JEE में हासिल की रैंक 2644, IIT कानपुर से किया B.Tech, अब करने लगे हैं ये काम


JEE Success Story: इंसान की इच्छा कभी कम नहीं होती है. अगर कोई चीज मिल भी जाती है, तो उससे और अधिक पाने की चाहत होती है. इसके लिए लोग खूब मेहनत करते हैं और उसे पाने में सफल भी होते हैं. ऐसे ही कहानी एक छोटे से गांव में रहने वाले प्रेम मिलिंद गुजराती (Prem Milind Gujrathi) की है. उन्होंने आईआईटी से पढ़ाई करने का सपना देखा और उसे पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत करके जेईई की परीक्षा को पास करने में सफल रहे.

IIT कानपुर से किया बीटेक
छोटे से गांव से शुरू हुई प्रेम मिलिंद गुजराती (Prem Milind Gujrathi) की यात्रा आईआईटी कानपुर में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के प्रवेश तक ही सीमित नहीं रही. उनका सफर अभी भी जारी है. वह आईआईटी कानपुर से पढ़ाई करने के बाद अब IIM कलकत्ता से MBA की पढ़ाई कर रहे हैं. उनका यह सफर न केवल एक एकेडमिक उपलब्धि की मिसाल है, बल्कि संयम, आत्मनियंत्रण और सुविचारित योजना का प्रतीक भी है. उन्होंने JEE एडवांस्ड 2020 की परीक्षा में 2,644वीं रैंक हासिल की हैं.

कक्षा 11वीं से शुरू कर दी थी तैयारी
गुजराती ने अपनी JEE एडवांस्ड की तैयारी इंदौर में एक प्राइवेट ऑफलाइन कोचिंग के साथ 11वीं कक्षा में शुरू की, जिसने उनके लक्ष्य की नींव रखी. उन्होंने अपने गुरुओं के निर्देशों का पालन करने और विषयों का सही तरीके से स्टडी पर फोकस करने पर ध्यान दिया. प्रेम गुजराती ने केमेस्ट्री, मैथ्स और फिजिक्स के साथ अपनी तैयारी को क्रमबद्ध किया, जिससे परीक्षा के दौरान टाइम मैनेजमेंट भी आसान हुआ. उनकी इस रणनीति ने उन्हें परीक्षा के तनाव को कम करने और आत्मविश्वास बनाए रखने में मदद की.

नॉलेज को मजबूत करने पर किया फोकस
गुजराती ने अंतिम दिनों में नए विषयों के बजाय मौजूदा नॉलेज को मजबूत करने पर जोर दिया. उन्होंने कक्षा और स्व-निर्मित नोट्स के संशोधन पर ध्यान दिया, जिससे उनके आत्मविश्वास में वृद्धि हुई और बिना किसी हड़बड़ी के परीक्षा का सामना किया जा सका. गुजराती बताते हैं कि JEE एडवांस्ड जैसी परीक्षा में फिजिकल और मानसिक संतुलन बनाए रखना बेहद आवश्यक है. परीक्षा की तैयारी के दिनों में संयम, आत्म-निरीक्षण, त्रुटियों की समीक्षा और स्वस्थ नींद की दिनचर्या का पालन करने का सुझाव उनके अनुभव की समझ को स्पष्ट करता है.

मैनेजमेंट की तरफ झुकाव, लेकिन चुना इंजीनियरिंग
गुजराती का झुकाव मैनेजमेंट में था, लेकिन उन्होंने फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ्स में रुचि के कारण इंजीनियरिंग की राह चुनी. उनकी कहानी JEE एडवांस्ड को न केवल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफलता, बल्कि विभिन्न कैरियर विकल्पों का प्रवेशद्वार मानने की याद दिलाती है. प्रेम गुजराती की यह कहानी हर JEE उम्मीदवार के लिए एक सबक है कि किस तरह धैर्य, एकाग्रता और सुव्यवस्थित तैयारी सफलता का द्वार खोल सकती है.

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