Kangra: इस दिन पूरी रात की जाती है भगवान शिव की पूजा, जानिए क्या है नुआला परंपरा ?



HYP 4832116 cropped 04122024 130352 result 1000325159 watermar 1 Kangra: इस दिन पूरी रात की जाती है भगवान शिव की पूजा, जानिए क्या है नुआला परंपरा ?

हिमाचल प्रदेश देवी देवताओं का निवास स्थान है. हिमाचल प्रदेश में विभिन्न जाति के लोग अपनी धार्मिक आस्थाओं के साथ एक दूसरे के साथ मिलजुल कर रहते हैं. यहां पर आस्था संस्कृति और धर्म का संगम एक अनूठा संयोग को दर्शाता है. गद्दी समुदाय के लोगों में छोटी- बड़ी खुशी के मौके पर नुआला आयोजन की परंपरा संदियों से चली आ रही है.

नुआला को शिव पूजन की एक अनूठी परंपरा माना जाता है. इसे परंपरागत गद्दी सांस्कृतिक उत्सव का एक प्रतीक भी माना जाता है. समुदाय में नुआले का आयोजन खासतौर पर बेटे की शादी के समय में आयोजित किया जाता है. शादी के समय दूल्हे को भगवान शिव का रूप दिया जाता है, जिसे स्थानीय भाषा में जोगणू कहा जाता है.

सदियों से चली आ रही है ये परंपरा
देशभर में ये समुदाय अपनी वेशभूषा और परंपराओं की बदौलत सबसे अलग पहचान बनाए हुए है. खासकर शादी- विवाह और स्थानीय आयोजनों में समुदाय की कला और संस्कृति की झलक निहारने का मौका मिलता है.

पूरी रात की जाती है भगवान शिव की आराधना
नुआला मतलब नौ व्यक्तियों द्वारा भगवान भोले शंकर की स्तुति या भोले की महिमा का गुणगान करना होता है. जिसे केवल गद्दी समुदाय के लोग ही गाते हैं. बताया जाता है कि इन 9 व्यक्तियों को अलग-अलग कार्यभार सौंपा जाता है. इनमें शामिल 4 लोगों को बंदे कहा जाता है, जो पूरी रात भोलेनाथ की स्तुति करते हैं. इनके साथ पांचवां व्यक्ति कुटआल और छठा बुटआल होता है. कुटआल का काम सारी रात जागकर शिव का गुणगान करने वाले 4 बंदों की सेवा करना होता है. वहीं बुटआल का काम लोगों में प्रसाद आदि बांटना होता है. इस रात को चार हिस्सों में बांटा जाता है.

FIRST PUBLISHED : December 4, 2024, 14:51 IST



Source link

x