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कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में आज 7 दिनों तक चलने वाले दशहरा उत्सव का आगाज़ होने वाला है. आज दशहरा उत्सव में भाग लेने देवी देवता पहुंच रहे हैं. देवी देवता भगवान रघुनाथ के मंदिर में पहुंचकर उनसे मिलन कर रहे हैं और स्थानीय लोगों को भी आशीर्वाद दे रहे हैं. ऐसे में माता हिडिंबा के आगमन से भगवान रघुनाथ की विशेष पूजा भी शुरू हो गई है, जिसमें अश्व पूजन के साथ-साथ अन्य विधि को भी पूरा किया गया.

हिडिंबा के आने पर शुरू होगी पूजा अर्चना
देवी हिडिंबा के रघुनाथ मंदिर पहुंचने के बाद ही रघुनाथ भगवान की पूजा अर्चना शुरू होती है. यहां हिडिंबा के आने के बाद रथयात्रा के लिए प्रस्थान करने से पहले अस्त्र शस्त्र पूजा और अश्व पूजा की जाती है. इन सभी पूजा के बाद ही भगवान रघुनाथ अपनी पालकी में बैठ कर भागतों के साथ ढालपुर मैदान के लिए निकलते हैं.

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रथयात्रा में रघुनाथ के रथ के पीछे बाई तरफ रहेंगे बिजली महादेव
कुल्लू घाटी के आराध्य देव बिजली महादेव भी इस रथ यात्रा में भाग लेने के लिए कुल्लू पहुंचे हैं. बिजली महादेव रथयात्रा में अपनी हाजरी भरते हैं. कारदार दानवेंद्र सिंह ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि जिस तरीके से राम के दिल में शिव और शिव के दिल में राम हैं, उसी को दर्शाते हुए बिजली महादेव भी इस देव मिलन में राम के साथ रथयात्रा में भाग लेते हैं. रथयात्रा के दौरान भगवान राम के रथ के साथ पीछे बाई ओर बिजली महादेव के देव रथ रहता है. यहां बिजली महादेव के साथ पिरडी महादेव और ज़वानी महादेव रहते हैं.

रथ के दाई ओर चलती है त्रिपुरसुंदरी
भगवान रघुनाथ के रथ के दाई तरफ पीछे चलती हैं देवी त्रिपुरा सुंदरी. त्रिपुरा सुंदरी राजपरिवार की कुलदेवी हैं और भगवान रघुनाथ की इस रथ यात्रा में वह उन्हें आशीर्वाद देने के लिए दाई ओर पीछे चलती हैं. कुल्लू में रथयात्रा के साथ दशहरा मनाया जाता है और ऐसा प्रतीत होता है जैसे भगवान रघुनाथ लंका पर कूच करने जा रहे हैं. भगवान रघुनाथ को लंका विजय के लिए कुलदेवी त्रिपुरसुंदरी आशीर्वाद देती हैं.

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