2024 के सोनीपत लोकसभा क्षेत्र में हुए सर्वे ने मचाया बवाल लोगों की पहली पसंद बना ये कैंडिडेट

लोकसभा चुनाव क्षेत्र सोनीपत

1. लोकसभा उम्मीदवार सर्वे 2024:

आगामी लोकसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए हाल ही में HNP NEWS PRIVATE LIMITED (मीडिया कंपनी) की तरफ से उम्मीदवार सर्वेक्षण 26 फरवरी से 4 मार्च के बीच कराया गया। सर्वेक्षण में सोनीपत लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 9 विधानसभा क्षेत्र (सोनीपत जिला-गोहाना, गन्नौर, बरोदा, राई, सोनीपत, खरखौदा और जींद जिला- सफीदो, जींद, जुलाना) के करीब 10 हजार से अधिक जिसमे प्रत्येक विधानसभा से एक हजार से अधिक सर्वे सेम्पल के आधर पर यह जानकारी प्राप्त की गई इसमें सभी वर्ग युवा, महिला, बुजुर्ग, नौकरी पैसा, किसान, दुकानदार, दलित वर्ग शामिल है। इसके अतिरिक्त हमने एक हजार से अधिक पूर्व सैनिकों व उनके परिजनों से भी जानकारी ली।

2. सोनीपत लोकसभा चुनाव में कर्नल रोहित चौधरी हैं कांग्रेस के लिए पहली पसंद वही दूसरे तरफ पर यह भी जानकारी जानने आई कि जनता नॉन जाट उम्मीदवार को देखना चाहती है जो को 20% लोगों का समर्थन रहा। HNP NEWS के लोकसभा उम्मीदवार सर्वे 2024 में हरियाणा की सोनीपत लोकसभा सीट पर कांग्रेस से कर्नल रोहित चौधरी को सबसे ज्यादा 50% लोगों ने समर्थन दिया। वहीं दूसरे नंबर पर नॉन जाट उम्मीदवार रहे, जिन्हें 18% लोग कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर देखना चाहते हैं वहीं तीसरे नंबर पर सुरेंदर दहिया को सर्वे में पसंद किया गया है, जिन्हें 11% लोगों का साथ मिला है। कांग्रेस के लिए सोनीपत लोकसभा की 9 विधानसभा सीटों पर कर्नल रोहित चौधरी पहली पसंद रहे।

3. इस सर्वे तीन बात मुक्यतः निकल कर आयी,..

4. – प्रत्याशी सिर्फ़ जाट बिरादरी का ही कामयाब होगा क्यूँकि BJP से ब्राह्मण प्रत्याशी आएगा। अगर कांग्रेस जाट को टिकट नहीं देती तो जाट वोट टूट कर किसी भी और निर्दलीय प्रत्याशी को जा सकता है जिसका खम्याजा विधान सभा में भुगतना पड़ सकता है।

5. 5. – दूसरा संत महात्मा को उतार कर कांग्रेस अपनी किसान जवान मज़दूर की हितैषी की छवि खो देगी। लोगो का कहना है कि संतों को वोट देनी है तो बीजेपी में क्या कमी है। इस गलती का कांग्रेस को इस चुनाव में और विधान सभा में भी नुक़सान उठाना पड़ेगा।

6.- तीसरा पहलू यह सामने आया कि, फ़ौजी परिवाओं ने पिछली बार भी राष्ट्रवाद के नाम पर मोदी को वोट दिए थे, लेकिन वो इस बार कर्नल रोहित को पूर्ण सहयोग देंगे, जो देश भर में फौजियों व अग्निपथ आंदोलन के चेहरा बन चुके हैं। लेकिन अगर कांग्रेस कर्नल की अनदेखी करती है तो पूर्ण सैनिक समाज पूरी तरह से मोदी को धारा 370 हटाने की वजह से वोट देगा। ऐसी स्थिति में कांग्रेस के प्रत्याशी की हार भारी वोटों निश्चित है।

