर्ट: जानकी देवी मेमोरियल महाविद्यालय
(गाँधी जयंती विशेष, 01 अक्तूबर 2021)

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