Lok Sabha Election 2024: Controversy Over Mamatas Offer To Cook Food For Prime Minister Modi – PM मोदी के लिए खाना पकाने के ममता बनर्जी के ऑफर को लेकर विवाद



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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हालिया बयान को लेकर उनपर तंज कसते हुए ममता ने सोमवार को कहा था कि अगर वह (मोदी) चाहें तो मैं उनके लिए खाना पकाने को तैयार हूं. लेकिन वह इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि मोदी उनके हाथ का पका खाना खाएंगे या नहीं.

PM मोदी ने पिछले महीने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव पर ऐसे समय में मछली खाने को लेकर कटाक्ष किया था, जिस दौरान हिंदू मांसाहार के सेवन से परहेज करते हैं.

ममता ने लोगों की खान-पान की आदतों में कथित तौर पर हस्तक्षेप करने को लेकर यहां एक रैली में कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें मोदी के लिए खाना पकाने पर खुशी होगी लेकिन वह इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि प्रधानमंत्री उनके हाथ का बना खाना खाने के लिए तैयार होंगे.

उन्होंने कहा था, ‘‘मैं बचपन से खाना पका रही हूं. लोग मेरे खाने की तारीफ करते हैं लेकिन क्या मोदी जी मेरा खाना स्वीकार करेंगे? क्या वह (मोदी) मुझपर विश्वास करेंगे? उन्हें (मोदी) जो पसंद हो मैं पकाउंगी. ”

टीएमसी सुप्रीमो ने कहा था, ‘‘मुझे ढोकला जैसे शाकाहारी व्यंजन और मछली-करी जैसा मांसाहारी व्यंजन दोनों पसंद है. हिंदुओं के विभिन्न समुदायों और विभिन्न संप्रदायों के अपने अनूठे रीति-रिवाज और खान-पान की आदतें हैं. भाजपा कौन होती है किसी व्यक्ति की खान-पान की आदतों पर पाबंदी लगाने वाली? यह दर्शाता है कि भाजपा नेतृत्व को भारत और इसके लोगों की विविधता और समावेशिता के बारे में बहुत कम जानकारी और समझ है.”

प्रधानमंत्री के लिए खाना पकाने की बनर्जी की पेशकश पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. प्रधानमंत्री मोदी शाकाहारी हैं.

भाजपा की राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय ने ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा, ‘‘ममता बनर्जी, मोदी जी को अपने हाथ की बनी मछली और चावल खिलाना चाहती हैं. अच्छा प्रस्ताव है. लेकिन उससे पहले वह अपने विश्वस्त फिरहाद हकीम को सुअर का मांस खिलाइये? इससे तीन उद्देश्य पूरे होंगे, पहला धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा मिलेगा, दूसरा लोगों को मालूम पड़ेगा कि कोई भी चीज घर से शुरू होती है और तीसरा पकौड़े की भी प्रशंसा हो जाएगी.”

भाजपा नेता संकुदेब पांडा ने दावा किया कि ममता ने जानबूझकर मोदी को यह जानते हुए आमंत्रित किया कि वह पूर्ण रूप से शाकाहारी हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘यह और कुछ नहीं बल्कि प्रधानमंत्री को घेरने की उनकी चाल है. वह जानती हैं कि प्रधानमंत्री कभी मछली या मांसाहार का सेवन नहीं करेंगे. अगर वह (ममता) मानती हैं कि हर किसी को वह खाने की अनुमति दी जाए, जो उसे पसंद हो तो क्यों वह किसी की आहार संबंधी आदतों के बारे में मोदीजी की टिप्पणियों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही हैं? वह कट्टर सनातनी हिंदुओं का अपमान कर रही हैं.”

ममता की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए माकपा नेता विकास भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘ भाई और बहन होने के नाते, ममता दीदी निश्चित रूप से प्रधानमंत्री के लिए भोजन पकाने की पेशकश कर सकती हैं, मुझे नहीं पता कि यह उन्हें खुश करने के लिए है या नहीं.”

भट्टाचार्य भाजपा और टीएमसी के बीच कथित गुप्त समझौते के संदर्भ में टिप्पणी कर रहे थे. वामदल और कांग्रेस की बंगाल इकाई तृणमूल और भाजपा के बीच गुप्ता समझौते का आरोप लगा रहे हैं.

भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘ममता बनर्जी और नरेन्द्र मोदी दोनों ही देश को इस स्थिति में लाने के लिए जिम्मेदार हैं. दोनों राजनीति को धर्म के साथ मिला रहे हैं.” 

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