7. – किसी भी कांग्रेस प्रत्याशी को पिछली बार के मुकाबले जीत के लिए कम से कम दो लाख अधिक वोट हासिल करनी पड़ेगी क्योंकि सीधे मुकाबले में जीत के लिए 6.5 लाख वोट चाहिए जो सिर्फ़ NEUTRAL वोट हासिल कर के ही हो पाएगी।

8. – फ़ौजी परीवारों के 4 लाख से अधिक वोट हैं, जो न्यूट्रल व राष्ट्रवादी हैं और धर्म जातिवाद से ऊपर उठ कर वोट करते हैं। ऐसे वोट बैंक को साध कर जीत हासिल की जा सकती है।

9. ऐसी स्थिति में साफ़ छवि के कर्नल रोहित चौधरी जीत हासिल कर सकते हैं। और उनके प्रत्याशी बनने पर पूरे हरियाणा प्रदेश की बाक़ी सीटों पर भी 7-8% का फ़ायदा मिल सकता है। इस सीट पर बड़ी-बड़ी हस्तियां चुनाव लड़ चुकी है। 1980 में ताऊ चौधरी देवी लाल ने जनता पार्टी (सेक्युलर) से चुनाव लड़ा। इस सीट से हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी 2019 में चुनाव लड़ा है। जाट बहुल इस सीट पर हमेशा से ही जाट नेताओं का दबदबा रहा है। इस बार सोनीपत लोकसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर कर्नल रोहित चौधरी को जनता के द्वारा पसंद किया जा रहा है।

10. 2024 का चुनाव कैसा होने वाला है?

2024 का चुनाव अभी होना बाकी है। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषक व जर्नलिस्ट धर्मवीर सिंह गौतम का मानना है कि इस चुनाव में भी भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होगा। भाजपा अपने मौजूदा सांसद रमेशचंद्र कौशिक को फिर से उम्मीदवार बना सकती है, जबकि कांग्रेस भी किसी मजबूत जाट चेहरे को मैदान में उतार सकती है। लेकिन HNP NEWS के उम्मीदवार सर्वे में जनता की पसंद के तौर पर कर्नल रोहित चौधरी का नाम सबसे आगे निकल कर आया है।

सोनीपत लोकसभा सीट का राजनीतिक इतिहास काफी दिलचस्प रहा है। इस सीट पर अब तक हुए 12 लोकसभा चुनावों में से नौ बार जाट उम्मीदवार विजयी रहे हैं। यह सीट दिल्ली से सटी हुई है और इसलिए इस पर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दोनों स्तर के राजनीतिक समीकरणों का असर पड़ता है।

11. 2014 का लोकसभा चुनाव

2014 के चुनाव में भाजपा के रमेशचंद्र कौशिक ने कांग्रेस के जगबीर सिंह मलिक को 77 हजार से ज्यादा मतों से हराकर सोनीपत सीट पर जीत हासिल की। लेकिन यह चुनाव मोदी लहर के दौरान हुआ।

12. 2019 का लोकसभा चुनाव

2019 के चुनाव में भाजपा के रमेशचंद्र कौशिक ने कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 1,64,000 से ज्यादा मतों से हराकर सोनीपत सीट पर जीत हासिल की थी लेकिन इस बार के चुनावी समीकरण कुछ और ही संकेत दे रहे हैं क्योंकि इस लोकसभा सीट पर करीब 90 हजार पूर्व सैनिकों के परिवार रहते हैं जो कि पिछले चुनाव में इन्होंने BJP को वोट किया था लेकिन इस बार आर्मी के अफसर रहे कर्नल रोहित चौधरी को ऐसे में कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार बनाती है तो 10 से 15 प्रतिशत वोट का इजाफा होने की पूरी पूरी संभावना है।

13. मुद्दे-

लोकसभा चुनाव 2024 में लोगों की ओर से भिन्न-भिन्न प्रकार के मुद्दे निकलकर सामने आए। ज्यादातर वो मुद्दे सामने निकलकर आए जिनको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमाम वादे तो किए लेकिन उन पर खरे नहीं उतरे जैसे,

