Lok Sabha Elections 2024 Smriti Iranis Swipe At Rahul Gandhi Do Not Give Him Too Much Importance – वह पहली बार अमेठी से नहीं भागे: स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर साधा निशाना



5c8t441 smriti irani Lok Sabha Elections 2024 Smriti Iranis Swipe At Rahul Gandhi Do Not Give Him Too Much Importance - वह पहली बार अमेठी से नहीं भागे: स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर साधा निशाना

एनडीटीवी से खास बातचीत करते हुए, यह पता चलने के बाद कि राहुल गांधी, जिन्हें उन्होंने 2019 में हराया था, उनके खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि रायबरेली से लड़ेंगे, स्‍मृति ईरानी ने कहा कि यह उनके लिए गर्व की बात है कि “एक साधारण भाजपा कार्यकर्ता ने गांधी परिवार का बोरिया-बिस्‍तर बांध दिया.” बता दें कि रायबरेली एकमात्र सीट थी, जिसे कांग्रेस ने 2019 में उत्तर प्रदेश में जीता था. यह पूछे जाने पर कि वह राहुल गांधी के नामांकन के दिन के घटनाक्रम को कैसे देखती हैं, महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा, “मुझे लगता है कि कांग्रेस का नामांकन और पूरे गांधी परिवार का अमेठी की लड़ाई से पीछे हटना महत्वपूर्ण है, क्योंकि जहां तक ​​मेरा सवाल है, यह अमेठी से कांग्रेस पार्टी की हार की घोषणा.”

…तो गांधी परिवार अमेठी से लड़ाई लड़ता

40 वर्षों तक अमेठी में काम करने वाले गांधी परिवार के वफादार किशोरी लाल शर्मा को टिकट मिलने और कांग्रेस के यह दावा करने पर कि वह एक जमीनी स्तर के कार्यकर्ता को मौका दे रही है, स्‍मृति ईरानी ने कहा कि जिन लोगों ने पर्याप्त राजनीति देखी है उन्हें कब पता चलेगा “धोखाधड़ी” की जा रही है. उन्होंने दावा किया, “अगर गांधी परिवार के जीतने की थोड़ी भी संभावना होती, तो वे यहां अमेठी में लड़ाई लड़ते.”

राहुल गांधी पहली बार अमेठी से नहीं भागे 

क्या स्‍मृति ईरानी चाहती हैं कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ें, उन्‍होंने कहा कि वह 2019 में पहले ही इतिहास रच चुकी हैं, जब उन्होंने मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष को हराया था. उन्‍होंने कहा, “यह पहली बार नहीं है कि राहुल गांधी अमेठी से भागे हैं. वह 2019 में भी भागे थे. फर्क सिर्फ इतना है कि पिछली बार उन्होंने वायनाड में आराम मांगा था और इस बार उन्होंने अमेठी से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया. तो यह है दूसरी बार राहुल गांधी ने अमेठी में लड़ाई से मुंह मोड़ लिया.”

‘जीवन में बहुत कुछ किया है’

यह पूछे जाने पर कि क्या वह राहुल गांधी को रायबरेली में भी चुनौती देना चाहेंगी, उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि आप राहुल गांधी को बहुत अधिक महत्व देते हैं. मैं एक स्व-निर्मित महिला हूं. मीडिया में मेरा 2.5 दशक का सफल करियर रहा है. मैं एक सांसद रही हूं. मुझे 2015 में ही विश्व आर्थिक मंच का वैश्विक नेता घोषित किया गया है… मैंने जीवन में बहुत कुछ किया है. मुझे अपना करियर या अपना नाम बनाने के लिए राहुल गांधी की जरूरत नहीं है.”

उन्‍होंने आगे कहा, “और वैसे, मैंने ऐसा किसी राजनेता के सहारे के बिना किया है. मैंने इसके लिए कठिक परिश्रम किया है. इसलिए मैंने इसे बिना आराम किये और व्यक्तिगत कीमत पर किया है. राहुल गांधी दुर्भाग्य से, उन्होंने न केवल उनके पूरे राजनीतिक संगठन को, बल्कि उनकी पारिवारिक विरासत को भी नीचा दिखाया है. मुझे लगता है कि यह बहुत कुछ कहता है कि भाजपा का एक साधारण कार्यकर्ता गांधी परिवार को हरा सकता था.”

…तो राहुल गांधी वायनाड से लड़ते

रॉबर्ट वाड्रा के यह कहने पर कि वह अमेठी से चुनाव लड़ना चाहते हैं, स्‍मृति ईरानी ने कहा, “मुझे लगता है कि अगर सोनिया गांधी को नहीं लगता कि उनके दामाद भारतीय राजनीति में रहने के लिए पर्याप्त सक्षम हैं, तो यह निर्णय श्रीमती गांधी को लेना है. मेरे लिए विचार करने लायक कुछ भी नहीं है.” 

इस बात पर जोर देते हुए कि कांग्रेस मौजूदा लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएगी, उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि अमेठी से गांधी परिवार न लड़ना ही संकेत है कि यह कांग्रेस पार्टी के राजनीतिक ताबूत की आखिरी मौत की घंटी है… 79 (उत्तर प्रदेश की सीट) खुद कांग्रेस पार्टी ने घोषित कर दी थी कि वे हार रहे हैं. 80वीं सीट रायबरेली है, अन्यथा वे वायनाड से कभी नहीं लड़ते.”

अपने पूर्व प्रतिद्वंद्वी पर एक और कटाक्ष करते हुए स्‍मृति ईरानी ने कहा, “याद रखें राहुल गांधी यह लड़ाई अकेले नहीं लड़ रहे हैं. उन्होंने समाजवादी पार्टी का समर्थन लिया है. तो यह कैसा नेता है, जो अपनी लड़ाई खुद अकेला नहीं लड़ सकता?”

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