Lok Sabha Elections 2024: Chandrapur Seat Of Maharashtra Becomes Hot Seat, Will BJP Win Or Congress? – कहानी महाराष्ट्र में कांग्रेस की 2019 में जीती एकमात्र सीट की… क्या बच पाएगी या BJP मारेगी बाजी?



0pjvmjvo bjp congress Lok Sabha Elections 2024: Chandrapur Seat Of Maharashtra Becomes Hot Seat, Will BJP Win Or Congress? - कहानी महाराष्ट्र में कांग्रेस की 2019 में जीती एकमात्र सीट की... क्या बच पाएगी या BJP मारेगी बाजी?

चंद्रपुर को लेकर कांग्रेस अब तक इसी उलझन में फंसी है कि किस उम्मीदवार को उतारे. वहीं बीजेपी ने चार बार के सांसद और पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर की जगह चंद्रपुर लोकसभा सीट जीतने के लिए अपने धुरंधर नेता और राज्य सरकार में वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को मैदान में उतारा है. वहीं, कांग्रेस के दावेदार आपस में ही लड़ते नजर आ रहे हैं तो बीजेपी में भी अंदरूनी नाराजगी से नुकसान का अंदेशा जताया जा रहा है. 19 अप्रैल को पहले चरण में जिन सीटों पर चुनाव होने हैं, उनमें चंद्रपुर सीट की लड़ाई काफी द‍िलचस्‍प रहने वाली है. 

चंद्रपुर लोकसभा सीट महाराष्‍ट्र के पूर्वी विदर्भ इलाके में आती है. ये क्षेत्र लंबे समय तक कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा है. हालांकि 2019 से पहले यहां BJP ने जीत की हैट्रिक बनाई थी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने इस सीट पर वापसी की थी. 

अब बीजेपी ने अपने धुरंधर नेता और राज्य सरकार में वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को मैदान में उतारा है. राज्य से संसद की दौड़ में मुनगंटीवार उत्‍साह से लबरेज हैं. उन्‍होंने एनडीटीवी से कहा कि मोदी की लहर में जीत निश्चित है.

अहीर की जगह मुनगंटीवार पर भरोसा 

चंद्रपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, 1952 में स्थापित किया गया था. पूर्व केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर ने 1996 में चंद्रपुर जीता, जिससे भाजपा को तत्कालीन कांग्रेस के गढ़ में पहली सफलता मिली. इसके बाद अहीर ने 2004, 2009 और 2014 में भी सीट पर जीत दर्ज की. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने वापसी करते हुए जो एकमात्र सीट जीती वो विदर्भ की चंद्रपुर ही थी. तब कांग्रेस उम्मीदवार सुरेश धानोरकर ने बीजेपी के कद्दावर नेता हंसराज अहीर को हराया था. मई 2023 में सांसद धानोरकर के निधन के बाद से यह सीट खाली है. इस बार भी आस हंसराज अहीर को ही थी, लेकिन मुनगंटीवार चुने गए. 

कांग्रेस में अभी तक तय नहीं उम्‍मीदवार 

दूसरी ओर, कांग्रेस अभी तक उम्मीदवारी की उलझन को सुलझी नहीं पाई है. कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार की बेटी शिवानी वडेट्टीवार या दिवंगत बालू धानोरकर की पत्नी विधायक प्रतिभा धानोरकर में से किसी एक को मौका दे सकती है. अपनी एकमात्र जीती हुई सीट पाने के किए कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इस सीट को लेकर पार्टी जातीय और सामाजिक समीकरण बिठाने में जुटी है. 

कभी कांग्रेस का गढ़ रही इस लोकसभा सीट में कुल छह विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनमें से तीन सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, जबकि दो सीटों पर कांग्रेस और एक सीट निर्दलीय के पास है. यानी टक्कर एकतरफा नहीं है. 

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