JEE Advanced Result: दिहाड़ी मजदूर का बेटा बनेगा गांव का पहला आईआईटियन, हासिल की 924वीं रैंक
शक्ति सिंह/कोटा. हाल ही में आए जेईई मेन के परिणामों में कुछ ऐसे स्टूडेंट ने सफलता हासिल की है, जो अपने जीवन में कड़े संघर्ष से आगे बढ़े हैं. मध्यप्रदेश के सागर जिले के छोटे से गांव बिचपुरी का कृष्णकांत साहू गांव का पहला आईआईटीयन बनेगा. कृष्णकांत ने परिवार की कठिन परिस्थितियों के बीच देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक जेईई-एडवांस्ड क्रैक किया है. बड़ी बात यह है है कि इस सफलता के लिए कोटा में कृष्णकांत ने किताबों के साथ रातें बिताई तो परिजनों ने जी-तोड़ मेहनत कर पसीना बहाया.
कृष्णकांत के पिता सागर में दिहाड़ी मजदूर हैं और कच्चे मकान में रहकर ही जीवन यापन करते हैं. हाल यह है कि कभी मजदूरी मिल गई तो ठीक वरना बच्चों का पेट भरना मुश्किल हो जाता है. बेटे के आईआईटियन बनने के बाद अब उन्हें लग रहा है कि उनकी मेहनत का फल मिला गया है. बेटे का जीवन सुधर जाएगा. कृष्णकांत ने जेईई-मेन में 91 पर्सेंटाइल स्कोर किया तथा जेईई-एडवांस्ड में आल इंडिया रैंक 924 प्राप्त की. उसकी ओबीसी में कैटेगरी रैंक 154 है. कृष्णकांत ने कड़ी मेहनत की और आईआईटी में सीट पक्की कर ली. उसे आईआईटी कानपुर में सीएस ब्रांच मिलने की उम्मीद है.
हाल खराब फिर भी बच्चों को पढ़ाया
कृष्णकांत के पिता कमलेश साहू ने बताया कि डेढ़ एकड़ जमीन है. परिवार की जरूरतें होती हैं. इन्हें पूरा करने के लिए खेती के साथ दिहाड़ी मजदूरी करता हूं. मुझे लगता था कि यदि मैंने पढ़ाई कर ली होती तो आज जीवन कुछ और होता, लेकिन अब कृष्णकांत को नहीं रोकना चाहता. हम नहीं चाहते कि बच्चे भी हमारी तरह रोजमर्रा के जीवन के लिए संघर्ष करें. इसलिए रात-दिन मेहनत कर बच्चों को पढ़ा रहे हैं, ताकि भविष्य संवर जाए.
पापा ने एक्सीडेंट के बारे में भी नहीं बताया
कृष्णकांत ने बताया कि मैं 7 मई 2022 को कोटा आ गया था. इसके बाद सागर में गांव में पापा और छोटे भाई का एक्सीडेंट हो गया था. पापा करीब एक महीने तक पलंग पर रहे, लेकिन उन्होंने पूरे परिवार को बोल दिया था कि कृष्णकांत को इस बारे में कोई कुछ नहीं बताएगा. वो नहीं चाहते थे कि मेरी पढ़ाई डिस्टर्ब हो. करीब एक माह बाद मुझे इसके बारे में पता चला. इसके बाद मेरे ताऊजी का भी निधन हो गया, लेकिन इस बार भी घरवालों ने मुझे नहीं बताया था.
जॉब करने से ज्यादा जरूरी जॉब देना है
कृष्णकांत ने बताया कि आईआईटी कानपुर में सीएस ब्रांच मिलने की उम्मीद है. इंजीनियरिंग के बाद कुछ समय के लिए जॉब करूंगा, ताकि परिवार की स्थिति बेहतर कर सकूं. इसके बाद खुद का बिजनेस करूंगा. मेरी इच्छा है कि जॉब करने की जगह लोगों को जॉब दूं. गांव में बच्चों को पढ़ाई के बारे में जागरूक करूंगा ताकि वे भी अपने कॅरियर संवार सकें.
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FIRST PUBLISHED : June 21, 2023, 18:22 IST