Karnataka Anna Bhagya Scheme Row Central Minister Piyush Goyal Gave Reason Wheat Rice Too States


Karnataka Anna Bhagya Scheme: कर्नाटक को चावल की आपूर्ति को लेकर कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर हमला कर रही है. इसी बीच केंद्र सरकार ने बताया कि केंद्र ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपने स्टॉक से कई राज्यों को चावल उपलब्ध कराने या बेचने से इनकार कर दिया है कि अनाज की कीमत खुले बाजार में ना बढ़े और लोगों को यह सस्ते में मिलता रहे. 

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार (20 जून) को राज्य को चावल की आपूर्ति से मना किये जाने के बाद उत्पन्न राजनीतिक विवाद के बीच यह बात कही है.

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से जब चावल की आपूर्ति के मसले पर कर्नाटक में विरोध प्रदर्शनों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सचिवों की एक समिति ने फैसला किया है कि केंद्रीय भंडार में चावल का स्टॉक देश के 140 करोड़ लोगों की सेवा के लिए रखा जाना चाहिए और राज्य जरूरत पड़ने पर बाजार से चावल खरीद सकते हैं. 

बीजेपी और कांग्रेस ने क्यों किया प्रदर्शन?
कर्नाटक में चावल की आपूर्ति को लेकर राजनीति उस समय गरमा गई जब सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी बीजेपी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किए. कांग्रेस ने कर्नाटक सरकार की अन्न भाग्य योजना के लिए कथित रूप से चावल देने से इनकार करने के लिए बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में विरोध-प्रदर्शन किया. 

दूसरी ओर, बीपीएल परिवार के प्रत्येक सदस्य को 10 किलो चावल प्रदान करने में कांग्रेस सरकार की कथित विफलता के खिलाफ राज्य के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई सहित कई बीजेपी नेताओं को हिरासत में लिया गया था. 

कौन-कौन से राज्य चावल की मांग कर रहे हैं?
केंद्र ने कहा कि वह अतिरिक्त पांच किलो अनाज प्रदान नहीं कर सकता है. हालांकि, कर्नाटक ने कहा कि वह भारतीय खाद्य निगम (FCI), केंद्रीय भंडारण निगम और नेफेड जैसे केंद्रीय संस्थानों से अनाज खरीदने के लिए तैयार है.  हाल ही में, केंद्र सरकार ने खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत केंद्रीय पूल से राज्य सरकारों को चावल और गेहूं की बिक्री बंद कर दी. 

गोयल ने कहा, ‘‘मुझे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश से चावल की मांग मिली है. विभिन्न राज्य भारी मात्रा में चावल की मांग करते रहते हैं, लेकिन हमने उन सभी को (चावल देने से) इनकार कर दिया है.’’

केंद्र गेहूं और चावल की आपूर्ति बढ़ाने और खुले बाजार में मूल्यवृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत अपने भंडार से अधिशेष अनाज जारी करता है. 

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