KAZIND 2024: भारत-कजाकिस्तान की सेनाओं का औली में सैन्य अभ्यास, जानें क्या है खास


देहरादून/चमोली. रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तराखंड के औली में भारत और कजाकिस्तान (India Kazakhstan Military Exercise) के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘काजिंद-2024’ शुरू हो गया है. यह अभ्यास 13 अक्टूबर 2024 तक चलेगा, जिसमें दोनों देशों की सेनाएं अपनी सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन और आपसी सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी. इस अभ्यास का शुभारंभ भारतीय सेना के कर्नल योगेश उपाध्याय और कजाकिस्तान के कर्नल करिबयेव नुरलान सेरिकबायविच की उपस्थिति में हुआ. दोनों देशों के शीर्ष सैन्य अधिकारी इस ऐतिहासिक अवसर पर शामिल हुए और आपसी सामंजस्य और सहयोग को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई. यह अभ्यास भारत और कजाकिस्तान में बारी-बारी से हर साल आयोजित किया जाता है, जिसका पिछला संस्करण कजाकिस्तान में 2023 में हुआ था.

इस साल के ‘काजिंद-2024’ अभ्यास में भारतीय सेना की 120 सैनिकों की टुकड़ी, जिसमें प्रमुख रूप से प्रतिष्ठित पांचवीं बटालियन कुमाऊं रेजिमेंट के साथ भारतीय वायुसेना और सेना की अन्य आर्म्स और सर्विसेज शामिल हैं, भाग ले रही हैं. दूसरी ओर कजाकिस्तान की 60 सैनिकों की टुकड़ी, जो लैण्ड फोर्सेज, एयर डिफेंस फोर्सेज और एयरबोर्न असॉल्ट ट्रूपर्स से सजी हैं, इस अभ्यास का हिस्सा हैं. इस साझेदारी का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच सैन्य कौशल और रणनीतिक समन्वय को और मजबूत करना है.

सैन्य अभ्यास का उद्देश्य आतंकवाद पर सटीक वार
‘काजिंद-2024’ सिर्फ एक सामान्य सैन्य अभ्यास नहीं है बल्कि इसका उद्देश्य बेहद खास है. इसका फोकस संयुक्त राष्ट्र के जनादेश के तहत आतंकवाद विरोधी अभियानों की तैयारियों को मजबूत करना है. दोनों देशों की सेनाएं अर्ध-शहरी और पहाड़ी इलाकों में सामरिक संचालन का अभ्यास करेंगी. साथ ही दोनों सेनाओं के जवान शारीरिक फिटनेस, ऑपरेशनल स्ट्रैटेजी, और आधुनिक तकनीकों के उपयोग में निपुणता हासिल करेंगे.

युद्ध की रणनीति: हाई-टेक ऑपरेशन का रोमांच
इस सैन्य अभ्यास के दौरान सैनिक कई उन्नत ऑपरेशंस का अभ्यास करेंगे. इनमें आतंकवादी हमले के दौरान एक परिभाषित क्षेत्र पर कब्जा जमाने का सामना करना, संयुक्त कमांड पोस्ट और निगरानी केंद्र की स्थापना, हेलीपैड की सुरक्षा और हाई-टेक स्पेशल हेलिबॉर्न ऑपरेशन्स शामिल हैं. इसके अलावा, ड्रोन और काउंटर-ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल से दोनों सेनाएं आधुनिक युद्ध की रणनीतियों को भी समझेंगी.

भारत और कजाकिस्तान के बीच बढ़ता सहयोग
‘काजिंद-2024’ न केवल सैन्य क्षमताओं को मजबूत करेगा बल्कि दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को भी एक नई दिशा देगा. इस संयुक्त अभ्यास के माध्यम से दोनों देशों की सेनाएं रणनीतिक प्रक्रियाओं और तकनीकों में अपनी विशेषज्ञता साझा करेंगी, जिससे आपसी भरोसा और समझदारी बढ़ेगी. यह द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को गहराई प्रदान करेगा और भारत-कजाकिस्तान के बीच मित्रता के रिश्तों को और सुदृढ़ करेगा.

Tags: Indian army, Local18



Source link

x