Janki Rasoi Rishikesh: ऋषिकेश में शुरू हुई जानकी रसोई, जरूरतमंदों को मुफ्त चाय-नाश्ता
ऋषिकेश. कड़कड़ाती सर्दियों में जब अधिकतर लोग रजाई में दुबके रहते हैं, उत्तराखंड के ऋषिकेश में कुछ लोग जरूरतमंदों, राहगीरों और गरीबों के लिए उम्मीद की किरण बनते हैं. ये लोग ‘जानकी रसोई’ नाम से एक नेक पहल चलाते हैं, जहां सभी को मुफ्त में चाय-नाश्ता कराया जाता है. यहीं वजह है कि लोग इन्हें दानवीर कहकर बुलाते हैं. लोकल 18 के साथ बातचीत में जानकी रसोई के सदस्य डॉ राजेश मनचंदा बताते हैं कि यह सेवा पिछले 6 साल से बदस्तूर चली आ रही है.
उन्होंने कहा कि ऋषिकेश के 72 सीढ़ी श्री गंगेश्वर महादेव मंदिर आस्था पथ पर स्थित जानकी रसोई हर सर्दी में जरूरतमंदों और राहगीरों के लिए सुबह 4 बजे से 8 बजे तक चाय-नाश्ते की सुविधा प्रदान करती है. सर्दी की शुरुआत से लेकर शिवरात्रि तक यह रसोई संचालित होती है. शिवरात्रि के बाद जब ठंड कम होने लगती है, तब एक विशाल भंडारे के साथ इस सेवा का समापन किया जाता है. इस रसोई का उद्देश्य केवल गरीबों को मदद पहुंचाना ही नहीं बल्कि हर उस व्यक्ति को राहत देना है, जिसे सर्दी की सुबह में गर्म चाय और नाश्ते की जरूरत होती है.
मानवता का बेहतरीन उदाहरण
सर्दियों में अक्सर दुकानों के देर से खुलने के कारण राहगीरों, बस यात्रियों और AIIMS जाने वालों को चाय-नाश्ते की दिक्कत होती है. इस जरूरत को समझते हुए जानकी रसोई ने यह सेवा शुरू की. यहां पर सभी सदस्य पूरी निष्ठा और सेवाभाव से काम करते हैं. जानकी रसोई की यह पहल केवल एक समाजसेवा नहीं है बल्कि मानवता का एक बेहतरीन उदाहरण भी है. इस कार्य से यह संदेश मिलता है कि ठंड में जब हर कोई अपनी सहूलियत के बारे में सोचते हैं, तब कुछ लोग दूसरों की मदद के लिए आगे आकर समाज को बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं. यह रसोई न केवल जरूरतमंदों को राहत देती है बल्कि राहगीरों और आम जनता के लिए भी मददगार साबित होती है. इस तरह की पहल से यह सीखने को मिलता है कि सच्चा सुख दूसरों की सेवा में है. जब नेक इरादे और सहयोग साथ हों, तो समाज में बदलाव लाना संभव है.
FIRST PUBLISHED : December 19, 2024, 07:15 IST