  1. 2 करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष का वादा
  2. अग्निवीर स्कीम का मुद्दा
  3. मंहगाई का मुद्दा
  4. भ्रष्टाचार का मुद्दा
  5. किसानों की एमएसपी का मुद्दा
  6. वन रैंक वन पेंशन का मुद्दा
  7. विकास का मुद्दा

उपर्युक्त मुद्दों पर बीजेपी सांसद रमेश कौशिक और प्रधानमंत्री मोदी नीतियों पर खरा न उतरने की वजह से सोनीपत लोकसभा क्षेत्र की जनता काफी नाराज व हताश नजर आई। इस वजह से इस बार के चुनाव में जनता परिवर्तन चाहती है।

14. बूथ स्तर मैनजमेंट

अगर उम्मीदवार सर्वेक्षण के आधार पर बात करें तो सोनीपत लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 90 हजार से अधिर संख्या एक्स सर्विस मैन (जो कि पूर्व सैनिकों) की पाई जाती है। शहरी इलाकों ओर ग्रामीण इलाकों में बात करने पर पता चला है कि अगर इस बार के लोकसभा चुनाव में कर्नल रोहित चौधरी को कांग्रेस पार्टी की तरफ से उम्मीदवार बनाया जाता है तो पूर्व सैनिक बूथ लेवल पर बखूबी ढंग से मैनेजमेंट कर सकते हैं। इससे कांग्रेस पार्टी को काफी बड़ा लाभ होने की संभावना देखी जा सकती है।

2019 में जहां कांग्रेस पार्टी को 37.6 फीसद वोट प्राप्त हुए वहीं बीजेपी को 52.1 फीसद वोट प्राप्त हुए। अगर वहीं कांग्रेस पार्टी की तरफ से कर्नल रोहित चौधरी को इस सीट से उम्मीदवार बनाया जाता है तो पूर्व सैनिकों का 10-15 (90 हजार से ज्यादा) फीसद वोट कांग्रेस के पक्ष में जाने की पूरी पूरी उम्मीद है। जो कि 2024 लोकसभा चुनाव की सोनीपत लोकसभा सीट के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।

15. सोनीपत में जातीय समीकरण क्या है?

सोनीपत सीट पर कुल कितने मतदाता-

सोनीपत लोकसभा सीट में करीब 18 लाख मतदाता हैं, जिसमें अगर पुरुष मतदाताओं की संख्या की बात करें तो 9.5 लाख से अधिक पुरुष मतदाता हैं तो वहीं महिला वोटरों की संख्या करीब 8 लाख से अधिक है. 2019 के लोकसभा चुनाव में लगभग 11 लाख मतदाताओं ने मतदान किया था. पिछले लोकसभा में यहां 67 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई थी. बता दें कि सोनीपत में जाट वोटरों की संख्या काफी अधिक है. 7 लाख से ज्यादा यहां जाट मतदाता हैं (40 फीसदी जाट) वही इस सीट पर ब्राह्मण वोटरों की संख्या भी अच्छी खासी है (21 फीसदी ब्राह्मण) वही दलित वोटरों की संख्या करीब 19 फीसदी के करीब है दूसरी तरफ 20 फीसदी अन्य लोग भी इस चुनाव में रणनीतिक भूमिका निभा सकते है। इस बार के लोकसभा चुनाव में हिन्दू मुस्लिम से ऊपर उठ कर धर्मनिरपेक्षता को आगे रख कर राष्ट्रवाद के नाम पर वोट करेंगे।

पिछली बार कांग्रेस का वोटशेयर भाजपा की तरफ खिसका था। इस साल भाजपा का वोट बैंक बढ़ेगा या घटेगा यह कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार पर निर्भर करेगा। यहां के किसान और युवा मोदी सरकार की नीतियों से ज्यादा खुश नही हैं लेकिन ये आने वाले लोकसभा चुनाव में इसका असर देखने को मिल सकता है।

© HNP NEWS PRIVATE LIMITED (Media Company)
(B36A LAXMI NAGAR, DELHI-110092, Phone No 011-41082007)
x