Justice Sanjiv Khanna Takes Oath As 51st CJI know how the tenure of the Chief Justice of India is decided


CJI Sanjiv Khanna: भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस संजीव खन्ना ने शपथ ले ली है. इससे पहले सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो गए थे. बता दें कि CJI संजीव खन्ना का कार्यकाल 6 महीनों का रहेगा. वो 13 मई 2025 तक CJI के पद पर रहेंगे. बता दें कि भारत सरकार ने CJI डीवाई चंद्रचूड़ से अपना उत्तराधिकारी का नाम देने की गुजारिश की थी. इसके बाद CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार को दिए अपने जवाब में जस्टिस संजीव खन्ना का नाम सुझाया था. बता दें सीजेआई के रूप में डीवाई चंद्रचूड़ ने दो साल अपनी सेवाएं दीं, वहीं संजीव खन्ना 6 महीने अपनी सेवाएं देंगे. ऐसे में सवाल ये उठता है कि भारत के चीफ जस्टिस का कार्यकाल कैसे तय होता है? चलिए इस सवाल का जवाब जानते हैं.

यह भी पढ़ें: सिर्फ एक बूंद दूध से पता लगेंगी आठ तरह की मिलावट, जानें IIT कानपुर की पेपर किट की खासियत

कैसे तय होता है सीजेआई का कार्यकाल?

भारत में सुप्रीम कोर्ट का चीफ जस्टिस भारतीय राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है. संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत, भारत का चीफ जस्टिस सभी सुप्रीम कोर्ट के जजों के बीच से चुना जाता है. हालांकि, यह प्रक्रिया पूरी तरह से न्यायपालिका की स्वायत्तता पर निर्भर होती है और इसमें सरकार का सीधे कोई हस्तक्षेप नहीं होता.

बता दें भारतीय संविधान के तहत चीफ जस्टिस का कार्यकाल आमतौर पर 65 वर्ष की आयु तक होता है, यानी, जब तक चीफ जस्टिस की आयु 65 वर्ष से कम होती है, तब तक वह अपने पद पर बने रह सकते हैं. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की प्रक्रिया ज्ञापन के मुताबिक, भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद पर सर्वोच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को बैठना चाहिए और क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों को 65 साल की उम्र में रिटायर होना है, इसलिए मुख्य न्यायाधीश के कार्यकाल की अवधि इस बात पर निर्भर करती है कि ज्वाइनिंग के समय उनकी उम्र क्या थी.

यह भी पढ़ें: सिर्फ एक बूंद दूध से पता लगेंगी आठ तरह की मिलावट, जानें IIT कानपुर की पेपर किट की खासियत

कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना?

गौरतलब है कि जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में वकील के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन कराया. यहीं से उनकी कानूनी सफर की शुरुआत हुई. जस्टिस संजीव खन्ना पहले दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस करते थे. इसके बाद उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट में प्रमोट किया गया.

यह भी पढ़ें: यूपी में कोई लड़की मेल जिम ट्रेनर रखना चाहे तो क्या वो ऐसा कर सकती है? जान लें जवाब



Source link

x