Kedarnath Donkey Viral Video Know How Does Weed Or Cannabis Effects On Mind
Smoking Weed to donkey in Kedarnath: इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें कुछ लोग खच्चर को दबोच कर उसे गांजा पिलाते नजर आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि 27 सेकेंड का यह वीडियो उत्तराखंड के केदारनाथ ट्रैक का है. बेशक यह एक निंदनीय और मानवीय हरकत है, लेकिन वीडियो देखने के बाद मन में एक सवाल यह भी आता है कि आखिर गांजे (Cannabis) में ऐसा क्या होता है जो इस पीने वाला ख्यालों में खो जाता है? क्या गांजे का असर जानवरों पर भी होता है? आइए जानते हैं…
Table of Contents
भारत में बैन है गांजा
भारत में किए जाने वाले नशों में से गांजे का नशा भी एक है. देश में बड़े स्तर पर गांजे का सेवन किया जाता है. हालांकि, सरकार ने गांजे के सेवन और बिक्री, दोनों पर ही बैन लगाया हुआ है, इसके बावजूद भी चोरी छुपे इसका व्यापार होता है. भारत में गांजे पर बैन 1985 में लगा था, तत्कालीन राजीव गांधी की सरकार NDPS यानी Narcotic Drugs and Psychotropic Substances एक्ट लेकर आई थी. जिसके तहत गांजे पर पूर्ण रूप से प्रतिबंधित लगा दिया गया था.
#Uttrakhand Some people are making a horse smoke weed forcefully at the trek of Kedarnath temple.@uttarakhandcops @DehradunPolice @RudraprayagPol @AshokKumar_IPS
should look into this matter and find the culprit behind thispic.twitter.com/yyX1BNMiLk
— Himanshi Mehra 🔱 (@manshi_mehra_) June 23, 2023
गांजे के बाकी नाम
गांजे को मैरुआना (Marijuana), वीड (Weed), स्टफ (Stuff), माल, पॉट (Pot), ग्रास (Grass) आदि नामों से भी जाना जाता है. हालांकि, इसका वैज्ञानिक नाम कैनेबिस (Cannabis) है. कैनेबिस के पौधे की कई किस्में होती हैं. जिनमें से दो सबसे ज्यादा फेमस हैं. पहली है Cannabis Sativa और दूसरी Cannabis Indica. गांजे का सेवन करने वाले ज्यादातर इन्ही दोनों का इस्तेमाल करते हैं. कैनेबिस को आम भाषा में भांग कहते हैं. इससे तीन तरह के ड्रग प्राप्त होते हैं और तीनों ही काफी फेमस हैं. सबसे पहला गांजा, दूसरा भांग और तीसरा है चरस.
चरस
इसे कैनेबिस के पौधे के रेज़िन या राल से तैयार किया जाता है. चरस के अन्य नाम हशीश या हैश भी हैं.
भांग
यह कैनेबिस की पत्तियों और बीजों को साथ में पीसने या हाथों से रगड़ने पर मिलती है. जिसे लोग सुविधा के मुताबिक खाते या पीते हैं.
गांजा
भारत सहित दुनियाभर के कई देशों में गांजा प्रतिबंधित है. हालांकि, कुछ देशों में इसका व्यापार और सेवन लीगल है. स्मोकिंग के लिए गांजे का इस्तेमाल ज्यादा होता है. वहीं, कुछ लोग तो नशा करने के लिए इसका घोल तक बनाकर पीते हैं. इसमें मनोसक्रिय मादक (Psychoactive Drug) पदार्थ होते हैं.
गांजे में होते हैं ये केमिकल
गांजा लेने के बाद हमारे माइंड में असामान्य हरकतें होने लगती हैं. कैनेबिस के पौधे में करीब 150 प्रकार के Cannabinoids (कैनेबिनॉइड्स) होते हैं. लेकिन इनमें से THC और CBD नाम के ये दोनों केमिकल दिमाग पर सबसे ज्यादा असर डालते हैं.
शरीर पर ऐसे होता है गांजे का असर
गांजा स्मोक करने कर THC और CBD माइंड पर अलग-अलग तरह से काम करते हैं. THC से नशा बढ़ता है और CBD से उसका असर कम होता है. दरअसल, CBD घबराहट को कम करने में काफी मददगार होता है. लेकिन, जब गांजे में THC की मात्रा CBD से अधिक रहती है तो यह हमारे माइंड की कार्यप्रणाली को बाधित करती है. स्मोक करने कर THC खून के जरिए हमारे दिमाग तक पहुंचकर उसमें गड़बड़ करनी शुरू कर देता है. दिमाग अपना सारा काम न्यूरॉन्स की मदद से करता है और गांजा पीने के बाद ये न्यूरॉन्स ही कंट्रोल से बाहर हो जाते हैं.
जानवरों पर गांजे का असर
Michigan state university में पशु चिकित्सा निदान प्रयोगशाला की संचार प्रबंधक कर्टनी चैपिन का कहना है कि जानवरों पर नशीले पदार्थों का असर अलग-अलग तरह से होता है. किसी पर इसका असर कम तो किसी पर अधिक देखने को मिल सकता है. उनका कहना है कि सीबीडी कई सूरतों में जानवरों के लिए नुकसानदायक नहीं होता है, लेकिन THC कुत्ता, बिल्ली और घोड़े जैसे कई अन्य जानवरों के लिए विषाक्त हो सकता है.
यह भी पढ़ें – कानपुर में कृत्रिम तरीके से कैसे हुई बारिश, ये क्लाउड सीडिंग क्या बला है?