Karwa Chauth Moon Rise Time Live: इंदौर में कब निकलेगा चांद, एमपी के शहरों की भी देखें लिस्ट


मध्य प्रदेश: आज देश भर करवा चौथ का व्रत मनाया जा रहा है. सुहागिन महिलाएं हर साल करवा चौथ का बेसब्री से इंतजार करती हैं. अखंड सौभाग्य, पति की लंबी आयु और बेहतर जीवन के लिए सुहागिन महिलाएं हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ पर निर्जला व्रत रखती हैं. इस व्रत में महिलाएं दिनभर उपवास रखते हुए रात को चंद्रमा के निकलने पर दर्शन और पूजन करते हुए अपना व्रत खोलती हैं. आज पूरे देश में 9 बजे तक चंद्रमा दिखाई दे जाएगा. चंद्रमा के दर्शन करने के बाद महिलाएं अपने पति के हाथ से पानी पीकर व्रत तोड़ेंगी. जानें इंदौर में कब होगा चंद्रोदय…

मध्य प्रदेश समेत पूरे देश में करवा चौथ का व्रत को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं. मध्य प्रदेश की संस्कृति और परंपरा में करवा चौथ का विशेष स्थान है, और यह त्योहार यहां की महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है.

करवा चौथ पर 16 श्रृंगार
इंदौर में करवा चौथ की तैयारी कई दिनों पहले से शुरू हो जाती है. महिलाएं इस दिन नए-नए कपड़े पहनती हैं और अपना पूरा सोलह श्रृंगार करती हैं. पारंपरिक परिधान में खासतौर पर लहंगा या साड़ी पहनी जाती है, इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार कर भगवान सूर्य को अर्घ्य देती हैं. इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार के साथ-साथ शानदार मेकअप भी करती हैं.बाजारों में मेहंदी लगवाने के लिए महिलाओं की भीड़ उमड़ती है.

करवा चौथ की पूजा विधि
इस व्रत में महिलाएं दिनभर उपवास रखते हुए रात को चंद्रमा के निकलने पर दर्शन और पूजन करते हुए अपना व्रत खोलती हैं. करवा चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए मिट्टी के करवे का इस्तेमाल किया जाता है. जो इस व्रत का प्रतीक होता है. करवा चौथ की शाम को महिलाएं एकत्रित होकर समूह में पूजा करती हैं. पूजा के दौरान करवे में जल भरकर और दीप जलाकर विधिवत पूजा की जाती है.पूजा के दौरान महिलाएं करवा चौथ की व्रत कथा भी सुनती हैं. इस कथा को सुनने का धार्मिक महत्व है, कथा सुनना एक पुरानी परंपरा है जो सदियों से चली आ रही है. भोपाल में इस कथा को एक बड़े समूह में सुनाने की परंपरा है, और इसे सामूहिक रूप से किया जाता है.

चांद को देखकर अर्घ्य देती हैं महिलाएं
पूजा के बाद महिलाएं चांद निकलने का इंतजार करती हैं. विभिन्न शहरों में चांद निकलने का समय भिन्न-भिन्न होता है, और चांद को देखकर महिलाएं अर्घ्य देती हैं. इसके बाद ही वे व्रत खोलती हैं. इस प्रक्रिया के दौरान, महिलाएं चलनी के माध्यम से पहले चांद को देखती हैं और फिर अपने पति का चेहरा देखकर उनके लंबे जीवन की कामना करती हैं.

करवा चौथ पर बनाएं जाते हैं विशेष पकवान
व्रत के बाद महिलाएं पारंपरिक पकवान बनाती हैं और विशेष भोजन तैयार होता है. राजस्थान में करवा चौथ के दौरान कई विशेष मिठाइयों और व्यंजनों का भी आनंद लिया जाता है, जैसे कि गुजिया, खीर, और फेनी.

प्रेम का प्रतीक है करवा चौथ
हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार करवा चौथ पति-पत्नी के प्रेम और समर्पण का प्रतीक है. महिलाएं इस दिन अपने पति के लिए व्रत रखती हैं, और पति भी अपनी पत्नियों के प्रति अपने प्रेम और कृतज्ञता को व्यक्त करते हैं. यह त्योहार परिवारों के बीच आपसी प्रेम और संबंधों को और मजबूत करने का अवसर भी है.

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