Karnataka Moral Policing Case State Home Minister Said Special Squad Will Be Formed To Counter The Issues | Karnataka: मोरल पुलिसिंग रोकने के लिए कर्नाटक सरकार बनाएगी स्पेशल टास्क फोर्स, गृह मंत्री बोले
Karnataka Moral Policing Case: कर्नाटक के मंगलूरु में गुरुवार (1 जून) को अपनी महिला मित्रों के साथ समुद्र तट पर आए तीन छात्रों पर हमला किया गया था, जिसके बाद से राज्य में मोरल पुलिसिंग का मामला जोर पकड़ लिया है. वहीं अब राज्य के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने मंगलवार (6 जून) को मोरल पुलिसिंग को रोकने के लिए खासतौर पर दक्षिण कन्नड जिले के मुख्यालय मेंगलुरु में विशेष दस्ते का गठन करने की बात कही है.
मंत्री ने कहा कि विशेष दस्ते का गठन करने का उद्देश्य सांप्रदायिक सौहर्द्र को स्थापित करना है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘दक्षिण कन्नड में, खासतौर पर मेंगलुरु में बहुत मोरल पुलिसिंग हो रही है जिससे लोग परेशान हो गए हैं. कुछ लोग इस परिपाटी का विस्तार करना चाहते हैं जबकि हम इसे रोकना चाहते हैं. इसकी पुनावृत्ति रोकने के लिए जो भी जरूरी कदम होंगे उठाएंगे.’’
बनाया जाएगा विशेष दस्ता
परमेश्वर के मुताबिक नई कांग्रेस सरकार राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द्र का माहौल बनाना चाहती है ताकि लोग शांति से रह सकें. उन्होंने कहा, ‘‘हमने पुलिस बल में ही इस मामले से निपटने के लिए प्रकोष्ठ बनाने का फैसला किया है. इस तरह के मामलों से निपटने के लिए विशेष दस्ता होगा. वे ऐसे मामलों को देखेंगे और मोरल पुलिसिंग पर ध्यान केंद्रित करेंगे.’’
सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक मंशा से हत्या के सात मामले हैं. और विभाग सभी सातों मामलों में मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की सिफारिश करेगी. परमेश्वर के मुताबिक मुआवजा देने में देरी हुई क्योंकि पूर्ववर्ती बीजेपी की सरकार ने इस पर फैसला लेने में विलंब किया. उन्होंने कहा, ‘‘जो भी कारण हो, मैं नहीं जानता परंतु देरी हुई. अब हमने परिवारों को मुआवजा देने के लिए कदम उठाए हैं.’’
फरार आरोपियों की तालाश जारी
मोरल पुलिसिंग मामले में शुक्रवार (2 जून) को एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया. अब तक चार लोगों को गिरफ्तार और एक नाबालिग को हिरासत में लिया गया. मंगलुरु के पुलिस आयुक्त कुलदीप कुमार जैन ने कहा कि आईपीसी की धारा 307 के तहत दंगा और हत्या के प्रयास के मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उन्होंने कहा, कुछ और आरोपी जो फरार हैं, उन्हें गिरफ्तार करने की जरूरत है और तीन विशेष टीमें उनकी तलाश कर रही हैं.
गिरफ्तार लोगों की पहचान उल्लाल के बस्तीपडपु निवासी यतीश, उचचिला निवासी सचिन और सुहास के रूप में हुई है. नाबालिग लड़का उनका सहयोगी है. आरोपियों ने गुरुवार को अपनी महिला मित्रों के साथ समुद्र तट पर आए तीन छात्रों जाफर शरीफ, मुजीब और आशिक पर हमला किया था. पीड़ित मंगलुरु के एक पैरा-मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं. आरोपियों ने उनके नाम और पते पूछे और लड़कों और लड़कियों के साथ मारपीट की.
सीएम ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश
मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा था कि वह राज्य में मोरल पुलिसिंग की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेंगे और पुलिस को ऐसे मामलों पर सख्ती से कार्रवाई करने का सख्त निर्देश दिया था. यह घटना यूटी विधानसभा के अध्यक्ष उल्लाल निर्वाचन क्षेत्र में हुई थी.
बीजेपी नेता सतीश कुम्पाला, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के नेताओं ने थाने का दौरा किया और पुलिस से पूछताछ की. उन्होंने मांग की कि निर्दोष हिंदू कार्यकतार्ओं को रिहा किया जाना चाहिए. पुलिस आयुक्त कुलदीप जैन ने उन्हें आश्वासन दिया कि अगर गिरफ्तार आरोपी जांच में बेगुनाह निकले, तो उन्हें छोड़ दिया जाएगा.