नहीं रहे कथक के सरताज:प्रसिद्ध कथक नर्तक पद्म विभूषण बिरजू महाराज का हार्ट अटैक से निधन, 83 साल की उम्र में ली अंतिम सांस: Birju Maharaj

Birju Maharaj: प्रसिद्ध कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज का हार्ट अटैक से निधन हो गया है। पद्म विभूषण से सम्मानित 83 साल के बिरजू महाराज ने रविवार और सोमवार की दरमियानी रात दिल्ली के साकेत हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गायक मालिनी अवस्थी और अदनान सामी ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। ​​​​​​

बिरजू महाराज की पोती रागिनी ने बताया कि महाराज का एक महीने से इलाज चल रहा था। बीती रात करीब 12.15-12.30 बजे उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई; जिसके बाद उन्हें अस्पताल में एडमिट किया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।

https://twitter.com/maliniawasthi/status/1482886632827068417?t=AGfctbx3dmQVMX-4pFickQ&s=19

बॉलीवुड गायक अदनान सामी ने सोशल मीडिया पर लिखा- महान कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज जी के निधन की खबर से बहुत ज्यादा दुखी हूं। आज हमने कला के क्षेत्र का एक अनोखा संस्थान खो दिया। उन्होंने अपनी प्रतिभा से कई पीढ़ियों को प्रभावित किया है।

https://twitter.com/AdnanSamiLive/status/1482852546050142208?t=TisFlh_b79YuH3xBGzlDlA&s=19

लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को लखनऊ में हुआ था। इनका असली नाम पंडित बृजमोहन मिश्र था। ये कथक नर्तक होने के साथ साथ शास्त्रीय गायक भी थे। बिरजू महाराज के पिता अच्छन महाराज, चाचा शंभु महाराज और लच्छू महाराज भी प्रसिद्ध कथक नर्तक थे।

बिरजू महाराज ने देवदास, डेढ़ इश्किया, उमराव जान और बाजी राव मस्तानी जैसी फिल्मों के लिए नृत्य निर्देशन किया था। इसके अलाव इन्होंने सत्यजीत रे की फिल्म ‘शतरंज के खिलाड़ी’ में म्यूजिक भी दिया था।

बिरजू महाराज को 1983 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही इन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान भी मिला है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और खैरागढ़ विश्वविद्यालय ने बिरजू महाराज को डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी दी थी।

2012 में विश्वरूपम फिल्म में नृत्य निर्देशन के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 2016 में बाजीराव मस्तानी के ‘मोहे रंग दो लाल’ गाने की कोरियाग्राफी के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था।

x