Lok Sabha Elections 2024 Bjp Congress Who Will Contest In Chhindwara Deoria And Jhunjhunu Seats – Candidate Kaun: कमलनाथ के गढ़ में सेंध के लिए BJP का दांव किस पर? क्या खतरे में देवरिया और झुंझुनूं सांसदों के टिकट



p2ceo2e kamal nath nakul nath Lok Sabha Elections 2024 Bjp Congress Who Will Contest In Chhindwara Deoria And Jhunjhunu Seats - Candidate Kaun: कमलनाथ के गढ़ में सेंध के लिए BJP का दांव किस पर? क्या खतरे में देवरिया और झुंझुनूं सांसदों के टिकट

देवरिया सीट (उत्तर प्रदेश)

सबसे पहले बात पूर्वी उत्तर प्रदेश की देवरिया सीट की करते हैं. ये सीट गोरखपुर से सटे देवरिया ज़िले में आती है, जिसे देवनगरी या देवस्थान भी कहा जाता है. देवरिया ज़िले में तीन लोकसभा सीटें हैं…सलेमपुर, बांसगांव और देवरिया. देवरिया सीट फिलहाल बीजेपी के पास है. रमापति राम त्रिपाठी मौजूदा सांसद हैं.

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पहले कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी देवरिया

देवरिया सीट पहले कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी, लेकिन धीरे-धीरे यहां पहले बीएसपी और अब बीजेपी ताकतवर हो गयी. 2009 में बीएसपी के गोरख प्रसाद जायसवाल यहां से सांसद चुने गए थे. फिर 2014 में बीजेपी के कलराज मिश्र इस सीट से लोकसभा पहुंचे. 2019 के चुनाव में बीजेपी के रमापति राम त्रिपाठी ने यहां से चुनाव जीता.

2019 के चुनाव में रमापति राम त्रिपाठी ने बीएसपी के बिनोद कुमार जायसवाल को 2 लाख से ज़्यादा मतों से हराया था. यहां 10,15,596 वोट पड़े थे. इसमें रमापति राम त्रिपाठी को 5,80,644 वोट मिले थे. बीएसपी के बिनोद कुमार जायसवाल को 3,30,713 वोट मिले थे.

कांग्रेस-सपा गठबंधन किसे देगी टिकट?

देवरिया सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और सपा-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार से हो सकता है. हमारी रिपोर्ट कहती है कि INDIA गठबंधन से यहां कांग्रेस का उम्मीदवार उतरेगा. कांग्रेस के उम्मीदवार मीटर में अजय कुमार लल्लू का नाम भी काफी आगे लग रहा है. ये पूर्व विधायक रहे हैं. साथ ही प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं. लिस्ट में अखिलेश प्रताप सिंह का नाम भी है. ये 2012 में यूपी की रुद्रपुर सीट से विधायक रहे हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. इस क्षेत्र में वो काफी लोकप्रिय माने जाते हैं.  

इसके साथ ही वरिष्ठ कांग्रेस नेता पुरुषोत्तम नारायण सिंह का भी नाम चर्चा में है. नारायण सिंह प्रदेश कांग्रेस समिति के सदस्य हैं. लिस्ट में सुयश मणि त्रिपाठी का नाम भी है. पूर्व आईपीएस उमेश कुमार सिंह का नाम भी सामने आ रहा है. ये एसटीएफ में आईजी रहे थे और हाल ही में आईजी के पद से रिटायर हुए. कांग्रेस सदस्य और व्यापारी अजवार अहमद की दावेदारी से भी इनकार नहीं किया जा सकता.

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देवरिया में बीजेपी किसपर लगाएगी दांव?

इस सीट पर बीजेपी रमापति राम त्रिपाठी को फिर से मौका दे सकती है. मौजूदा सांसद ने पिछली बार करीब 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी. बीजेपी में इस सीट के लिए एक और दावेदार का नाम सामने आ रहा है. देवरिया से बीजेपी के मौजूदा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी देवरिया से सांसदी का चुनाव लड़ सकते हैं. शलभ मणि त्रिपाठी पहले पत्रकारिता में थे. फिर राजनीति में आ गए. 2022 के यूपी चुनाव में उन्होंने देवरिया से ताल ठोंका और विधानसभा पहुंचे.

