यूपी: सुबह मजदूर की बेटी के खाते में बताए 10 करोड़, शाम होते-होते बदल गई कहानी
सार
- बलिया की किशोरी के खाते से होता रहा लेनदेन
- फरीदाबाद पुलिस की शिकायत पर खाते को किया गया था होल्ड, होल्ड के बाद खाते में आए लगभग पांच हजार।
- पुलिस की सलाह पर खाते में दस करोड़ का होल्ड लगाया था, ताकि जालसाजों को इस कार्रवाई की भनक न लगे।
विस्तार
बलिया जिले के बांसडीह थाना क्षेत्र के रुकनपुरा गांव की किशोरी के खाते में 10 करोड़ रुपये होने की बात फर्जी निकली है। बैंक के अनुसार इस खाते का संचालन ऑनलाइन ठगी करने वाले ठग कर रहे थे। इसकी शिकायत होने के बाद फरीदाबाद जिले की पुलिस के कहने पर खाता होल्ड किया गया था।
पुलिस की ही सलाह पर 10 करोड़ का होल्ड लगाया गया था ताकि खाते में रुपये आने में कोई दिक्कत न हो, निकालने पर रोक थी। खाता होल्ड होने के बाद इसमें लगभग पांच हजार रुपये की रकम आई, जो इस समय भी पड़ी हुई है। इस रकम को नहीं निकाल पाने पर ठगों ने खाते में रुपये मंगाना बंद कर दिया।
इलाहाबाद बैंक की बांसडीह शाखा के पूर्व प्रबंधक स्वप्निल सिंह के अनुसार फरवरी 2020 में उनके पास फरीदाबाद जिले की इलाहाबाद बैंक की शाखा के मैनेजर का फोन आया। उन्होंने बताया कि संबंधित खाते से ऑनलाइन ठगी हो रही है। इस खाते में विभिन्न माध्यमों से पैसे मंगाए जा रहे हैं। ऑनलाइन भुगतान में भी खाते का यूज किया गया है।
उन्होंने बताया कि फरीदाबाद पुलिस मामले की जांच कर रही है। उनका फोन आने के बाद किशोरी को बैंक बुलाया गया और खाते में हो रही ट्रांजेक्शन की डिटेल मांगी गई तो वह कुछ भी नहीं बता सकी। स्वप्निल के अनुसार जब किशोरी से पूछा गया कि तुम्हारे जनधन खाते में इतनी रकम कहां से आ रही है और कहां जा रही है तो वह कुछ भी नहीं बता सकी।
उसने बताया कि उसके पास पंजाब से फोन आया था। फोन करने वाले ने उसे पैसे देने की लालच देकर खाते की डिटेल और एटीएम कार्ड आदि सबकुछ अपने पास मंगा लिया था। इसके बाद से उसे खाते के बारे में कोई जानकारी नहीं है। किशोरी से बातचीत के बाद लगा कि यह भी ठगों द्वारा ठगी गई है तो फिर फरीदाबाद बात की गई।
वहां से बताया गया कि जिन लोगों से इस खाते में रुपये मंगाए गए हैं। उन लोगों ने अपने साथ ठगी होने की शिकायत पुलिस से की है। पुलिस ने फिलहाल इस खाते को होल्ड करने के लिए कहा है। हालांकि पुलिस यह भी चाहती है कि खाते में रकम आने में कोई दिक्कत न हो निकालने पर रोक लगा दें।
स्वप्निल सिंह के अनुसार बातचीत के आधार पर उन्होंने खाते में 10 करोड़ रुपये का होल्ड लगाया। उनको उम्मीद थी कि कोई भी इतनी बड़ी रकम एक साथ जमा नहीं करेगा। स्वप्निल बताते हैं कि खाते पर रोक के बाद सिर्फ पांच हजार की रकम इसमें आई। स्वप्निल के अनुसार इस रकम को नहीं निकाल पाने के बाद ठगों को बैंक या पुलिस की कार्रवाई की भनक लग गई, इसी वजह से उन्होंने ट्रांजैक्शन बंद कर दिया।
स्वप्निल ने बताया कि अब किशोरी जब बैंक में खाते में रकम की जानकारी के लिए पहुंची तो वहां क्लर्क से गलती हो गई और उसने 10 करोड़ के होल्ड को रकम समझ कर गलत जानकारी दे दी।
इलाहाबाद बैंक बांसडीह शाखा के वर्तमान प्रबंधक सरोज कुमार सिंह ने के अनुसार सरोज कुमारी पुत्री सूबेदार साहनी का खाता 2-8-2018 को खुला था। इस खाते में दस बीस हजार करके कई बार जमा हुए व निकले हैं। दो अगस्त 2018 से 22 जनवरी 2020 तक खाते में 17,59,120 जमा हुए हैं और 17,53,857 निकाल भी लिए गए हैं।इस बीच फरीदाबाद ब्रांच की शिकायत पर हमारे पूर्व रहे शाखा प्रबंधक द्वारा 15 फरवरी 2020 को खाते पर अनुमानित दस करोड़ का होल्ड लगा दिया गया। वर्तमान में इस खाते में 5263.05 हैं।
ठगों के मांगने पर आधार समेत एटीएम भी भेज दिया
इलाहाबाद बांसडीह शाखा की खाताधारक सरोज के अनुसार बैंक में वर्ष 2018 में उसका खाता खुला। दो वर्ष पूर्व ही कानपुर देहात जनपद के ग्राम पाकरा, पोस्ट बाधीर के निलेश कुमार नाम के व्यक्ति ने उसे फोन कर पीएम आवास दिलाने के नाम पर आधार कार्ड व फोटो आदि अपने दिए पते पर भेजने को कहा।
सरोज ने आधार कार्ड की फोटो कापी व अन्य कागजात संबंधित पते पर भेज दिया। इसके बाद सरोज को डाक से बैंक का एटीएम कार्ड मिला। एटीएम कार्ड आते ही निलेश ने फिर फोन किया और एटीएम कार्ड अपने पते पर भेजने को कहा। सरोज ने निलेश को एटीएम कार्ड भी डाक से भेज दिया।
इसके बाद निलेश ने सरोज से एटीएम के पिनकोड की जानकारी ले ली। पुलिस को दिए शिकायती पत्र में सरोज ने रुपये के लेनदेन के प्रति पूर्ण अनभिज्ञता जताई है। उसने उल्लेख किया है कि उसे नहीं मालूम कि रुपया कहां से आया है। उसने यह भी कहा है कि उसे खाते में जमा धन से भी कोई सरोकार नहीं है। निलेश के जिस मोबाइल नंबर से उसकी बातचीत होती थी वह स्विच ऑफ(बंद) बता रहा है। बांसडीह कोतवाली के निरीक्षक राजेश कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। जांच के बाद आवश्यक वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।