Jodhpur News: पेपर लीक कांड का आरोपी शैतानाराम हुआ अरेस्ट, 50 हजार का था इनाम, पुलिस के छूटे पसीने
जोधपुर. जोधपुर रेंज पुलिस की साइक्लोनर टीम ने किंगपिन शैतानाराम को गंगानगर से अरेस्ट किया है. इस टीम ने कई कुख्यात अपराधी को पकड़ा है. इसी कड़ी में एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है जिस पर 50000 रुपए का इनाम था. आरोपी पेपर लीक सहित कई प्रकरणों में वांछित था. पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि साईक्लोनर टीम के द्वारा पांचवे किंगपिन की गिरफ्तारी की गई है. उन्होंने बताया कि किंगपिंग शैतानाराम की गिरफ्तारी के लिए विशेष रूप से चलाया गया था ‘ऑपरेशन दुष्टदमन’. इस दौरान पुलिस को कभी मजदूर बनना पड़ा तो कभी टीशर्ट-निकर में घूमना पड़ा.
पुलिस अफसर ने बताया कि पूर्व में पौरव कालेर (50 हजार), शमी विश्नोई (70 हजार), ओमप्रकाश ढाका (75 हजार) सुनील बेनीवाल (25 हजार) को साईक्लोनर टीम गिरफ्तार कर चुकी है. लेकिन शैतानाराम आरोपी एक अपराधी ही नहीं बल्कि जोधपुर पुलिस का कॉन्स्टेबल भी है. पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि आरोपी गत मई 2024 में ईनाम घोषित होने के बाद से ही फरार चल रहा है. वर्ष 2015 में पुलिस बेड़े में भर्ती हुआ शैतानाराम पुलिस थाना डांगियावास, सीएसटी टीम, पुलिस लाईन एवं ट्रैफिक में पदस्थापित रहा है. यह आरोपी तकनीकी रूप से इतना दक्ष है कि उसे पकड़ने में कई कठिनाइयां सामने आईं.
हैदराबाद और करीम नगर में पुलिस ने डाला था डेरा, लेकिन रही थी नाकाम
साईक्लोनर टीम डेढ महीने तक उसके ठिकाने की तलाश हेतु मशक्कत करती रही. इस आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए साइक्लोनर टीम 10 दिवस तक हैदराबाद व करीम नगर मे डेरा डाले बैठी रही. साइक्लोनर टीम को उसके गंगानगर में होने का सुराग मिला था. इसके बाद पुलिस ने उसे एक गोपनीय स्थान में तलाश करते हुए अरेस्ट कर लिया है. इस कार्रवाई के दौरान जिला गंगानगर पुलिस का विशेष दल भी साथ रहा. आरोपी शैतानाराम बचने के लिए कार्रवाई के दौरान छत से कूदकर भाग रहा था. साईक्लोनर टीम के प्रभारी प्रमीत चौहान उपनिरीक्षक ने शैतानाराम को दबोच ही लिया.
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स्टील की रेलिंग बनाने वाले मजदूर बनकर पहुंची पुलिस
बताया जा रहा है कि जोधपुर के कुछ अपराधियों की भी शैतानाराम के साथ होने की सूचना मिली थी. राखी त्यौहार को लेकर वे अपराधी बाहर निकल गये थे. जोधपुर लाकर शैतानाराम को एसओजी की टीम को सुपुर्द कर दिया गया. दरअसल आरोपी शैतानाराम सीएसटी में रहा इसलिए पुलिस के सारे गुर जानता था. साइक्लोनर टीम को डेढ़ महीने की मशक्कत करनी पड़ी. पुलिस कर्मी स्टील की रेलिंग बनाने वाले मजदूर तो कभी छात्र बनकर उसे तलाश कर रही थी.
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2015 में पुलिस में हो गया था भर्ती, जानता था पुलिस कार्रवाई के तरीके
आरोपी शैतानाराम सांचौर का रहने वाला है. वर्ष 2012 में बारहवीं पूर्ण कर 2015 में पुलिस कॉन्स्टेबल बन गया था. उसे पुलिस कार्रवाई, अरेस्टिंग के ऑपरेशन और अपराधी तक पहुंच के तरीकों की जानकारी थी. इसके कारण वह बार-बार पुलिस को चकमा दे रहा था. लेकिन साइक्लोनर टीम ने आखिरकार उसे अरेस्ट कर ही लिया. मार्च माह में गठन के बाद से ही साइक्लोनर टीम लगातार शानदार कार्रवाई कर रही है. पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने साइक्लोनर दल के सदस्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए उनकी पीठ थपथपायी एवं पुरस्कार देने की घोषणा की है.
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FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 24:28 IST