बीजेपी के कद्दावर नेता सूर्य प्रताप शाही का नाम भी इस लिस्ट में है. शाही कसिया विधानसभा से 3 बार विधायक बने. दो बार यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं. 1984 में जब कांग्रेस की लहर चली थी, तब चुनिंदा नेताओं में थे, जो चुनाव जीते थे. फिलहाल वो योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. इनके नाम की भी देवरिया से चर्चा तेज़ है. 

देवरिया सीट के लिए बीजेपी के पास संभावित कैंडिडेट्स की कोई कमी नहीं लग रही है. लिस्ट में एस एन सिंह का नाम भी शामिल है. ये राज्य में बीजेपी के प्रवक्ता हैं. इनका टिकट अभी वेटिंग में है. दावेदार के तौर पर अजय मणि त्रिपाठी का नाम भी सामने आ रहा है. अजय मणि पेशे से टीचर हैं और देवरिया के सेवा समिति बनवारी इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल हैं. इनका टिकट अभी वेटिंग में है.   

छिंदवाड़ा सीट (मध्य प्रदेश)

यूपी के बाद अब एमपी का रुख करते हैं और छिंदवाड़ा सीट का हाल जानते हैं. छिंदवाड़ा ऐसी लोकसभा सीट है, जिसे कांग्रेस किसी कीमत पर हाथ से नहीं जाने देना चाहेगी. जबकि बीजेपी इसे जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोड़ लगा रही है. इस सीट पर कई सालों से कांग्रेस का कब्ज़ा है. कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम कमलनाथ यहां से 5 बार चुनाव जीते. फिलहाल कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ यहां से सांसद हैं.

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2019 में नकुलनाथ ने बीजेपी के नत्थन शाह को कड़े मुकाबले में हराया था. 2019 के लोकसभा चुनावों में छिंदवाड़ा में 12,48,478 वोट पड़े थे. नकुलनाथ को 5,47,305 वोट मिले. जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी नत्थन शाह को 5,09,769 वोट हासिल हुए.

कांग्रेस किसे बनाएगी उम्मीदवार?

छिंदवाड़ा की सीट कमलनाथ ने पांच बार जीती. 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में कमलनाथ यहां से सांसद बने. 2019 में उनके बेटे नकुलनाथ यहां से चुनाव लड़ते हैं. जनता उन्हें भी जीत का सेहरा पहनाती है. इस बार कांग्रेस कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को इस सीट से टिकट देगी. नकुलनाथ का टिकट जल्द कंफर्म हो सकता है.

बीजेपी किसपर खेलेगी दांव?

इस सीट पर बीजेपी की नजर है. बीजेपी से मोनिका भट्टी का नाम बतौर उम्मीदवार सबसे पहले चल रहा है. मोनिका भट्टी अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष रही हैं. गोंडवाना पार्टी का अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में बहुत प्रभाव माना जाता है. उनके पिता मनमोहन शाह भट्टी 2003 में यहां से विधायक रहे. पिछले विधानसभा चुनाव से पहले ही मोनिका ने बीजेपी का दामन थामा था. उन्हें पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पार्टी की सदस्यता दिलाई थी. 

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बीजेपी से विवेक बंटी साहू का नाम भी चर्चा में है. ये बीजेपी युवा मोर्चा के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं. 2019 के विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी ने उन्हें कमलनाथ के सामने प्रत्याशी बनाया था. हालांकि वो हार गए थे. बीजेपी एक बार फिर नत्थन शाह पर भरोसा कर सकती है. उम्मीदवार मीटर में उनका नाम काफी ऊपर चल रहा है. नत्थन शाह पिछले लोकसभा चुनावों में इस सीट से रनर अप रहे थे. वो जुन्नारदेव विधान सभा सीट से विधायक रहे हैं. विधान सबा प्रभारी के तौर पर भी काम किया है. लंबे समय से संघ से जुड़े रहे हैं. 

