Jhansi political history of Dr. Sushila naiyyar who became 4 times member of parliament  – News18 हिंदी


शाश्वत सिंह/झांसी: भारत में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं. 18वीं लोकसभा के सदस्य चुनने की प्रक्रिया शुरु हो गई है. भारत के लोकतांत्रिक इतिहास की कहानी भी दिलचस्प है. हर लोकसभा सीट और वहां से चुने गए सांसदों के अपने किस्से हैं. हम आपके लिए झांसी ललितपुर लोकसभा सीट से जुड़े किस्से लाए हैं. इस सीट से एक ऐसी महीला भी सांसद रह चुकी हैं जो महात्मा गांधी की डॉक्टर थी. डॉ. सुशीला नैय्यर ने यहां से 4 बार जीत हासिल की.

पाकिस्तान में जन्मी डॉ. सुशीला नैय्यर 1939 में महात्मा गांधी के संपर्क में आई. उन्होंने सेवाग्राम आश्रम में हैजा के मरीजों की सेवा शुरु कर दी. यहीं से वह महात्मा गांधी की निजी डॉक्टर बन गई. 1948 में महात्मा गांधी के निधन के बाद वह राजनीति में आ गईं. राजनीति के जानकार हरगोविंद कुशवाहा ने बताया कि डॉ. नैय्यर ने पहला संसदीय चुनाव 1957 में लड़ा. जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें टिकट दिया था. जब वह पहली बार यहां पहुंची तो स्टेशन पर 2 हजार लोग उनका स्वागत करने के लिए खड़े थे.

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4 बार रही झांसी से सांसद
हरगोविंद कुशवाहा ने बताया कि चुनाव में उन्हें जनता का अपार समर्थन मिला. वह झांसी की पहली महिला सांसद बन गईं. 1962 और 1967 में भी वह सांसद चुनी गईं. 1971 में कांग्रेस के दो हिस्सों में बंट जाने पर उन्हें टिकट नहीं मिला. निर्दलीय चुनाव लड़ने पर वह हार गई थी. 1977 में भारतीय लोकदल ने उन्हें टिकट दिया और डॉ. सुशीला नैय्यर एक बार फिर सांसद चुनी गईं. यह उनका आखिरी चुनाव था. इसके बाद उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया.

झांसी को दी मेडिकल की सौगात
हरगोविंद कुशवाहा ने बताया कि पैराशूट प्रत्याशी के तौर पर झांसी आईं डॉ. सुशीला नैय्यर यहीं रच बस गई थी. बड़े कद की नेता होने के बाद भी वह लोगों से जुड़ी रही. केंद्र में स्वास्थ्य मंत्री होने के बावजूद भी आम लोगों से उनका जुड़ाव कम नहीं हुआ. उन्होंने झांसी को मेडिकल कॉलेज और नोटघाट पुल जैसी सौगात दी थी.

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