Jhunjhunu byelection: सावधान! 50 हजार से अधिक के लेनदेन पर पैनी नजर, पकड़े जाने पर बढ़ सकती है मुश्किल, जानें मामला


झुंझुनूं. विधानसभा उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग सख्त हो गया है. आचार संहिता लगने के बाद 50 हजार से अधिक के हर कैश लेनदेन पर नजर रखनी शुरू कर दी है. अगर कोई व्यक्ति 50 हजार से अधिक कैश ले जा रहा है तो, उसे साक्ष्य दस्तावेज रखना जरूरी होंगे. अन्यथा उसकी मुश्किल बढ़ सकती है. इधर जब्त की गई नकद राशि को रिलीज करवाने के लिए जिला स्तरीय अपीलीय समिति के समक्ष आवेदन किया जा सकता है. यह समिति संबंधित अपीलार्थी के वैध दस्तावेज का अवलोकन कर जब्त की गई नकद राशि को रिलीज करने के आदेश जारी कर सकती है.

जिला निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक अवैध नकदी सहित अवैध सामग्री के परिवहन पर की गई कार्रवाई के दौरान आम जनता और सही व्यक्तियों को असुविधा से बचाने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं.
किसी व्यक्ति की नकद राशि जब्त होने पर उनकी शिकायतों के निवारण के लिए जिला स्तर पर तीन अधिकारियों की समिति गठित की गई है. उन्होंने बताया कि यदि जब्त की गई राशि के संबंध में कोई प्राथमिकी या शिकायत दर्ज नहीं की गई है या जब्त राशि किसी अभ्यर्थी या राजनीतिक दल या किसी निर्वाचन अभियान इत्यादि से जुड़ी हुई नहीं है, तो ऐसी नकदी रिलीज करने के आदेश जारी करने के लिए समिति तत्काल कदम उठाएगी. जिला स्तरीय अपीलीय समिति में जिला परिषद सीईओ, जिला कोषाधिकारी और संयोजक के रूप जिला निर्वाचन कार्यालय में व्यय अनुवीक्षण के नोडल अधिकारी को शामिल किया गया है.

ये दस्तावेज रखें साथ
जिला निर्वाचन अधिकारी रामावतार मीणा ने कहा- चुनाव अवधि में 50 हजार रुपए से अधिक नकद राशि के परिवहन से बचें. बहुत जरूरी होने पर नकद राशि के संबंध में संपूर्ण दस्तावेज जैसे बैंक स्टेटमेंट, नकद प्राप्ति का स्रोत और राशि के व्यय का प्रयोजन आदि संबंधित साक्ष्य दस्तावेज साथ रखें ताकि परेशानी से बचा जा सके. उन्होंने कहा- आने वाले समय में दीपावली और शादी समारोह का सीजन है. ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक आइटम समेत तमाम महंगी वस्तुएं खरीदने जाते हैं. ऐसे में लोगों को अब इस नियम का विशेष ध्यान रखना होगा. जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि बिना बिल के किसी भी प्रकार की कीमती धातु, रत्न, आभूषण या अन्य किसी प्रकार की सामग्री आदि का परिवहन भी न करें. अगर कोई बिना बिल के ऐसी वस्तुओं के साथ पकड़ा गया तो उसके लिए भी मुश्किलें बढ़ सकती है.

FIRST PUBLISHED : October 22, 2024, 14:24 IST



Source link

x