छिंदवाड़ा सीट पर बीजेपी से चौधरी चंद्रभान सिंह का नाम भी चर्चा में है. ये छिंदवाड़ा विधानसभा से 4 बार विधायक रहे हैं. 2014 में वो छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. हालांकि, उन्हें कमलनाथ ने 1 लाख से ज़्यादा वोट से हराया था. बीजेपी में दावेदार के तौर पर डॉक्टर गगन कोल्हे का नाम भी चर्चा में है. ये एमपी रेड क्रॉस सोसायटी के चेयरमैन हैं. संघ में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है. छिंदवाड़ा ज़िला के सरसंघचालक रहे हैं. साफ़ छवि के कारण इनकी दावेदारी से इनकार नहीं किया जा सकता.

 

झुंझुनू सीट (राजस्थान)

आखिर में बात राजस्थान के झुंझुनू सीट की करते हैं. इस सीट पर एक समय पर कांग्रेस का बोलबाला था, लेकिन अब यहां बीजेपी का कब्ज़ा है. बीजेपी के नरेंद्र कुमार झुंझुनू से मौजूदा सांसद हैं. 2019 में नरेंद्र कुमार ने कांग्रेस के श्रवण कुमार को हराया था. 2019 में यहां 12,03,702 वोट पड़े थे. नरेंद्र कुमार को 7,38,163 वोट मिले थे. उनके निकटतम प्रतिद्वंदी श्रवण कुमार को 4,35,616 को वोट मिले. नरेंद्र कुमार 3 लाख से ज़्यादा वोट से जीते थे.

नरेंद्र कुमार से पहले 2014 में भी बीजेपी यहां से जीती थी, तब संतोष अहलावात ने सीट पर कब्ज़ा किया था. जबकि उससे पहले कांग्रेस के सीस राम ओला यहां 1999, 2004 और 2009 में जीते थे. सीस राम इससे पहले 1996 में ऑल इंडिया इंदिरा कांग्रेस (टी) और 1998 में ऑल इंडिया इंदिरा कांग्रेस (एस) के टिकट से भी जीते थे.   

बीजेपी किसे देगी टिकट?

बीजेपी इस सीट पर शुभकरण चौधरी को टिकट दे सकती है. इनका नाम बीजेपी की उम्मीदवार लिस्ट में काफ़ी आगे माना जा रहा है. चौधरी उदयपुरवाटी सीट से पूर्व विधायक हैं और जाट नेता हैं. झुंझुनू, पिलानी और सूरजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है. बीजेपी से दूसरा नाम बनवारी लाल रणवां का सामने आ रहा है. ये जाट चेहरा हैं और शिक्षा विद हैं. डूंडलोद शिक्षा संस्थान के सचिव हैं. नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं. संघ के नज़दीक माने जाते हैं. विश्वंभर पूनिया का नाम भी सामने आ रहा है. बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में नाम आता है. जाट समाज से आते हैं.

कांग्रेस किस पर दिखाएगी भरोसा?

कांग्रेस से दावेदारों की लिस्ट में पहला नाम बृजेंद्र ओला का है. ओला झुंझुनू से विधायक हैं और कांग्रेस के कद्दावर नेता दिवंगत सीसराम ओला के बेटे हैं. झुंझुनू क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ है. डॉ. राजबाला ओला का नाम भी चर्चा में चल रहा है. ये विधायक बृजेंद्र ओला की पत्नी हैं और पूर्व ज़िला प्रमुख हैं. उन्होंने दो बार लोकसभा चुनाव लड़ा. तीसरे दावेदार के तौर पर दिनेश सुंडा का नाम चल रहा है. इस क्षेत्र में वह कांग्रेस का चुवा चेहरा हैं. युवा होने के नाते इनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है.

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