Lieutenant Rekha Singh Widow Of Galwan Valley Clash Hero Naik Deepak Singh Joined Indian Army Ordnance Corps
[ad_1]
Galwan Valley Clash Martyr: गलवान घाटी हिंसक झड़प के शहीद वीर चक्र (मरणोपरांत) नायक दीपक सिंह (Naik Deepak Singh) की पत्नी लेफ्टिनेंट रेखा सिंह सेना के त्रिशूल डिवीजन के तहत ऑर्डनेंस कॉर्प्स यूनिट में शामिल हो गई हैं. त्रिशूल डिवीजन पूर्वी लद्दाख (Ladakh) क्षेत्र के लिए जिम्मेदार है. भारतीय सेना (Indian Army) की फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने शनिवार (27 मई) को ये जानकारी दी.
फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने ट्वीट किया कि वीर नारी लेफ्टिनेंट रेखा का स्वागत करता है. रेखा सिंह बीते अप्रैल के महीने में चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) में अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद एक अधिकारी के रूप में भारतीय सेना में शामिल हुई थीं. रेखा सिंह पहले प्रयास में प्रवेश परीक्षा पास नहीं कर सकीं लेकिन दूसरे प्रयास में सफल रहीं. रेखा सिंह के अलावा, भारतीय सेना ने पांच महिला अधिकारियों को भी आर्टिलरी रेजिमेंट में शामिल किया था.
शादी के एक साल बाद ही शहीद हुए पति
लेफ्टिनेंट रेखा सिंह को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ एक फ्रंटलाइन बेस पर तैनात किया गया है. ये वही क्षेत्र है जहां उनके पति ने गलवान संघर्ष के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया था. मध्य प्रदेश के रीवा जिले की रहने वाली 24 वर्षीय लेफ्टिनेंट रेखा सिंह ने शादी के एक साल के भीतर ही अपने पति को खो दिया था.
‘Good timber does not grow with ease, Stronger the winds, Stronger the Trees’
Fire and Fury Corps welcomes #VeerNari Lieutenant Rekha as she joins the folds of Ordnance Corps under the wings of mighty Trishul Division#NariShakti#IndianArmy @adgpi @NorthernComd_IA pic.twitter.com/lGrZPLqONr
— @firefurycorps_IA (@firefurycorps) May 27, 2023
शहीद नायक दीपक सिंह को वीर चक्र से सम्मानित किया
गलवान संघर्ष के हीरो शहीद नायक दीपक सिंह को 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ झड़प के बाद मरणोपरांत देश के तीसरे सबसे बड़े युद्ध पुरस्कार वीर चक्र से सम्मानित किया गया था. झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. नायक दीपक सिंह ने 30 जवानों की जान बचाई थी.
घायल होने के बाद भी करते रहे इलाज
गलवान हिंसा के दौरान, दीपक सिंह को बिहार रेजिमेंट की 16वीं बटालियन में बटालियन नर्सिंग सहायक के रूप में तैनात किया गया था. ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के दौरान उन्होंने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई झड़प में हताहत हुए सैनिकों का इलाज किया था. हमले में घायल होने के बाद भी उन्होंने अन्य घायल सैनिकों का इलाज जारी रखा था.
ये भी पढ़ें-
[ad_2]
Source link