Jhansi Fire Incident: 12 मृत नवजातों की आत्मा कर रही चीत्कार, आखिर कौन है हमारी मौत का जिम्मेदार?
झांसी: उत्तर प्रदेश के झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नीकू वार्ड में शुक्रवार को हुए अग्निकांड में अबतक 12 बच्चों की दर्दनाक मौत हो चुकी है. घटना को 60 घंटे से अधिक बीत जाने के बाद भी अब तक इस लापरवाही के पीछे की जिम्मेदारी नहीं तय हो पायी है. अग्निकांड में जो 12 बच्चे दिवंगत हुए हैं उनकी आत्मा आज भी चीखकर पूछ रही है कि आखिर उनकी मौत का जिम्मेदार कौन है? जो बच्चे 9 महीने तक अपनी माता के कोख में सुरक्षित रहे, जिन्हें उम्मीद थी कि धरती के भगवान माने जाने वाले डॉक्टर उनका इलाज कर उन्हें लंबा जीवन देंगे वह बच्चे अग्निकांड की भेंट चढ़ गए.
अभी तक नहीं तय हुई किसी की जिम्मेदारी
2 दिन से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अभी तक जिम्मेदारी तय नहीं हो पाई है. इस पूरी घटना में सवाल 4 लोगों पर उठता है. पहली जिम्मेदारी बाल रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ ओम शंकर चौरसिया की बनती है. यह उनकी जिम्मेदारी थी कि उनके विभाग के तहत आने वाले वार्ड में सब कुछ ठीक था या नहीं. दूसरी जिम्मेदारी मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ. सचिन माहौर की बनती है. सीएमएस मौके पर देरी से पहुंचे. उन्होंने आंकड़ों को लेकर भी संदेह खड़ा कर दिया. अग्नि सुरक्षा की जिम्मेदारी उनको भी देखनी थी.
तीसरी जिम्मेदारी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर की है. उन्हें यह देखना था कि कहीं भी ओवरलोडिंग ना हो. अगर यह सब कुछ ठीक रहता तो शायद शॉर्ट सर्किट नहीं होता. चौथी जिम्मेदारी एसआईसी डॉ. सुनीता भदौरिया की भी बनती है. उन्हें भी यह देखना था कि मेडिकल कॉलेज में सब कुछ दुरुस्त रहे. इन सबके बावजूद अभी तक किसी भी व्यक्ति की जिम्मेदारी तय नहीं की गई है.
FIRST PUBLISHED : November 18, 2024, 22:58 IST